दुर्लभ खनिज क्षेत्र में भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग
जुलाई 2022 में एक साझेदारी के तहत भारत तथा ऑस्ट्रेलिया ने निर्णय लिया है कि वे दुर्लभ खनिजों से संबंधित परियोजनाओं तथा आपूर्ति श्रृंखलाओं (Projects and supply chains) को मजबूत बनाने के लिए सहयोग में वृद्धि करेंगे।
- आधुनिक समय में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी को आधार प्रदान करने वाले खनिजों को दुर्लभ खनिज के रूप में जाना जाता है। इन खनिजों में ग्रेफाइट, लिथियम तथा कोबाल्ट (Graphite, Lithium and Cobalt) जैसे तत्व शामिल हैं।
 - इन खनिजों का उपयोग व्यापक रूप से मोबाइल फोन, कंप्यूटर, कंप्यूटर चिप्स, इलेक्ट्रिक वाहन, इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी, हरित प्रौद्योगिकी (सौर पैनल एवं पवन टरबाइन), एयरोस्पेस संचार एवं रक्षा उद्योग (लड़ाकू जेट, ड्रोन तथा रेडियो उपकरण) आदि में किया जाता है।
 
अंतरराष्ट्रीय संबंध
- 1 वन लाइनर समसामयिकी
 - 2 INSTC के माध्यम से रुसी जहाज का भारत आगमन
 - 3 न्यू स्टार्ट
 - 4 स्टार्ट संधि तथा रूस
 - 5 भारत और ईरान ने नाविक यात्राओं पर किया समझौता
 - 6 मुक्त व्यापार समझौता क्या है?
 - 7 भारत-यूनाइटेड किंगडम FTA वार्ता
 - 8 मैपिंग एंड एक्सचेंज ऑफ़ गुड प्रैक्टिस पहल
 - 9 भारत-मोजाम्बिक के बीच समझौता
 - 10 असुनसियन में महात्मा गांधी की एक अर्ध-प्रतिमा
 - 11 आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की बैठक
 - 12 भारत एवं पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह
 - 13 शांति आयोग का प्रस्ताव
 - 14 भारत-मॉरीशस उच्चाधिकार प्राप्त संयुक्त व्यापार समिति
 - 15 ऑस्ट्रेलिया भारत शिक्षा परिषद की छठी बैठक
 

