भारत और डेनमार्क समझौता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल को ‘जल संसाधन के विकास और प्रबंधन’ के क्षेत्रा में सहयोग के लिए भारत और डेनमार्क के बीच हस्ताक्षरित समझौता किया गया है।

इस एमओयू में परिकल्पित सहयोग के व्यापक क्षेत्रा हैं-

  • डिजिटलीकरण और सूचना मिलने में आसानी, एकीकृत और स्मार्ट जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन; जलभृत का मानचित्राण, भू-जल का प्रतिरूपण, निगरानी और पुनर्भरण; गैर-राजस्व जल और ऊर्जा खपत में कमी सहित घरों में बेहतरीन और सतत जल आपूर्ति।
  • जीवन यापन, सुदृढ़ता और आर्थिक विकास बढ़ाने के लिए नदियों एवं तालाबों का कायाकल्प; जल गुणवत्ता की निगरानी और प्रबंधन; अपशिष्ट जल के पुनः उपयोग/पुनर्चक्रण के लिए सर्कुलर, इकोनॉमी सहित सीवेज/अपशिष्ट जल का शोधन, जिसमें व्यापक गाद प्रबंधन और जल आपूर्ति एवं स्वच्छता के क्षेत्रा में नवीकरणीय ऊर्जा का अधिकतम उपयोग करना भी शामिल है।
  • जलवायु परिवर्तन में कमी और अनुकूलन, जिसमें प्रकृति आधारित समाधान भी शामिल हैं; नदी केंद्रित शहरी नियोजन, जिसमें शहरों में बाढ़ प्रबंधन भी शामिल है।
  • 9 अक्टूबर, 2021 को भारत की अपनी यात्रा के दौरान डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन से भेंट के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ‘हरित रणनीतिक साझेदारी’ पर संयुक्त वक्तव्य जारी किया।
  • स्मार्ट जल संसाधन प्रबंधन के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओईएसडब्ल्यूएआरएम) की स्थापना तथापणजी में स्मार्ट सिटी लैब की तर्ज पर वाराणसी में स्वच्छ नदियों के लिए एक लैब की स्थापना की जायेगी।

अंतरराष्ट्रीय संबंध