सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव सुशासन के लक्ष्य की प्राप्ति में किस प्रकार सहायक है?

उत्तर: जनकल्याण को सर्वोत्तम करने के लक्ष्य के साथ किसी भी प्रकार के भेदभाव (जाति, धर्म, लिंग, भाषा तथा जन्म-स्थान आदि) से रहित होकर कार्य करने की दशा को सार्वजनिक सेवा कहा जाता है। जब सेवा आर्थिक विकास तथा सामाजिक उत्थान के लक्ष्य को पूरा करने के लिए संवेगात्मक लगाव, उत्तरदायित्व बोध तथा प्रतिबद्धता के गुणों को समाहित कर लेती है तो उसे समर्पण भाव कहा जाता है। सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव अनेक प्रकार से सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता करता है:

  • भारत में लोक-कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को स्वीकार किया गया है। समर्पण ....
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