फ़ास्टट्रैक विशेष न्यायालयों के लिए केंद्र प्रायोजित योजना

  • 4 अगस्त, 2021 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘फास्टट्रैक विशेष न्यायालयों के लिए केंद्र प्रायोजित योजना’ (Centrally Sponsored Scheme for Fast Track Special Courts) को अगले 2 वर्षों तक जारी रखने की मंजूरी दी।
  • महत्वपूर्ण तथ्यः फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय समर्पित अदालतें हैं, जिनमें अदालती प्रक्रिया तेजी से पूरी की जाती है। असहाय पीडि़तों को त्वरित न्याय प्रदान करने के अलावा, यह व्यवस्था यौन अपराधियों के खिलाफ निवारक ढांचे को मजबूत करती है।
  • 389 विशेष पोक्सो न्यायालयों सहित 1023 फास्टट्रैक विशेष न्यायालय कार्य करते रहेंगे।
  • कुल 1572-86 करोड़ रुपये के परिव्यय में केंद्रीय हिस्से के रूप में 971-70 करोड़ रुपये और राज्य के हिस्से के रूप में 601-16 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की गयी है।
  • केंद्रीय हिस्से की धनराशि निर्भया फंड से उपलब्ध करायी जाएगी।

अक्टूबर 2019 से, कानून और न्याय मंत्रलय का न्याय विभाग यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO), 2012 के तहत बच्चों के खिलाफ बलात्कार और अपराधों के लंबित मामलों के त्वरित परीक्षण और निपटान के लिए केंद्र प्रायोजित योजना को कार्यान्वित कर रहा है।

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