चंदन की खेती

केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने 11 अक्टूबर, 2021 को बेंगलूरू के ‘इंस्टीट्यूट ऑफ वुड साइंस एंड टेक्नोलॉजी’ (Institute of Wood Science and Technology: IWST) के सहयोग से चंदन (Sandalwood) की खेती एवं उसका स्वास्थ्य प्रबंधन विषय पर आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

महत्वपूर्ण तथ्यः यह कार्यक्रम भारतीय चंदन की बुनियादी बातों एवं फायदों, बीजों के प्रबंधन, नर्सरी तकनीक और पौधे के स्वास्थ्य प्रबंधन पर आधारित है।

  • चंदन लंबे समय से भारतीय विरासत एवं संस्कृति से जुड़ा हुआ है क्योंकि देश ने चंदन के वैश्विक व्यापार में 85% का योगदान किया था। हालांकि बाद में यह तेजी से घटने लगा है।
  • एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-बायोटिक और कैंसर-रोधी लाभों के साथ चंदन का उपयोग फार्मास्युटिकल्स, पर्सनल केयर और फर्नीचर में होता है।
  • वैश्विक स्तर पर भारत और ऑस्ट्रेलिया चंदन के सबसे बड़े उत्पादक हैं, जबकि सबसे बड़े बाजारों में संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, जापान और भारतीय घरेलू बाजार शामिल हैं।

जीके फ़ैक्ट

  • 2020 में चंदन का वैश्विक बाजार 30 करोड़ डॉलर था, जबकि विश्व व्यापार अनुसंधान (World Trade Research) ने 2040 तक इस बाजार का आकार 3 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान जाहिर किया है।

आर्थिक परिदृश्य