भारत में जनजातीय समुदाय : प्रतिनिधित्व, भेद्यता एवं समावेशन
भारत, परचेजिंग पावर पैरिटी (Purchasing Power Parity) के आधार पर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसका लक्ष्य वर्ष 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का है। किन्तु अभी भी एक तबका है जो हाशिए पर जीवन यापन कर रहा है, जिसे हम आदिवासी, आदिम जाति, वनवासी आदि नामों से पुकारते हैं। प्रश्न यह उठता है कि क्यों यह वर्ग समाज से जुड़ नहीं पाया तथा विकास से वंचित रह गया? इनकी समस्याएं क्या हैं तथा इनका समाधान क्या हो सकता है?
- नवीन चंदन
भारत, स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में है, जिसे आजादी के अमृतकाल की ....
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