मिथिला मखाना को भौगोलिक संकेतक का दर्जा

21 अगस्त, 2022 को भारत सरकार द्वारा मिथिला मखाना को भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication-GI) टैग प्रदान किया गया है।

  • इससे उत्पादकों को उनकी प्रीमियम उपज का अधिकतम मूल्य मिलेगा और बिहार के मिथिला क्षेत्र के 5 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे।
  • भौगोलिक संकेतक एक निश्चित उत्पाद को दिया गया नाम या संकेत है, जिसका भौगोलिक स्थानों के साथ विशिष्ट संबंध होता है।
  • भारत में जीआई टैग भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 द्वारा शासित होता है। यह चेन्नई स्थित भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री द्वारा जारी किया जाता है।
  • एक बार किसी उत्पाद को यह टैग मिल जाने के बाद, कोई भी व्यक्ति या कंपनी उस नाम से मिलती-जुलती वस्तु नहीं बेच सकती। भौगोलिक संकेतक 10 साल की अवधि के लिए वैध होता है, जिसके बाद इसे नवीनीकृत किया जा सकता है।

2022 में प्रदान किये गए प्रमुख भौगोलिक संकेतक

उत्पाद

राज्य/संघ राज्य क्षेत्र

कंधमाल हल्दी

ओडिशा

पांडम और हमाराम हस्तशिल्प

मणिपुर

पलानी पंचमीर्थम

तमिलनाडु

तिरूर सुपारी (तिरूर वेट्टीला)

केरल

खोला मिर्च

गोवा

इडु मिश्मी वस्त्र हस्तशिल्प

अरुणाचल प्रदेश

काजी नेमू

असम

सफेद प्याज

महाराष्ट्र

राष्ट्रीय परिदृश्य