बैड बैंक की स्थापना पर विचार
- भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 16 जनवरी, 2020 को संकेत दिया कि केंद्रीय बैंक गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPAs) से निपटने के लिए बैड बैंक (bad bank) पर विचार कर सकता है।
- आरबीआई गवर्नर ने बैंकों तथा गैर-बैंकों को उचित अनुपालन संस्कृति अपनाने और जोखिमों को जल्द पहचानने की सलाह दी।
मुख्य बिंदु
- भारतीय रिजर्व बैंक की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के अनुसार बैंकिंग क्षेत्र के एनपीए के सितंबर 2020 में 7.5 फीसदी से बढ़कर सितंबर 2021 तक 13.5 प्रतिशत तक हो जाने की संभावना है।
- बैड बैंक, अन्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों के संकटग्रस्त ऋणों (bad loans) और अन्य अवैध होल्डिंग्स ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 चीन ने यूरोपीय ब्रांडी पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाया
- 2 राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) में 7 नई कृषि उपज शामिल
- 3 मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज क्लियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (MCXCCL)
- 4 IRDAI ने विनियामक उल्लंघनों की जांच हेतु समिति गठित की
- 5 एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL)
- 6 बैंकों को फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर के एकीकरण का निर्देश
- 7 ADEETIE योजनाः ऊर्जा-कुशल औद्योगिक भारत की दिशा में एक कदम
- 8 कैबिनेट ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी
- 9 अनुसंधान, विकास एवं नवाचार योजना
- 10 MSME क्षेत्र