सिविल सर्विसेज मेन्स परीक्षा 2020 लोक प्रशासन पेपर II


खण्ड-A

1- निम्नलिखित में से प्रत्येक का लगभग 150 शब्दों में उत्तर दीजिएः 10×5 = 50

(a) मुगल प्रशासन में भारतीय और गैर-भारतीय तत्वों का संयोजन शामिल था। विवेचना कीजिए 10
(b) नौकरशाही मूल्यों और लोकतांत्रिक मूल्यों में स्थिर और निरन्तर टकराव रहता है जिससे विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। क्या आप सहमत हैं? विस्तार से समझाइए। 10
(c) संसदीय समितियां, संसदीय कार्य के विचारोत्तेजक केंद्र (कोर) पर हैं जो कि विधायी शोधन के लिए महत्वपूर्ण है। विस्तार से समझाइए। 10
(d) भारतीय विविधता को ध्यान में रखते हुए ‘एक आकार सभी के लिए’ नियोजन सूत्र को सांकेतिक नियोजन के पक्ष में रद्द किया गया। भारत के लिए यह किस हद तक लाभदायी रहा है 10
(e) भले ही सभी राज्य एकसाथ मिल जाए, वे वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) परिषद में निर्णय लेने में अपनी बात नहीं मनवा सकते, जब तक कि संघ सहमत ना हो। भारत में संघवाद के परिदृश्य में इसका विश्लेषण कीजिए। 10


2- (a) शासन में जिला प्रशासन सबसे महत्वपूर्ण इकाई है। ज्यादातर केंद्रीय एवं राज्यीय योजनाएं एवं कार्यक्रम जिला प्रशासन की ओर निर्देशित किए जाते हैं। इस संदर्भ में जिला प्रशासन के समक्ष चुनौतियों और समस्याओं का विवेचन कीजिए। 20
(b) भारत के संविधान का संरचनात्मक भाग व्यापक परिमाण में भारत सरकार अधिनियम 1935 से लिया गया है, जबकि दार्शनिक भाग के कई अन्य स्रोत हैं। दार्शनिक भाग के स्रोतों की विवेचना कीजिए। 15
(c) भारत की लोक सेवाएं ब्रिटिश राज से विकसित हैं। इन सेवाओं के भारतीयकरण का पथ निर्धारण कीजिए। 15


3. (a) क्या सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख निकायों का निजीकरण भारत में लोक हित के लिए अच्छा संकेत है? उपयुक्त उदाहरणों सहित विवेचना कीजिए। 20
(b) लोकतांत्रिक मूल्यों की भावनाओं की आवश्यकता है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता पूर्ण रहे। यह सही अवसर है कि अखिल भारतीय न्यायिक सेवा (ए.आइ.जे.एस.) की स्थापना की जाती। विस्तार से समझाइए। 20
(c) समय की मांग है कि भारतीय निर्वाचन आयोग एवं उसके आयुक्तों को सुदृढ़ किया जाए। इसको अधिक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष करने के लिए सुझाव दीजिए। 10


4. (a) वर्तमान महामारी की स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति का परीक्षण कीजिए। समस्याओं को पहचानिए और सुधार के सुझाव दीजिए। 20
(b) सरकारों के बनने और विघटन में राज्य विधान-सभा के अध्यक्ष ने महत्वपूर्ण भूमिका हासिल कर ली है। गठबंधन सरकारों की पारीस्थितियों में उदाहरण सहित परीक्षण कीजिए। 20
(c) जिला स्तर पर पुलिस, जिला दण्डनायक के समग्र पर्यवेक्षण और नियंत्रण में कार्य करती है। टिप्पणी कीजिए। 10


खण्ड-B


5- निम्नलिखित में से प्रत्येक का लगभग 150 शब्दों में उत्तर दीजिएः 10×5 = 50

(a) लोकतांत्रिक सरकारों में सिविल सेवकों की राजनीतिक तटस्थता एक मुख्य सिद्धांत माना गया है। क्या भारत में इसके व्यवहार में पवित्रता बनायी रखी गई है? विस्तार से समझाइए। 10
(b) बजट राज्य-व्यवस्था के वित्तीय स्वास्थ्य का सूचक है, जो उसकी आय और व्यय की विवरणी में प्रतिबिम्बित होता है। विवेचना कीजिए। 10
(c) पंचायती राज संस्थाएं अभी भी राज्य के नियंत्रण एवं नौकरशाही के प्रभुत्व से ग्रस्त हैं। अपने कथन के पक्ष में तर्क दीजिए। 10
(d) शहरी स्थानीय शासन हमेशा से वित्तीय स्वायत्तता के अभाव और धन की कमी से पीडि़त रहा है। विस्तार से समझाइए। 10
(e) पुलिस जांच को अभियोजन से पृथक करने की लम्बे समय से मांग रही है। इसके गुणों और दोषों का विश्लेषण कीजिए। 10


6- (a) भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का कार्यालय स्वायत्तता के आधारस्तंभ पर खड़ा है। इस संवैधानिक निकाय के कामकाज संबंधी मुख्य दोर्षों की विवेचना कीजिए और इसे सुदृढ़ करने हेतु सुझाव भी दीजिए। 20
(b) प्रशासनिक सुधारों का कार्यान्वयन विशालकाय एवं जटिल होता है। इन बदलावों को साकार करने में किस धक्के की कमी है । 20
(c) सरकार के उच्च अधिकारियों की सेवानिवृत्ति के तुरन्त बाद पुनर्नियुक्ति एक नया चलन बन गया है। इसके फायदे और नुकसान की विवेचना कीजिए। 10


7- (a) शहरी स्थानीय शासन में वार्ड समितियां मात्र कागजी शेर रह गये हैं। स्थानीय पदाधिकारियों के सहयोग से प्रभावी जन-सहभागिता के आदर्श को साकार करना अभी भी दूरस्थ है। सिद्धांत एवं व्यवहार में अंतराल का मूल्यांकन कीजिए। 20
(b) पुलिस को राजनीति की पकड़ से मुक्त और जवाबदेह बनाने की आवश्यकता है। यह केवल कानून और व्यवस्था के लिए ही नहीं वरन् देश के विकास के लिए भी बड़ी चुनौती है। समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। 20
(c) लोक-सेवकों को नियम और प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए इतना अधिक प्रशिक्षित किया जाता है कि वे ब्यूरो-उन्मादी बन जाते हैं। क्या आप सहमत हैं? औचित्य सिद्ध कीजिए। 10


8- (a) ‘प्रशासन में भ्रष्टाचार और अनाचारों के निराकरण के लिए पर्याप्त कानूनी तंत्र मौजूद हैं लेकिन वे इस खतरे को किसी ध्यान देने योग्य सोपान तक अंकुश लगाने में विफल रहे हैं।’ इस कथन के प्रकाश में भारतीय राज्यों में लोकायुक्त संस्था की प्रभाविकता पर चर्चा कीजिए। 20
(b) कमजोर वर्गों के प्रतिनिधित्व के लिए संवैधानिक प्रावधानों के बावजूद उनकी आवाज का पंचायती राज संस्थाओं के दायरे में इच्छित प्रभाव नहीं बढ़ रहा है। समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। 20
(c) आदर्श रूप से नागरिक-प्रशासन अन्तराफलक विश्वसनीयता एवं उद्देश्यपूर्णता पर आधारित माना जाता है, वास्तविकता में उसे संदेह, संघर्ष, तनाव और खिंचाव से त्रस्त देखा गया है। क्या आप सहमत हैं? विस्तार से समझाइए। 10