अपशिष्ट निपटान बुनियादी ढांचा

23 मार्च, 2022 को 'जल संसाधन पर संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट' लोक सभा में पेश की गई।

महत्वपूर्ण तथ्य: इस रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए बुनियादी ढांचा प्राप्त करने वाले केवल 12% गांवों ने स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण के तहत अपना लक्ष्य हासिल किया है।

  • ठोस अपशिष्ट प्रबंधन बुनियादी ढांचे का कार्यान्वयन भी लक्ष्य से पीछे रह गया है, जिसमें 7 फरवरी तक लक्षित गांवों के केवल 22% को 2021-22 के दौरान कवर किया गया था।
  • अपने पहले चरण में, स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य हर ग्रामीण परिवार में शौचालय उपलब्ध कराना था और 2019 में इस लक्ष्य को हासिल करने का दावा किया गया है।
  • हालांकि, दूसरा चरण, जिसमें अधिक जटिल समुदाय-स्तरीय बुनियादी ढांचा शामिल है, लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम नहीं हो पाया है।
  • दूसरा चरण ठोस कचरे के संग्रह और पृथक्करण की सुविधाओं, बायोडिग्रेडेबल कचरे के लिए कम्पोस्ट गड्ढे और बायोगैस संयंत्र, ग्रेवाटर प्रबंधन, सोख्ता गड्ढे और मल कीचड़ के उपचार पर केन्द्रित है।

जल जीवन मिशन: समिति ने जल जीवन मिशन में कम धन के उपयोग का भी जिक्र किया है।

  • बजट में जल जीवन मिशन के लिए 50,011 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, लेकिन योजना के लिए संशोधित अनुमानों को घटाकर 45,011 करोड़ रुपए कर दिया गया था।
  • अब तक योजना के लिए किया गया वास्तविक व्यय केवल 28,238 करोड़ रुपए है।
  • अभी तक केवल तीन राज्यों - हिमाचल प्रदेश, मणिपुर और मेघालय ने केंद्र से अपने आवंटन का पूरी तरह से उपयोग किया है।

संसद प्रश्नोत्तर सार

टाइप-1 मधुमेह पर नियंत्रण के उपाय

  • भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा वर्ष 2006 से मधुमेह के रिकॉर्ड को बनाए रखने के लिए 'यंग डायबिटीज रजिस्ट्री' (YDR) नामक एक रजिस्ट्री का रखरखाव किया जाता है।
  • YDR रजिस्ट्री में युवावस्था में मधुमेह की शुरुआत वाले रोगियों, जिनकी पहचान 25 वर्ष या उससे पहले हो, को दर्ज किया जाता है। रजिस्ट्री भारत भर के 10 शहरों के 205 केंद्रों पर संचालित होती है। YDR रजिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार दर्ज किए गए 20351 युवा मधुमेह रोगियों में से 13368 (65.6%) टाइप-1 मधुमेह वाले थे। 10वें इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन एटलस 2021 के अनुसार, भारत में टाइप-1 मधुमेह वाले बच्चों की संख्या 0 - 19 वर्ष के आयु वर्ग में 22,94,000 है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के हिस्से के रूप में कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम और नियंत्रण हेतु राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPCDCS) के तहत राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। मधुमेह NPCDCS का एक अभिन्न अंग है। कार्यक्रम के तहत बच्चों सहित सभी आयु समूहों को शामिल किया गया है। एनएचएम की 'नि:शुल्क दवा सेवा पहल' के तहत, राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को बच्चों सहित गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए इंसुलिन सहित मुफ्त आवश्यक दवाओं के प्रावधान के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा, 'जन औषधि योजना' के तहत सभी को सस्ती कीमतों पर इंसुलिन सहित गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।

राष्ट्रीय परिदृश्य