नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप

हाल ही में अंडमान और निकोबार कमान (Andaman and Nicobar Command) ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप को इस द्वीप के पर्यटन और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अंडमान और निकोबार प्रशासन को सौंप दिया।

  • नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप 1942 में जापानियों द्वारा कब्जा किए जाने तक ब्रिटिश शासन का प्रशासनिक मुख्यालय था।
  • 1943 में अपनी अंडमान और निकोबार यात्र के दौरान नेताजी सुभाष चंद्र बोस भी इस द्वीप पर रुके थे।
  • प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2018 में इसका नाम बदलकर ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप’ रखा। पहले इसे ‘रॉस द्वीप’ के नाम से जाना जाता था।
  • इस द्वीप में एक नाविक प्रतिमा और पीछे की तरफ एक लाइटहाउस भी है। यह भारत का पहला सोलर लाइटहाउस है।

राष्ट्रीय परिदृश्य