शुष्कता विसंगति आउटलुक सूचकांक

हाल ही में भारतीय मौसम विभाग (IMD) द्वारा ‘शुष्कता विसंगति आउटलुक सूचकांक’ (Aridity Anomaly Outlook Index) जारी की गई। यह सूचकांक कृषि सूखे की निगरानी करता है तथा वर्षा और मिट्टी की नमी के विषय में जानकारी प्रदान करता है।

  • देश के 756 जिलों में से लगभग 660 जिले (85%) विभिन्न स्तर पर शुष्कता का सामना कर रहे थे, जबकि केवल 63 जिले गैर-शुष्क (non-arid) हैं।
  • कम से कम 196 जिले सूखे की ‘गंभीर’ स्थिति का सामना कर रहे हैं और इनमें से 65 जिले केवल उत्तर प्रदेश में हैं। भारत का लगभग 69% भाग ‘शुष्क भूमि’ है।
  • बिहार में शुष्क परिस्थितियों का सामना करने वाले जिलो की संख्या 33 है तथा इसे सूचकांक में दूसरा सर्वाधिक शुष्क परिस्थितियों वाला राज्य माना गया है।
  • ‘गंभीर शुष्क’ परिस्थितियों का सामना कर रहे अन्य जिलों में झारखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश, दिल्ली, तेलंगाना, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, कर्नाटक तथा तमिलनाडु के जिले शामिल हैं।
  • राजस्थान के रेगिस्तान, गुजरात कच्छ के रण के, पश्चिमी घाट के वर्षा छाया क्षेत्रों में ‘बड़े शुष्क क्षेत्र’ पाए जाते हैं।
  • मानसून के समय में शुष्क परिस्थितियों ने खरीफ के बुवाई को प्रभावित किया है। जुलाई, 2022 तक विभिन्न खरीफ फसलों के तहत बोया गया क्षेत्र वर्ष 2021 में इसी अवधि की तुलना में 13.26 मिलियन हेक्टेयर कम था।
  • सूखा प्रवण क्षेत्र कार्यक्रम (DPAP), फसल विविधीकरण, पारंपरिक किस्मों की खेती, मल्चिंग, इंटरक्रॉपिंग, सूक्ष्म सिंचाई इत्यादि को और गहन किया जाना चाहिए।