भारत का पहला एमआरएनए -आधारित कोविड-19 टीका

  • अगस्त 2021 में भारत के पहले एमआरएनए (mRNA) -आधारित कोविड-19 टीके (वैक्सीन) को भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) से चरण-2 और चरण-3 परीक्षण की अनुमति मिल गई है।
  • महत्वपूर्ण तथ्यः पुणे स्थित जैव प्रौद्योगिकी कंपनी ‘जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड’ (Gennova Biopharmaceuticals Ltd), mRNA -आधारित कोविड-19 वैक्सीन ‘HGCO19’ पर काम कर रही है।
  • इसने चरण I के अध्ययन के अंतरिम नैदानिक आंकड़ों को ‘केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन’ (CDSCO) को प्रस्तुत किया है, जो भारत सरकार का राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण (NRA) है।
  • वैक्सीन विषय विशेषज्ञ समिति ने अंतरिम चरण-I के आंकड़ों की समीक्षा में पाया कि HGCO19 वैक्सीन सुरक्षित, सहनीय और रोग प्रतिरोधी (इम्युनोजेनिक) है।
  • mRNA क्या है? मैसेंजर RNA या mRNA, आनुवंशिक सामग्री है, जो मानव शरीर को प्रोटीन बनाने का तरीका बताती है।
  • mRNA वैक्सीन कैसे काम करती है? टीके में मौजूद mRNA मानव कोशिकाओं को स्पाइक प्रोटीन (spike protein) की प्रतियां बनाना सिखाता है। इससे बाद में असली वायरस के संपर्क में आने पर, शरीर इसे पहचान लेगा और जान जायेगा कि इससे कैसे लड़ना है।

HGCO19 वैक्सीन को ‘मिशन कोविड सुरक्षा’ के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT)-जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है।

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