ग्रेट बैरियर रीफ़ को विश्व धरोहर स्थलों की ‘संकटग्रस्त’ सूची में शामिल करने की सिफ़ारिश

22 जून, 2021 को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) समिति ने ग्रेट बैरियर रीफ को विश्व धरोहर स्थलों की फ्संकटग्रस्तय् सूची (list of 'in danger' World Heritage Sites) में शामिल करने की सिफारिश की है।

महत्वपूर्ण तथ्यः जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के कारण दुनिया की सबसे बड़ी प्रवाल भित्ति प्रणाली को सूची में शामिल करने की सिफारिश की गई है।

  • 2015 में, यूनेस्को ने उल्लेख किया था कि प्रवाल भित्ति के लिए दृष्टिकोण खराब है हालांकि तब, इसके दर्जे को अपरिवर्तित रखा गया था। तब से गंभीर समुद्री हीटवेव के कारण इसे तीन प्रमुख प्रवाल विरंजन घटनाओं का सामना करना पड़ा है।

संकटग्रस्त विश्व धरोहर स्थल सूचीः शहरी और पर्यटन विकास, सशस्त्र संघर्ष, प्राकृतिक आपदाओं और परित्यक्त (abandonment) सहित खतरों की एक विस्तृत श्रृंखला से सुरक्षा की आवश्यकता वाले स्थलों की पहचान करने के लिए विश्व धरोहर स्थलों की संकटग्रस्त सूची 1972 के यूनेस्को कन्वेंशन के अनुच्छेद 11.4 के अनुसार तैयार की जाती है।

  • संकटग्रस्त सूची का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय जागरूकता बढ़ाना और भविष्य में होने वाले नुकसान को रोकना है।

जीके फैक्ट

  • ग्रेट बैरियर रीफ का विश्व धरोहर सूचीबद्ध क्षेत्रफल 348,000 वर्ग किमी. है, जोकि 344,400 वर्ग किमी. के ‘ग्रेट बैरियर रीफ मरीन पार्क’ क्षेत्र से थोड़ा अधिक है। मरीन पार्क उत्तर-पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में क्वींसलैंड के तट के साथ लगभग 2300 किमी. तक फैला है। ग्रेट बैरियर रीफ को 1981 में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया था।

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