जनजातीय गौरव दिवस

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 नवंबर, 2021 को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित करने की मंजूरी दी, जो वीर आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति को समर्पित है।

उद्देश्यः आने वाली पीढ़ियों को वीर आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के देश के प्रति किए गए बलिदानों से परिचित कराना।

महत्वपूर्ण तथ्यः संथाल, तामार, कोल, भील, खासी और मिजो जैसे कई जनजातीय समुदायों द्वारा विभिन्न आंदोलनों के जरिए भारत के स्वतंत्रता संग्राम को मजबूत किया गया था।

  • 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती है, जिनकी देश भर के आदिवासी समुदायों द्वारा भगवान के रूप में पूजा की जाती है।
  • बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश औपनिवेशिक व्यवस्था की शोषक प्रणाली के खिलाफ वीरता से लड़ाई लड़ी और ‘उलगुलान’ (क्रांति) का आ“वान करते हुए ब्रिटिश दमन के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया।
  • यह जनजातीय गौरव दिवस हर साल मनाया जाएगा और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और वीरता, आतिथ्य और राष्ट्रीय गौरव के भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए आदिवासियों के प्रयासों को मान्यता देगा।

जीके फ़ैक्ट

  • प्रधानमंत्री ने जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर रांची के सेंट्रल ओल्ड जेल परिसर में ‘भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय’ का उद्घाटन किया।

प्रश्नोत्तर-सार

देश में दिव्यांगजनों की जनसंख्या

  • 2011 की जनगणना के अनुसार, देश में 2.68 करोड़ दिव्यांगजन (PwD) हैं। इनकी कुल आबादी में से 1.86 करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों से हैं।
  • दृष्टिबाधित व्यक्तियों सहित दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए ‘दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग’ निम्नलिखित प्रमुख योजनाओं को लागू करता हैः
  1. सहायक उपकरणों की खरीद/फिटिंग के लिए दिव्यांगजनों को सहायता।
  2. दीनदयाल दिव्यांग पुनर्वास योजना।
  3. दिव्यांगजनों के लिए छात्रवृत्ति योजनाएँ।
  4. दिव्यांगजनों के कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना।
  5. सुगम्य भारत अभियान
  • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांगता योजना के तहत, गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवारों के गंभीर और बहु-दिव्यांगता वाले 18-79 वर्ष की आयु के व्यक्तियों को 300 रुपए प्रति माह की दिव्यांगता पेंशन दी जाती है। 80 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर यह पेंशन 500 रुपए प्रति माह हो जाती है।

राष्ट्रीय परिदृश्य