Question : निम्नलिखित की मुख्य विशेषताओं के बारे में लिखिएः
(i)वास्तुकला का चन्देल स्कूल
(ii)मणिपुरी नृत्य
(iii) वैशाखी
(iv) जन्माष्टमी
(1991)
Answer : (i) वास्तुकला का चन्देल स्कूलः चंदेलों ने स्थापत्य कला की एक भव्य शैली का विकास किया। इसमें वास्तुकला का चन्देल स्कूल प्रमुख है। चंदेलकालीन कला में उत्कृष्ट स्त्रियोचित अलंकरण देखने को मिलते हैं। बुंदेलखण्ड के चंदेल राजाओं ने मंदिरों,विशेषकर खजुराहो के मंदिरों का निर्माण कराया। यहां शिव एवं विष्णु के भव्य मंदिर हैं साथ ही जैन धर्मगुरुओं से संबंधित आराध्य स्थल भी वास्तुकला की उत्कृष्टता को व्यक्त करते हैं। इनमें कंडारिया महादेव मंदिर प्रसिद्ध है।
(ii) ....
Question : निम्नांकित के प्रमुख लक्षण बताइए?
(i)कर्नाटक संगीत
(ii)किशनगढ़ चित्रकला शैली
(iii) नगर स्थापत्य शैली
(iv) अवनीन्द्रनाथ ठाकुर का नव्यकला आन्दोलन
(1989)
Answer : (i) कर्नाटक संगीतः कर्नाटक संगीत दक्षिण भारत में विकसित हुआ तथा इसका मुख्य आधार भक्ति संगीत रहा है। जब ‘कीर्ति’ के विकास को पूरा कर लिया गया, तो ‘सानिली’ ‘जंदाई’ ‘धातु’ एवं ‘गीतम’ जैसे संगीत अभ्यासों का उदय हुआ। ताल पक्कम अझणमाचार्य शैली पल्लवी, अनुपल्लवी आदि कर्नाटक संगीत शैली की भिन्न-भिन्न शैलियां हैं।
(ii) किशनगढ़ चित्रकला शैलीः किशनगढ़ शैली राजस्थानी चित्र शैली का एक उपभाग है। आरंभिक चित्र दरबार और शिकार के बने हैं तथा बाद ....
Question : निम्नलिखित के प्रमुख लक्षण बताइएः
(i)शास्त्रीय संगीत
(ii)भरतनाट्यम
(iii) शब-ए-बरात
(iv) कांगड़ा चित्रकला
(1990)
Answer : (i) शास्त्रीय संगीतः संगीत जगत में जो संगीत धारा अविकृत भाव से, एक से अधिक शताब्दी से, विभिन्न घरानों के माध्यम से आधुनिक काल तक चली आ रही है, वही शास्त्रीय संगीत है। ध्रुपद, खयाल, ठुमरी और टप्पा शास्त्रीय संगीत की श्रेणी में सम्मिलित हैं। भारत का संगीत-हिन्दुस्तानी संगीत और कर्नाटक संगीत नामक दो मुख्य धाराओं में विभक्त है। दक्षिण भारत में कर्नाटक पद्धति का संगीत तथा अन्य भागों में हिन्दुस्तानी पद्धति का संगीत प्रचलित ....
Question : निम्नलिखित की प्रमुख विशेषताएं बताइएः
(i)शबे बरात
(ii)गणेश चतुर्थी
(iii) द्रविड़ वास्तुकला
(1995)
Answer : (i) शबे बरातः यह मुसलमानों का एक त्योहार है, जो शबन (मुसलमानों का आठवां माह) के तेरहवीं व चौदहवीं रात को मनाया जाता है। इसे तौलुत-उल-बरात भी कहते हैं। इस रात सभी जीवित प्राणियों के आगामी वर्ष का भाग्य लिखा जाता है। इस दिन अच्छे पकवान बनाए जाते हैं और जो उस वर्ष मरे हैं उनके घरों को यह पकवान व मिठाइयां भेजी जाती हैं। गुजरात के शिया मुसलमान इस दिन दीप जलाते हैं और ....