शंघाई सहयोग संगठन का रक्षा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन

23 अगस्त, 2022 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) के रक्षा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भाग लिया।

  • राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों से भी मुलाकात की।
  • शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में यूक्रेन और अफगानिस्तान की स्थिति सहित क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर विचार-विमर्श हुआ।
  • इन्होने स्वर्गीय प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित कीऔर उज्बेकिस्तान में भारतीय प्रवासियों से भी मुलाकात की।
  • शंघाई सहयोग संगठन एक स्थायी अंतरराष्ट्रीय अंतर सरकारी संगठन है। इसका सचिवालय चीन की राजधानी बीजिंग में स्थित है।
  • यह एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है, जिसका लक्ष्य यूरेशियाई क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना है।
  • एससीओ शंघाई सहयोग संगठन को जून 2001 में शंघाई (चीन) में कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, रूस और ताजिकिस्तान द्वारा स्थापित किया गया था।
  • इस संगठन की उत्पत्ति ‘शंघाई फाइव’ (Shanghai-5) से हुई है। जून 2017 में अस्ताना में आयोजित एससीओ के राज्य परिषद के प्रमुखों की बैठक में भारत और पाकिस्तान को संगठन के पूर्ण सदस्य का दर्जा दिया गया था।
  • एससीओ की आधिकारिक भाषाएं रूसी और चीनी हैं।
  • इसके सदस्य देश कजाखस्तान, चीन, किर्गिजस्तान, रूस, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान है। इसके 3 पर्यवेक्षक देश अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया है।
  • क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (Regional Anti-Terrorist Structure) को आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए स्थापित किया गया है।

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