स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को लखपति बनाने हेतु पहल

30 अक्टूबर, 2021 को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने महिलाओं को उच्च आर्थिक क्रम में ले जाने पर अधिक ध्यान देने के लिए, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं को लखपति बनाने के लिए एक पहल की शुरुआत की।

उद्देश्यः ग्रामीण एसएचजी महिलाओं को प्रति वर्ष कम से कम 1 लाख रुपये कमाने में सक्षम बनाना।

महत्वपूर्ण तथ्यः इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए मंत्रालय ने अगले 2 वर्षों में 2.5 करोड़ ग्रामीण एसएचजी महिलाओं को ‘आजीविका सहायता’ प्रदान करने की योजना बनाई है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन कार्यक्रमः इस कार्यक्रम के तहत अब तक 7-7 करोड़ महिलाओं को 70 लाख स्वयं सहायता समूहों में शामिल करने के साथ 6768 ब्लॉकों को कवर किया गया है।

  • एसएचजी को प्रारंभिक पूंजीकरण सहायता प्रदान करने से लेकर सालाना लगभग 80 हजार करोड़ रुपये की सहायता दी जा रही है।
  • इस मिशन के तहत, विभिन्न वर्ग और जाति की गरीब महिलाएं स्वयं सहायता समूहों और उनके संघों में शामिल होती हैं, जो अपने सदस्यों को उनकी आय और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए वित्तीय, आर्थिक और सामाजिक विकास सेवाएं प्रदान करते हैं।

जीके फ़ैक्ट

  • दीनदयाल अंत्योदय योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है, जो ग्रामीण गरीब महिलाओं के लिए क्षमता निर्माण और विविध आजीविका के अवसर पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करती है।

आर्थिक परिदृश्य