अटलांटिक भूमध्यरेखीय प्रतिवर्ती परिसंचरण

  • 5 अगस्त, 2021 को ‘नेचर क्लाइमेट चेंज’ शोध पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, उत्तरी गोलार्द्ध में ‘अटलांटिक भूमध्यरेखीय प्रतिवर्ती परिसंचरण’ (Atlantic Meridional Overturning Circulation - AMOC) के काफी कमजोर होने की संभावना है, जिसके परिणामस्वरूप विश्व के मौसम में व्यापक बदलाव की सम्भावना है।
  • महत्वपूर्ण तथ्यः जलवायु मॉडल ने दिखाया है कि AMOC 1,000 से अधिक वर्षों में सबसे कमजोर स्थिति में है। हालांकि, यह ज्ञात नहीं है कि यह कमजोरी परिसंचरण में बदलाव के कारण है या नियमितता में कमी से संबंधित है।
  • ‘अटलांटिक भूमध्यरेखीय प्रतिवर्ती परिसंचरण’ क्या है? यह महासागरीय धाराओं की एक विशाल प्रणाली है, जो पूरे विश्व के महासागर बेसिन्स में ऊष्मा और पोषक तत्व वितरित करता है।
  • MOC उष्ण कटिबंध से उत्तरी गोलार्द्ध की ओर गर्म सतही जल ले जाता है, जहां यह ठंडा हो जाता है। यह फिर उष्णकटिबंधीय और फिर दक्षिण अटलांटिक में निचली धारा (bottom current) के रूप में लौटता है। वहां से इसे अंटार्कटिक परिध्रुवी के माध्यम से सभी महासागरीय बेसिन में वितरित किया जाता है।
  • यदि AMOC का अंत हो जाता है, तो इसके परिणामस्वरूप उत्तरी गोलार्द्ध में ठंडक बढ़ जायेगी, अटलांटिक में समुद्र के स्तर में वृद्धि, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में वर्षा में समग्र गिरावट और दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में मानसून में बदलाव हो जायेगा।

अन्य जलवायु मॉडल के अनुसार आने वाली सदी में AMOC कमजोर हो जाएगा लेकिन 2100 से पहले अंत की संभावना नहीं है।

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी