गोबर से संपीडित बायोगैस परियोजना

हाल ही में हरित ऊर्जा और पर्यावरण प्रबंधन के प्रति प्रतिबद्धता की दिशा में एक उत्कृष्ट कदम के रूप में, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने राजस्थान के सांचोर में अपनी ‘गोबर से संपीडित बायोगैस परियोजना’ (Cowdung to Compressed Biogas Project) शुरू की।

  • यह एचपीसीएल की अपशिष्ट से ऊजार् पोर्टफोलियो के तहत पहली परियोजना होगी। बायोगैस का उत्पादन करने के लिए संयंत्र में प्रति दिन 100 टन गोबर का उपयोग किया जाएगा, जिसे मोटर वाहन ईंधन के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
  • यह परियोजना स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत बायोडिग्रेडेबल कचरा प्रबंधन (Biodegradable Waste Management) घटक के एक हिस्से के रूप में भारत सरकार द्वारा अप्रैल 2018 में शुरू की गई गोबर-धन योजना के तहत विकसित की जा रही है।

गोबर-धन योजना

गोबर-धन योजना को बजट 2018-19 में शुरू करने की घोषणा की गई थी और इसे अप्रैल 2018 में शुरू किया गया था।

  • इसका उद्देश्य गांवों को स्वच्छ बनाना एवं पशुओं और अन्य प्रकार के जैविक अपशिष्ट से अतिरिक्त आय तथा ऊर्जा उत्पन्न करना।
  • गोबर-धन योजना के अंतर्गत पशुओं के गोबर और खेतों के ठोस अपशिष्ट पदार्थों को कम्पोस्ट, बायोगैस, बायो-CNG में परिवर्तित किया जाएगा।