राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन

  • केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 अगस्त, 2021 को ‘राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन’ (National Monetisation Pipeline- NMP) का शुभारंभ किया।
  • रणनीतिक उद्देश्यः संस्थागत और दीर्घकालिक पूंजी का उपयोग करके सार्वजनिक क्षेत्र की मौजूदा (ब्राउनफील्ड) परिसंपत्तियों में निहित निवेश के मूल्य को हासिल करना।
  • महत्वपूर्ण तथ्यः यह पाइपलाइन नीति आयोग द्वारा अवसंरचना से संबंधित मंत्रालयों के परामर्श से विकसित की गई है, जो केंद्रीय बजट 2021-22 के तहत ‘परिसंपत्ति मुद्रीकरण’ से जुड़े अधिदेश पर आधारित है।
  • ढांचाः इसमें जोखिम-रहित और ब्राउनफील्ड परिसंपत्तियों, जिनके पास आय के स्थायी स्रोत हैं और जो कारोबार राजस्व अधिकारों पर निर्भर है, का चयन शामिल है।
  • इन संरचनाओं के तहत परिसंपत्तियों का प्राथमिक स्वामित्व सरकार के पास बना रहता है तथा इसमें कारोबार समाप्ति के समय परिसंपत्तियों को सार्वजनिक प्राधिकरण को वापस सौंपने की परिकल्पना की गई है।
  • अनुमानित क्षमताः NMP के तहत वित्तीय वर्ष 2022 से लेकर वित्तीय वर्ष 2025 तक की चार साल की अवधि में केंद्र सरकार की मुख्य परिसंपत्तियों के जरिए 6-0 लाख करोड़ रुपये की कुल मुद्रीकरण क्षमता का अनुमान लगाया गया है।
  • इसमें 12 से ज्यादा संबंधित मंत्रालय और 22 से ज्यादा परिसंपत्ति श्रेणियां शामिल हैं।
  • अनुमानित मूल्य के अनुसार शीर्ष 5 क्षेत्रें की कुल पाइपलाइन मूल्य में लगभग 83% हिस्सेदारी है। इन शीर्ष 5 क्षेत्रों में शामिल हैं- सड़कें (27%), रेलवे (25%), बिजली (15%), तेल और गैस पाइपलाइन (8%) और दूरसंचार (6%)।

NMP के माध्यम से जुटाई जाने वाली राशिह् राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (NIP) के तहत केंद्र के 43 लाख करोड रुपय के प्रस्तावित परिवर्तन का लाभ 14% है।

आर्थिक परिदृश्य