राष्ट्रीय खाद्य तेल-पाम ऑयल मिशन

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 18 अगस्त, 2021 को ताड़ के तेल (Palm Oil) के लिये एक नये मिशन ‘राष्ट्रीय खाद्य तेल - पाम ऑयल मिशन’ (National Mission on Edible Oils n` Oil Palm: NMEO-OP) की शुरुआत को मंजूरी प्रदान की।
  • उद्देश्यः भारत को ताड़ के तेल सहित खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनाना तथा 2025-26 तक ताड़ के तेल (palm oil) के घरेलू उत्पादन को तीन गुना बढ़ाकर लगभग 11 लाख मीट्रिक टन करना।
  • महत्वपूर्ण तथ्यः इस केंद्र प्रायोजित नई योजना का फोकस पूर्वोत्तर क्षेत्रें तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर होगा।
  • योजना के लिये 11,040 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय निर्धारित किया गया है, जिसमें से केंद्र सरकार 8,844 करोड़ रुपये और राज्यों द्वारा 2,196 करोड़ रुपये वहन किया जाएगा, इसमें घाटे की भरपाई करने की भी व्यवस्था (viability gap funding) शामिल की गई है।
  • योजना के तहत, वर्ष 2025-26 तक पाम ऑयल का रकबा (क्षेत्र) 6-5 लाख हेक्टेयर बढ़ा दिया जाने का प्रस्ताव किया गया है और इस तरह अधिकार 10 लाख हेक्टेयर रकबे का लक्ष्य पूरा किया जाएगा।
  • इस योजना में दो प्रमुख क्षेत्रें पर विशेष ध्यान दिया गया है। पहली बार केंद्र सरकार ताजे फलों के गुच्छों की कीमत के लिए किसानों को आश्वासन दे रही है। यह व्यवहार्यता मूल्य (Viability Price) कहलाएगा। तेल-उद्योग, ‘पाम ऑयल किसान’ द्वारा तैयार इन फलों के बीज से तेल निकालता है।
  • दूसरा ताड़ की खेती के लिये सहायता प्रति हेक्टेयर 12,000 रुपये से बढ़ाकर 29,000 रुपये प्रति हेक्टेयर कर दी गई है।

ताड़ का तेल बड़े पैमाने पर मलेशिया और इंडोनेशिया से आयात किया जाता है, जिनके लिए भारत सबसे बड़ा उपभोक्ता है।

आर्थिक परिदृश्य