आठ अरब के पार पहुंची विश्व की जनसंख्या

नवम्बर 2022 मेंविश्व के आठ अरबवें बच्चे ने जन्म ले लिया है। यूनाइटेड नेशंस पापुलेशन फंड (यूएनएफपीए) ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। विश्व की आबादी को सात से आठ अरब होने में 12 साल का समय लगा है। पिछले 100 करोड़ में भारत की हिस्सेदारी 17.7 करोड़ और चीन की 7.3 करोड़ रही।

जनसंख्या वृद्धि सम्बन्धी तथ्य-

  • वर्ष 1800 तक जनसंख्या 100 करोड़ के नीचे थी।
  • 100-200 करोड़ होने में लगे थे 100 साल।
  • 2037 तक जनसंख्या नौ अरब होने का अनुमान।
  • 2058 तक 10 अरब हो जाएगी आबादी।
  • 10.4 अरब तक अधिकतम जनसंख्या पहुंचने का अनुमान।
  • तीन दशक पहले की तुलना में अब ज्यादा जी रहे हैं लोग।
  • 2019 में लोगों की जीवन प्रत्याशा 72.8 साल हो गई है।
  • 2050 तक जीवन प्रत्याशा 77.2 साल हो जाएगी।

भारत की जनसंख्या का आकलन

  • भारत सबसे ज्यादा युवा जनसंख्या वाला देश बना हुआ है।
  • भारत में लोगों की औसत आयु अन्य देशों की तुलना में कम है। इसीलिए भारत सबसे ज्यादा युवाओं वाला देश है। बढ़ती जनसंख्या की चुनौती के बीच विशेषज्ञ इसे उम्मीद की किरण भी मान रहे हैं।
  • भारत की जनसंख्या 1.41 अरब पर पहुंच चुकी है।
  • भारतीय जनसंख्या की औसत आयु 28.7 साल है।
  • भारतीय आबादी 2050 तक 1.67 अरब तक पहुंच जाएगी।
  • जापान के लोगों की औसत आयु 48.6 साल है।
  • वर्तमान में 68% भारतीय आबादी 15 से 64 के आयु वर्ग में आती है।

चीन की जनसंख्या संबंधी आंकड़े

  • वैश्विक स्तर पर औसत आयु 30.3 साल है।
  • अभी चीन की जनसंख्या 1.43 अरब के करीब है।
  • चीन की जनसंख्या 2050 में 1.32 अरब रह जाएगी।
  • चीन की आबादी की 36.4 साल औसत आयु है।
  • चीन में 2035 में 40 करोड़ लोग 60 से ज्यादा उम्र के होंगे।

ग्लोबल ई-वेस्ट मोनीटर रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी ग्लोबल ई-वेस्ट मोनीटर, 2020 रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में दुनिया में लगभग 5.36 करोड़ मीट्रिक टन ई-कचरा निकला।

  • इस दशक के अंत तक यह 7.4 करोड़ मीट्रिक टन हो जाएगा। 2019-20 में देश में 10,14,961-2 टन ई-कचरा निकला। दिल्ली में ही अकेले दो लाख टन ई-अपशिष्ट प्रतिवर्ष निकलता है। यह देश में निकलने वाले कुल ई-वेस्ट का 10 प्रतिशत है।
  • पर्यावरण मंत्रलय द्वारा प्रस्तुत ई-वेस्ट प्रबंधन नियम-2022 का मसौदा ई-कचरे के प्रबंधन में उत्पादकों, रीसाइकिलिंग संस्थाओं, नियामकों आदि सभी की भागीदारी तय करता है।
  • देश में रीसाइकिलिंग कंपनियों की संख्या बहुत कम है। नए नियमों में ई-कचरे की श्रेणी 21 से बढ़ाकर 95 कर दी गई है। वर्ष 2030 तक तीन करोड़ टन छोटे आकार के ई-वेस्ट निकलने का अनुमान है।
  • संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक 2019 में विश्व में 2.2 करोड़ टन छोटे आकार के ई-वेस्ट निकले। यह इस अवधि में निकले 5.7 करोड़ टन ई-वेस्ट का 40 प्रतिशत है।

आर्थिक परिदृश्य