मुक्त व्यापार समझौता क्या है?

मुक्त व्यापार समझौते (FTA) का तात्पर्य दो या दो से अधिक देशों के बीच एक ट्रेड ब्लॉक के निर्माण के लिए मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किया जाना है। इसके बाद यह एक मुक्त व्यापार क्षेत्र (free-trade area) बन जाता है। इस क्षेत्र में आयात और निर्यात पर किसी तरह का कोई प्रतिबन्ध, आयात कोटा या प्रशुल्क नहीं लगाया जाता।

  • FTA में वस्तुओं की कीमतें निर्धारित करने में मांग और पूर्ति का नियम लागू होता है। इससे एक तो किसी एक देश का अपने बाजार से एकाधिकार (Monopoly) समाप्त हो जाता है।
  • विश्व के अधिकांश देश विश्व व्यापार संगठन (WTO) के सदस्य हैं, पर इसकी प्रभावशीलता में कमी आने से व्यापार में उन्हीं कारणों से बाधाएं आ रही हैं, जिसके निहितार्थ के लिए इसका गठन किया गया था। ऐसे में बहुपक्षीय व्यापार संधि के बजाय द्विपक्षीय संधियों का चलन बढ़ा है।
  • भारत को भी अपने व्यापारिक हित को ध्यान में रखते हुए किसी भी तरह की संधि में शामिल होना चाहिए। ज्ञात हो कि FTA की अवधारणा सबसे पहले वर्ष 1776 में एडम स्मिथ की पुस्तक 'The Wealth of Nations' में सामने आई थी।

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