रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 में संशोधन

रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भरता' को बढ़ावा देने के लिए 25 अप्रैल, 2022 को रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 में संशोधन किया गया है।

महत्वपूर्ण तथ्य: रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 को निम्नलिखित के संबंध में रक्षा अधिग्रहण परिषद(डीएसी) द्वारा दी गई मंजूरी के आधार पर संशोधित किया गया है-

  1. रक्षा सेवाओं और भारतीय तटरक्षक की सभी आधुनिकीकरण आवश्यकताओं की पूर्ति खरीद की प्रकृति के बावजूद स्वदेशी रूप से की जानी है।
  2. पूंजी अधिग्रहण के विदेशी उद्योग से रक्षा उपकरण/सोर्सिंग का आयात केवल एक अपवाद होना चाहिए और डीएसी/रक्षा मंत्री के विशिष्ट अनुमोदन के साथ किया जाना चाहिए।
  3. इंटेग्रिटी पैक्ट बैंक गारंटी (IPBG) की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है। इसके बजाय, 100 करोड़ रुपए से अधिक की स्वीकृति की आवश्यकता (Acceptance of Necessity: AoN) की लागत के सभी अधिग्रहण मामलों के लिए बयाना राशि जमा को बोली सुरक्षा राशि के रूप में लिया जाएगा।
  4. रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 की आईडीईएक्स (iDEX) प्रक्रिया के तहत खरीद प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। इस सरलीकरण के साथ, AoN के अनुदान से अनुबंध पर हस्ताक्षर करने में लगने वाला समय घटकर 22 सप्ताह हो जाएगा।
  5. मेक-II प्रक्रिया में समय-सीमा को मौजूदा कुल समयावधि 122-180 सप्ताह से घटाकर 101-109 सप्ताह कर दिया जाएगा।

GK/GS तथ्यावलोकन

  • रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 की मेक-II प्रक्रिया में प्रोटोटाइप विकास के चरण में उद्योग द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं के माध्यम से रक्षा उपकरणों का स्वदेशीकरण शामिल है।

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