भारत-रूस संबंध: प्रगति में भागीदार

भारत-रूस संबंधों की विशेषता मजबूत रक्षा, ऊर्जा और आर्थिक सहयोग के साथ-साथ सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान है। बदलती भू-राजनीतिक गतिशीलता और आर्थिक बाधाओं से चुनौतियों के बावजूद, दोनों राष्ट्र रणनीतिक और तकनीकी साझेदारी को गहरा करने का लक्ष्य रखते हैं।

महत्व

  • शस्त्र व्यापार: भारत रूसी हथियारों का सबसे बड़ा आयातक है, जिसमें एस-400 वायु रक्षा प्रणाली और परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बियों का पट्टा जैसे महत्वपूर्ण अधिग्रहण शामिल हैं।
  • संयुक्त सैन्य अभ्यास: इंद्र और एविया इंद्र जैसे नियमित संयुक्त अभ्यास दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच अंतर-संचालन और रणनीतिक समन्वय को बढ़ाते हैं।
  • सैन्य प्रौद्योगिकी हस्तांतरण: सहयोग में टी-90 टैंक और ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

मुख्य विशेष