एशिया में विचरण करने वाले विशालकाय गैंडे की नई प्रजाति

  • ‘कम्युनिकेशंस बायोलॉजी’ शोध पत्रिका में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, उत्तर पश्चिमी चीन के गांसु प्रांत में विशाल गैंडे की एक नई प्रजाति के जीवाश्म पाए गए, जो 26 मिलियन साल से भी अधिक समय पहले अस्तित्व में थे।
  • महत्वपूर्ण तथ्यः लिंक्सिया बेसिन (Linxia bsain) के लाल-भूरे रंग के बलुआ पत्थर में पाए गए खोपड़ी और दो कशेरुकाओं (two vertebrae) सहित जीवाश्म इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि कैसे प्राचीन गैंडे, जो धरती पर विचरण करने वाले अब तक के सबसे विशाल स्तनधारियों में से एक थे, विकसित हुए और एशिया में पाए गए।
  • विशाल गैंडों के जीवाश्म पाकिस्तान में हिमालय के सुदूर किनारे पर भी पाए गए हैं, जो यह संकेत देता है कि ‘तिब्बत’, एक पठार के रूप में, तब अस्तित्व में नहीं था और इन विशाल गैंडों के आवागमन में बाधक नहीं था।
  • विशाल गैंडे की इस नई खोजी गई प्रजाति को ‘पेसेराथेरियम लिंक्सिएन्स’ (Pacearratherium linxiaense) के नाम से जाना जाता है, जो सींग रहित, लंबी गर्दन वाले शाकाहारी थे। इनका वजन कई हाथियों के बराबर लगभग 20 टन था और संभवतः खुले जंगलों में रहते थे।

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी