तटीय पारिस्थितिक तंत्र पर कैग की रिपोर्ट

8 अगस्त, 2022 को भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General-CAG) की भारत के तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण पर लेखापरीक्षा रिपोर्ट संसद में पेश की गई, जिसमें केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई हैं।

भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक

  • भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का गठन का प्रावधान संविधान के भाग-5 के अनु. 148 में विद्यमान है।
  • नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षककी नियुक्ति भारत का राष्ट्रपति करता है। इसका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, होता है। इसे उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के समान प्रक्रिया से हटाया जा सकता है।

कार्य एवं उद्देश्य

  • यह केन्द्र, राज्य एवं इनके द्वारा वित्त पोषित निकायों के व्ययों का लेखा-जोखा रखता है। यह लोक लेखा समिति के मित्र, गाइड एवं मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है।
  • केन्द्र एवं राज्य के लेखा प्रारूप संबंधी सलाह राष्ट्रपति को देता है। यह UN के कई संस्थाओं के लिये भी लेखा परीक्षक का कार्य करता है। CAG की रिपोर्ट भ्रष्टाचार रोकने का प्रमुख साधन है, इसके आधार पर न्यायालय में कार्यवाही की जा सकती है।

राष्ट्रीय परिदृश्य