वित्तीय समावेशन सूचकांक

  • भारतीय रिजर्व बैंक ने देश भर में वित्तीय समावेशन की सीमा को मापने के लिए एक सम्मिश्र वित्तीय समावेशन सूचकांक (Financial Inclusion Index: FI-Index) की शुरुआत की है।
  • महत्वपूर्ण तथ्यः मार्च 2021 को समाप्त हुई अवधि के लिए वार्षिक FI-Index 53-9 है, जबकि मार्च 2017 को समाप्त अवधि के लिए यह 43-4 था। FI-Index को वार्षिक आधार पर प्रति वर्ष जुलाई में प्रकाशित किया जाएगा।
  • इस सूचकांक को सरकार और संबंधित क्षेत्र के विनियामकों के परामर्श से तैयार किया गया है, जिसमें बैंकिंग, निवेश, बीमा, डाक के साथ-साथ पेंशन क्षेत्र के विवरण को शामिल करते हुए एक व्यापक सूचकांक के रूप में संकल्पित किया गया है।
  • यह सूचकांक 0 और 100 के बीच की एकल संख्या में वित्तीय समावेशन के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी एकत्रित करता है, जहां 0 पूर्ण वित्तीय अपवर्जन (financial exclusion) का प्रतिनिधित्व करता है वहीं 100 पूर्ण वित्तीय समावेशन को दर्शाता है।
  • FI-Index में तीन व्यापक मापदंड हैं- पहुंच (35%), उपयोग (45%) और गुणवत्ता (20%)। इनमें से प्रत्येक में विभिन्न आयाम शामिल हैं, जिसकी गणना कुछ संकेतकों के आधार पर की जाती है।
  • यह सूचकांक सेवाओं की पहुंच, उपलब्धता एवं उपयोग तथा सेवाओं की गुणवत्ता में आसानी के लिए अनुक्रियाशील है, जिसमें सभी 97 संकेतक शामिल हैं।

FI-Index का निर्माण बिना किसी ‘आधार वर्ष’ के किया गया है और इस तरह यह वित्तीय समावेशन की दिशा में वर्षों से सभी हितधारकों के संचयी प्रयासों को दर्शाता है।

आर्थिक परिदृश्य