आंकड़ों में सूखा रिपोर्ट 2022

अबिदजान, कोटे डी आइवर में आयोजित संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीय रोकथाम अभिसमय (UNCCD) के 15वें सम्मेलन (COP-15) में 'आंकड़ों में सूखा रिपोर्ट 2022' (Drought in Numbers report 2022) जारी की गई।

महत्वपूर्ण तथ्य: आंकड़ों में सूखा रिपोर्ट हमारे पारिस्थितिकी तंत्र पर सूखे के प्रभावों पर आंकड़ों का संग्रह है।

  • वर्ष 2000 के बाद से दुनिया भर में सूखे की संख्या और अवधि में खतरनाक रूप से 29% की वृद्धि हुई है।
  • वैश्विक स्तर पर, 1998 और 2017 के बीच सूखे से लगभग 124 बिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ।
  • 2022 में, 2.3 बिलियन से अधिक लोग पानी के संकट का सामना कर रहे हैं। लगभग 160 मिलियन बच्चे गंभीर और लंबे समय तक सूखे की चपेट में हैं।
  • रिपोर्ट के अनुसार, यदि पूर्वानुमान सही होते हैं और 2100 तक ग्लोबल वार्मिंग 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाती है, तो सूखे का नुकसान आज के स्तर से पांच गुना अधिक हो सकता है।
  • रिपोर्ट के अनुसार भारत के कई हिस्से उन क्षेत्रों की सूची में आते हैं, जो विश्व स्तर पर सूखे की चपेट में हैं।

GK फैक्ट

  • गंभीर सूखे के कारण 1998 और 2017 के बीच भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2 से 5 प्रतिशत तक कम हो गया है।