बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली

सरकार ने एक प्रायोगिक परियोजना के तौर पर 1000 मेगावाट बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (Battery Energy Storage System: BESS) की स्थापना के लिए निर्धारित परियोजना में भाग लेने हेतु 14 अक्टूबर को निविदाएं आमंत्रित की है।

महत्वपूर्ण तथ्यः यह नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और विद्युत मंत्रालय दोनों का संयुक्त प्रयास है, जो देश में ऊर्जा भंडारण प्रणाली की स्थापना के लिए एक रोड मैप प्रदान करने हेतु इस विषय पर काम कर रहे हैं।

  • नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम ‘सौर ऊर्जा निगम’ ने 1000 मेगावाट BESS की खरीद के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं।
  • अंतिम बोली दस्तावेज में सभी सहायक सेवाओं के साथ और उत्पादन, पारेषण एवं वितरण परिसंपत्तियों के एक हिस्से के रूप में BESS की खरीद तथा उपयोग के लिए अंतिम व्यापक दिशा-निर्देशों को शामिल किया जाएगा।
  • भारत आगे बढ़ते हुए निम्न व्यावसायिक कार्यों के तहत ऊर्जा भंडारण प्रणाली का उपयोग करने की योजना बना रहा है-
  1. ऊर्जा भंडारण प्रणाली के साथ अक्षय ऊर्जा;
  2. ट्रांसमिशन सिस्टम के उपयोग को अधिकतम करने और ग्रिड स्थिरता को मजबूत करने के लिए ग्रिड एलीमेंट (grid element) के रूप में ऊर्जा भंडारण प्रणाली;
  3. सेवाओं और लचीले संचालन को संतुलित करने के लिए एक परिसंपत्ति के रूप में भंडारण;
  4. वितरण प्रणाली के लिए भंडारण यानी इसे अपने पीक लोड और अन्य दायित्वों के प्रबंधन के लिए लोड सेंटर पर रखा जा सकता है।

आर्थिक परिदृश्य