सिविल सर्विसेज मेन्स परीक्षा 2020 लोक प्रशासन पेपर I


खण्ड-A

1- निम्नलिखित में से प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में उत्तर दीजिएः 10×5 = 50

(a) ‘लोक प्रशासन का सामर्थ्य लोक नीति निर्माण तथा क्रियान्वयन की जटिलताओं और बारीकियों की अन्वेषणा में है’। विवेचना कीजिए। 10
(b) ‘टेलर के वैज्ञानिक प्रबंधन में विश्लेषण के सिद्धान्त और कार्यवाही के सिद्धान्त में अंतर नहीं किया गया।’ टिप्पणी कीजिए। 10
(c) ‘विधि के शासन के अनुप्रयोग में स्वेच्छाचारिता कमजोर शासन का प्राथमिक कारण है।’ विवेचना कीजिए। 10
(d) ‘जवाबदेयता और उत्तरदायित्व के संदर्भ में संगठन के विभाग, मण्डल तथा आयोग संगठन के भिन्न प्रारुप हैं।’ विश्लेषण कीजिए। 10
(e) प्रशासनिक मानव, मनोवैज्ञानिक मानव तथा तार्किक मानव का सेतुबन्धन है। व्याख्या कीजिए। 10


2- (a) ‘शासन की ओर गतिशीलता, प्रबंध एवं लोक प्रशासन के लिए एक सांगठनिक अवधारणा है क्योंकि प्रशासन का केंद्र बिन्दु नौकरशाही राज्य से ‘खोखला राज्य’ और ‘तृतीय पक्ष सरकार’की ओर स्थानान्तरित हो रहा है। आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। 20
(b) ‘भविष्य के संगठन सावयवी-अनुकूली संरचनाएं होंगी परंतु वे अस्थायी व्यवस्थाएं होंगी।’ वॉरेन बेनिस ने संगठन के नये प्रारूप का चरित्र-चित्रण किस प्रकार से किया है, विवेचना कीजिए। 15
(c) ‘उत्पादकता कार्यदशाओं का परिणाम नहीं बल्कि कार्य निष्पादन के प्रति कामगारों की भावनात्मक प्रतिक्रिया का परिणाम है’। क्या एल्टन मेयो के निष्कर्ष समसामयिक संगठनों में प्रासंगिक है? 15


3- (a) ‘निष्पादन सूचना उपयोग’ सांगठनिक व्यवहार का एक प्रारूप है जो व्यक्ति, कार्य, सांगठनिक एवं पर्यावरणीय कारकों से प्रभावित होता है।’ आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। 20
(b) नव लोक सेवा, लोक प्रशासन सिद्धान्त एवं व्यवहार के आधार हेतु लोकतंत्र एवं नागरिकता पर जोर देती है। स्पष्ट कीजिए। 15
(c) ‘नव लोक प्रबंध के अन्तर्गत जवाबदेयता आमूल परिवर्तन से गुजरी है, यद्यपि सकेन्द्रण निरंतर प्रबंध पर रहा है।’ टिप्पणी कीजिए। 15


4- (a) ‘प्रशासनिक कानून के क्षेत्र में हुए विकास, राज्य और समाज के बीच तथा न्याय और प्रशासन के बीच बढ़ती धुंधली सीमाओं को प्रदर्शित करते हैं।’ क्या प्रशासनिक कानून संविधान की तुलना में अधिक संवैधानिक बन चुका है? तर्क कीजिए। 20
(b) ‘अभिप्रेरण के विषयवस्तु तथा प्रक्रिया सिद्धान्त का केंद्र बिन्दु एक ही है किन्तु दृष्टिकोणों में भिन्नता है। क्या आप सहमत हैं ?कारण दीजिए। 15
(c) नागरिक केंद्रिकता एवं अधिकार आधारित दृष्टिकोण पर जोर, नागरिकों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से है। उपर्युक्त के प्रकाश में, क्या प्रशासनिक जवाबदेयता उन्नत हुई है? अपने तर्क को उचित सिद्ध कीजिए। 15


खण्ड-B


5- निम्नलिखित में से प्रत्येक का लगभग 150 शब्दों में उत्तर दीजिएः 10 × 5 = 50

(a) ‘तुलनात्मक लोक प्रशासन न तो अपने किसी प्रतिमान से शुरू हुआ और न कोई विकसित किया।’ टिप्पणी कीजिए। 10
(b) बाजार पदसोपानीय संरचनाएं और नेटवर्क्स, सरकार में आधुनिक शासन संचालन का प्रतिनिधित्व करते हैं। व्याख्या कीजिए। 10
(c) क्या नीति विश्लेषण राजनैतिक और सामाजिक व्यवस्था में यथास्थिति के औचित्यपूर्णता का प्रमुख स्रोत बन चुका है विवेचना कीजिए। 10
(d) ‘राजकोषीय नीति को असमता जटिलता और सुधार विरोध को संबोधित करना चाहिए।’ व्याख्या कीजिए। 10
(e) कदाचार के निवारण हेतु राजनैतिक एवं प्रशासनिक स्तरों पर नैतिक मूल्यों के संस्थाकरण की आवश्यकता है। औचित्य सिद्ध कीजिए। 10


6- (a) ‘प्रशासनिक विचारों को उस पर्यावरण के संदर्भ में देखा जाना चाहिए जिसमें वे विकसित होते हैं।’ उपर्युक्त कथन के प्रकाश में लोक प्रशासन के तुलनात्मक अध्ययनों पर नव लोक प्रबंधन तथा सूचना एवं संप्रेषण तकनीकी के प्रभाव का परीक्षण कीजिए।20
(b) सामाजिक-आर्थिक विकास में सकारात्मक प्रयास भेदभाव का पूर्णरूपेण निराकरण नहीं कर पाया है। महिला सशक्तिकरण के सन्दर्भ में इसकी विवेचना कीजिए। 15
(c) क्या राजनैतिक वास्तविकताओं ने प्रमाण आधारित नीति निर्माण की गति को बाधित किया है ? आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। 15


7- (a) ‘भूमण्डलीकरण राष्ट्रीय नीति निर्माण के संदर्भ को प्रभावित कर रहा है। राष्ट्रीय नीति कार्यसूची अंतरराष्ट्रीय बनती जा रही है।’ व्याख्या कीजिए। 20
(b) ‘लोक सेवा प्रदायगी के लिए सहयोग और इसके सजातों को शासन के दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता है।’ टिप्पणी कीजिए। 15
(c) प्रशासनिक सुधार प्रतिरोध के विरूद्ध प्रशासनिक रूपान्तरण का एक कृषिम प्रलोभन है। (गेराल्ड केडन)। इससे निजात पाने के लिए प्रतिरोधों एवं प्रलोभनों की प्रकृति की पहचान कीजिए। 15


8- (a) सूचना प्रौद्योगिकी में विकास की विघटनकारी प्रकृति ने विगत एक दशक में ई--शासन की रूपरेखाओं को परिवर्तित किया है। विश्लेषण कीजिए। 20
(b) निष्पादन प्रबंधन रूपरेखा, निष्पादन के नियोजन, प्रमापन और अनुश्रवण के बीच देखने की स्पष्टता को सक्षम बनाता है। आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। 15
(c) निष्पादन बजटन के उद्देश्यों में खर्च वरीयताकरण, प्रभावशीलता तथा कार्यकुशलता का उन्नयन करना निहित है। क्या निष्पादन बजटन ने सरकारी व्यवस्था में प्रभावशाली रूप से कार्य किया है? तर्क दीजिए। 15