वृक्ष बंधन परियोजना

  • जनजातीय कार्य मंत्रलय ने एक अनूठी पहल करते हुए आर्ट ऑफ लिविंग की साझेदारी में महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ‘वृक्ष बंधन परियोजना’ लॉन्च की, जिसमें 1100 जनजातीय महिलाओं ने देशी पेड़ों के बीज से राखी बनाई।
  • महत्वपूर्ण तथ्यः यह वन क्षेत्र बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन से निपटने में अनोखा योगदान है। यह पहल अक्टूबर 2020 में जनजातीय कार्य मंत्रलय द्वारा आर्ट ऑफ लिविंग को दी गई परियोजना स्वीकृति का हिस्सा है, जिसमें औरंगाबाद के 10 गावों के 10,000 जनजातीय किसानों को गो-आधारित खेती तकनीकों के आधार पर स्थायी प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षित किया जा रहा है।
  • गौ आधारित परंपरागत खेती संबंधी परियोजना का उद्देश्य जनजातीय समुदायों के परंपरागत पारिस्थितिकीय ज्ञान का संरक्षण करना और पुनर्जीवित करना तथा रासायनिक कृषि के नकारात्मक प्रभाव से उनकी रक्षा करना है।
  • रािखयां प्राकृतिक रूप से रंगे, नरम स्वदेशी, गैर विषैले, बायोडिग्रेडेबल कपास पर चिपके देशी बीजों से बनती हैं। एक बार उपयोग के बाद बीज बोया जा सकता है, जिससे पर्यावरण को लाभ होगा।

राष्ट्रीय परिदृश्य