कपास अर्थव्यवस्था में मूल्य संवर्धन और निरंतरता

‘कपास अर्थव्यवस्था में मूल्य संवर्धन और निरंतरता’ के भारत-जर्मनी तकनीकी सहयोग परियोजना के क्रियान्वयन हेतु वस्त्र मंत्रालय और ‘डॉयचे जिसेलसॉफ्ट फ्यूर इंटरनेशनेल सुसामनअरबायत (Deutsche Gesellschaft fur Internationale Zusammenarbeit: GIZ) ने 7 अक्टूबर, 2021 को समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।

महत्वपूर्ण तथ्यः परियोजना का लक्ष्य कपास की निरंतरता बनाये रखने और उसके बाद की प्रसंस्करण प्रक्रिया को मजबूत करने पर ध्यान देते हुये भारत में कपास की पैदावार का मूल्य संवर्धन करना है।

  • परियोजना के तहत कपास की पैदावार करने वाले चार प्रमुख राज्यों को केंद्र में रखा गया है- महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु।
  • भारत-जर्मनी विकास सहयोग संरचना के अंग के रूप में जर्मनी के आर्थिक सहयोग और विकास मंत्रालय ने भारत के वस्त्र मंत्रालय के साथ सहयोग किया है। इस सहयोग को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का समर्थन प्राप्त है।

जीके फ़ैक्ट

  • GIZ परियोजना का लक्ष्य डेढ़ लाख कपास किसानों की भागीदारी से 10% अधिक पैदावार को ध्यान में रखते हुये कपास उत्पादन के परिमाण को कम से कम 90,000 हेक्टेयर तक बढ़ाना है।

आर्थिक परिदृश्य