कॉर्पोरेट इन-हाउस काउंसिल को BSA की धारा 132 का संरक्षण नहीं

  • सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय दिया है कि कॉर्पोरेट संस्थाओं में कार्यरत इन-हाउस काउंसल (कानूनी सलाहकार) को भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) की धारा 132 के तहत ‘वकील-ग्राहक विशेषाधिकार’ (client-attorney privilege) का लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि वे अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के अर्थ में ‘अधिवक्ता’ नहीं हैं।"
  • धारा 132, BSA के अनुसार, अधिवक्ता और उनके मुवक्किल के बीच की संचार प्रक्रिया संरक्षित होती है, किन्तु कुछ अपवादों के साथ।
  • ये अपवाद हैं- यदि कोई संचार किसी अवैध उद्देश्य की पूर्ति हेतु किया गया हो; तथा यदि किसी अधिवक्ता ने अपनी सेवा के दौरान ऐसा तथ्य देखा हो जो यह दर्शाता ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

राष्ट्रीय परिदृश्य