राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति

  • 13 अगस्त, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति’ (National Automobile Scrappage Policy) का अनावरण किया गया।
  • उद्देश्यः पर्यावरण अनुकूल और सुरक्षित तरीके से अनुपयुक्त और प्रदूषणकारक वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाना।
  • महत्वपूर्ण तथ्यः वाणिज्यिक वाहनों को फिटनेस प्रमाण पत्र न मिल पाने की स्थिति में 15 वर्ष के बाद अपंजीकृत किया जाएगा, जबकि निजी वाहनों को 20 साल के बाद पंजीकरण का नवीनीकरण न होने की स्थिति में यह अनुपयुक्त पाए जाने पर अपंजीकृत कर दिया जाएगा।
  • हतोत्साहन उपाय के रूप में, 15 वर्ष या इससे पुराने वाहनों का फिर से पंजीकरण करने पर, इनके शुरुआती पंजीकरण से ज्यादा शुल्क लिया जाएगा।
  • योजना के तहत प्रोत्साहनः वाहन नष्ट करने का केंद्र पुराने वाहन के कबाड़ का मूल्य निर्धारित करेगा, जो किसी नए वाहन की शोरूम से बाहर निकलते समय देय मूल्य का लगभग 4-6% होगा।
  • राज्य सरकारों को ऐसे वाहनों पर रोड टैक्स में छूट देने की सलाह दी गयी है, जो निजी वाहनों के लिए 25% और वाणिज्यिक वाहनों के लिए 15% तक हो सकती है।
  • वाहन निर्माताओ को भी परामर्श दिया गया है कि वे स्क्रैपिंग प्रमाण पत्र दिखाने पर नए वाहन की खरीद के मूल्य में 5% की छूट देंगे।
  • इसके अलावा स्क्रैपिंग प्रमाण पत्र दिखाने के बाद नया वाहन खरीदने पर पंजीकरण शुल्क में भी छूट दी जा सकती है।

भारी वाणिज्यिक वाहनों की फिटनेस की अनिवार्य जांच 1 अप्रैल, 2023 से तथा अन्य श्रेणियों के लिए चरणबद्ध क्रम में अनिवार्य फिटनेस परीक्षण 1 जून, 2024 से शुरू किया जाएगा।

इस माह के चर्चित संस्थान एवं संगठन

केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान

  • हरियाणा और पंजाब के कई जिलों में कपास की फसल गुलाबी सुंडी (पिंक बॉलवार्म) कीट की चपेट में आ गई है। केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान (Central Institute for Cotton Research- CICR) ने कीट को लेकर पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था।
  • ‘अखिल भारतीय समन्वित कपास सुधार परियोजना’ (AICCIP) के तहत कपास अनुसंधान प्रयास की शुरुआत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा वर्ष 1967 में की गई थी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने अप्रैल 1976 में नागपुर में ‘केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान’ की स्थापना की। इसका मुख्यालय नागपुर में स्थित है। अन्य दो क्षेत्रीय इकाइयां कोयंबटूर (तमिलनाडु) और सिरसा (हरियाणा) में स्थित हैं। संस्थान का उद्देश्य कपास उत्पादन को लागत प्रभावी तथा राष्ट्रीय और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कम लागत के साथ भारतीय कपास के उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार करना है। 12 अक्टूबर, 2020 से केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के वर्तमान निदेशक डॉ. वाई जी प्रसाद हैं।

आर्थिक परिदृश्य