भारत में सिक्का निर्माण प्रणाली का विकास
भारत में सिक्कों के निर्माण करने वाले विश्व के प्रथम देशों में से एक है। यहां विभिन्न कालखंड में विभिन्न प्रकार के सिक्कों का निर्माण किया गया, जो ढलाई के तरीकों, विषयों, आकृतियों, धातुओं आदि में अत्यधिक विविधता से परिपूर्ण है।
- प्रागैतिहासिक काल से लेकर कांस्य युग तक सिक्कों की जगह मुख्य रूप से वस्तु विनिमय तथा कौड़ियों के माध्यम से व्यापार किया जाता था। वैदिक युग में निष्क एवं सतमान का उल्लेख मिलता है, परन्तु इसके सिक्के के रूप में उपयोग होने पर विवाद है। भारत में सिक्कों के उपयोग का निश्चित प्रमाण ईसा पूर्व 6वीं और 5वीं शताब्दी ....
 
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मुख्य विशेष
- 1 स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं की सहभागिता
 - 2 असहयोग आंदोलन
 - 3 रूसी क्रांति: कारण तथा वैश्विक प्रभाव
 - 4 औद्योगिक क्रांति का उपनिवेशवाद के प्रसार में योगदान
 - 5 11वीं सदी के समाज सुधारक और संत: रामानुजाचार्य
 - 6 गाँधी एवं नेहरू के सामाजिक-आर्थिक विचार: समानता एवं विभेद
 - 7 ब्रिटिश शासन की नीतियां तथा आधुनिक भारत का निर्माण
 - 8 दादा भाई नोरोजी की भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में भूमिका
 - 9 स्वतंत्रता आन्दोलन में सुभाष चन्द्र बोस की भूमिका
 - 10 वेलेजली की नीतियां एवं उनका प्रभाव
 - 11 उग्र राष्ट्रवाद तथा स्वतंत्रता आन्दोलन में इसकी भूमिका
 - 12 सूफी आन्दोलन का समाज एवं संस्कृति पर प्रभाव
 - 13 भारतीय राष्ट्रवाद पर द्वितीय विश्व युद्ध का प्रभाव
 - 14 स्वदेशी आंदोलन: राष्ट्रीय गौरव और एकता की भावना
 - 15 भारतीय समाज पर सूफी आंदोलन का प्रभाव
 - 16 भारत की सांस्कृतिक विरासत में इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का योगदान
 - 17 द्रविड़ कला और संस्कृति: चोल राजवंश की भूमिका
 - 18 भारत में गुफा वास्तुकला
 - 19 सिंधु घाटी सभ्यता का शहरी नियोजन
 - 20 मुगलों की प्रशासनिक नीतियां: विशेषताएं और मुद्दे
 - 21 भूदान एवं ग्रामदान आंदोलन
 - 22 ब्रिटिश शासन में गिरमिटिया मजदूर
 - 23 भारतीय पुनर्जागरण: कारण और महत्व
 - 24 भारत की समृद्ध वैज्ञानिक विरासत
 - 25 पारंपरिक चिकित्सा
 - 26 सांस्कृतिक पर्यटन की विकास में भूमिका
 - 27 भारत में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत
 - 28 भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा
 - 29 द्रविड़ आंदोलन
 - 30 प्राचीन भारत में लोकतांत्रिक मूल्य
 - 31 भारतीय मार्शल आर्ट का इतिहास
 - 32 वायकोम सत्याग्रह: कारण एवं प्रभाव
 - 33 भारत के जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी: गुमनाम नायक
 

