21वीं सदी के लिए प्रायोगिक शिक्षा कार्यक्रम

20 नवंबर, 2021 को जनजातीय मामलों के मंत्रालय और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने संयुक्त रूप से एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय और सीबीएसई शिक्षकों के लिए ‘21वीं सदी के लिए प्रायोगिक शिक्षा पर एक ऑनलाइन प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम’ शुरू किया।

उद्देश्यः छात्रों के शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक कल्याण पर विशेष ध्यान देने के साथ शिक्षकों को बहु-संवेदी शैक्षणिक अनुभवों के प्रति जागरूक और संवेदनशील बनाना तथा शिक्षकों को अपने छात्रों में 21वीं सदी के कौशल और दक्षताओं को विकसित करने में सक्षम बनाना।

महत्वपूर्ण तथ्यः प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए शिक्षकों की क्षमता निर्माण के लिए है।

  • 21वीं सदी के लिए प्रायोगिक शिक्षा कार्यक्रम को शिक्षकों, स्कूल प्रमुखों और प्रधानाध्यापकों के लिए एक ऑनलाइन प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम के रूप में परिकल्पित किया गया है ताकि उन्हें कक्षा में सीखने को वास्तविक जीवन के अनुभवों के अनुकूल बनाने में मदद मिल सके।
  • 20 नवंबर से सभी चयनित शिक्षकों और प्राचार्यों को यह कार्यक्रम निःशुल्क प्रदान किया जा रहा है।
  • जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा चुनिंदा शिक्षकों को ‘शिक्षक लीडर्स’ के रूप में मान्यता दी जाएगी और उन्हें चरणबद्ध तरीके से एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के शिक्षण समुदाय के लिए प्रायोगिक शिक्षण अध्यापन में सक्षम बनाया जाएगा।

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