सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन अधिनियम 2021

  • राष्ट्रपति द्वारा ‘सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन अधिनियम 2021’ [General Insurance Business (Nationalisation) Amendment Act 2021, को 18 अगस्त, 2021 को स्वीकृति दे दी गई। संसद द्वारा इसे 11 अगस्त, 2021 को पारित किया गया।
  • महत्वपूर्ण तथ्यः इस अधिनियम द्वारा ‘सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम, 1972 में संशोधन किया गया है।
  • यह सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों में निजी क्षेत्र की अधिक भागीदारी प्रदान करता है। इसमें जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, नेशनल इंश्योरेंस, न्यू इंडिया एश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनियों में केंद्र सरकार की 51 फीसदी हिस्सेदारी के अनिवार्य प्रावधान को हटा दिया गया है।

सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम, 1972 ने जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (GIC) की स्थापना की। अधिनियम के तहत राष्ट्रीयकृत कंपनियों के व्यवसायों को GIC की चार सहायक कंपनियों में पुनर्गठित किया गया थाः (i) नेशनल इंश्योरेंस, (ii) न्यू इंडिया एश्योरेंस, (iii) ओरिएंटल इंश्योरेंस, और (iv) यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस।

कृषि शिक्षा

  • पंडित दीन दयाल उपाध्याय उन्नत कृषि शिक्षा योजना (Pandit Deen Dayal Upadhyay Unnat Krishi Shiksha Yojana) को जैविक खेती, प्राकृतिक खेती और गाय आधारित अर्थव्यवस्था में पर्यावरणीय संपोषण और मृदा स्वास्थ्य के लिए मानव संसाधन विकसित करने के लिए शुरू किया गया था। इसकी शुरुआत 100 केंद्रों की स्थापना के साथ हुई थी। कृषि शिक्षा प्रभाग ने अपनी तीन वर्षीय कार्य योजना के तहत देश में उच्च कृषि शिक्षा के सुदृढ़ीकरण और गुणवत्ता आश्वासन के लिए कृषि विश्वविद्यालयों को महत्वपूर्ण क्षेत्रें में आवश्यकता आधारित सहायता प्रदान की है। कृषि विश्वविद्यालय में प्रत्येक कृषि स्नातक छात्र को छात्र ‘रेडी’ (ग्रामीण उद्यमिता जागरूकता विकास योजना) (Rural Entrepreneurship Awareness Development Yojana-READY) कार्यक्रम का चयन करना होता है, जिसका उद्देश्य उनके अध्ययन के अंतिम वर्ष के दौरान ‘ग्रामीण उद्यमिता जागरूकता’ प्रदान करना है।

किसानों का वर्गीकरण

  • कृषि संगणना में, परिचालनात्मक जोतों को तीन सामाजिक समूहों में श्रेणीबद्ध किया गया है- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य_ और पांच आकार श्रेणियों में श्रेणीबद्ध किया गया है- 1- सीमांत (1-00 हेक्टेयर से कम),2- लघु (1-00 - 2-00 हेक्टेयर), 3- अर्ध-मध्यम (2-00 - 4-00 हेक्टेयर), 4- मध्यम (4-00 - 10-00 हेक्टेयर), 5- बड़े (10-00 हेक्टेयर और उससे अधिक)। नवीनतम कृषि संगणना 2015-16 के अनुसार, देश में भूमि जोत का औसत आकार 1-08 हेक्टेयर था।

आर्थिक परिदृश्य