बच्चों को जेल में रखने का पुलिस को अधिकार नहीं
- सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही दिए एक निर्णय में यह स्पष्ट किया कि कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों को लॉकअप या जेल में रखने का पुलिस को कोई अधिकार नहीं है। यह निर्णय 10 फरवरी, 2020 को जस्टिस दीपक गुप्ता तथा अनिरुद्ध बोस की पीठ द्वारा दिया गया।
- न्यायालय ने कहा कि यदि किसी अपराध में एक किशोर पकड़ा जाता है तो उसे विशेष किशोर पुलिस इकाई या एक नामित बाल कल्याण अधिकारी की देखरेख में तुरंत रखा जाना चाहिए।
- उच्चतम न्यायालय ने संबंधित राज्य अधिकारियों द्वारा कानून तोड़ने वाले बच्चों के प्रति किये जाने वाले व्यवहार के ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 प्राक्कलन समिति के 75 वर्ष
- 2 अनुच्छेद 311 (2)(c) के तहत सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी
- 3 महिला सशक्तीकरण महासम्मेलन
- 4 “योग कनेक्ट” कार्यक्रम का आयोजन
- 5 5 विदेशी विश्वविद्यालय नवी मुंबई में अपने परिसर स्थापित करेंगे
- 6 PMAY-U 2.0 के अंतर्गत 2.35 लाख नए आवासों के निर्माण को मंजूरी
- 7 वन हेल्थ मिशन के तहत पहली राज्य सहभागिता कार्यशाला
- 8 पुडुचेरी विधानसभा के लिए NeVA प्लेटफॉर्म का उद्घाटन
- 9 भारतीय भाषा अनुभाग
- 10 अपतटीय सुरक्षा समन्वय समिति (OSCC) की बैठक