भारतीय नौसेना द्वारा स्वदेशीकरण के प्रयास

भारतीय नौसेना, विशेष रूप से हथियारों और विमानन संबंधी वस्तुओं में स्वदेशीकरण के प्रयासों को और तेज कर रहा है।

महत्वपूर्ण तथ्य: भारतीय नौसेना ने दशकों पहले स्वदेशीकरण की दिशा में प्रारंभिक नेतृत्व किया था और 2014 में उपकरणों और प्रणालियों के स्वदेशी विकास को सक्षम करने के लिए 'भारतीय नौसेना स्वदेशीकरण योजना 2015-2030' को प्रख्यापित (promulgated) किया था।

  • यह रक्षा आयात में कटौती और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार की नीति के अनुरूप है।
  • अब तक, नौसेना ने भारतीय नौसेना स्वदेशीकरण योजना के तहत लगभग 3,400 वस्तुओं का स्वदेशीकरण किया है, जिसमें 2,000 से अधिक मशीनरी और विद्युत पुर्जे, 1,000 से अधिक विमानन पुर्जे और 250 से अधिक हथियार शामिल हैं।
  • मौजूदा नौसेना उड्डयन स्वदेशीकरण रोडमैप (NAIR) 2019-22 भी संशोधन के अधीन है। संशोधित NAIR 2022-27 में सभी तेज गति वाले विमान अनिवार्य पुर्जे और उच्च लागत वाली स्वदेशी मरम्मत को शामिल किया जा रहा है।
  • नौसेना के विमानों के पुर्जों के स्वदेशीकरण को संभालने के लिए चार आंतरिक स्वदेशीकरण समितियों का गठन किया गया है। इसके अलावा, विभिन्न स्थानों पर स्थित नौसेना संपर्क प्रकोष्ठों (Naval Liaison Cells) को 'स्वदेशीकरण प्रकोष्ठ' के रूप में नामित किया गया है।
  • वर्तमान में 41 जहाज और पनडुब्बियां निर्माणाधीन हैं, 39 भारत के शिपयार्ड में बनाए जा रहे हैं, जबकि सैद्धांतिक रूप से भारत में 47 जहाजों के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय की मंजूरी मौजूद है।

GK/GS तथ्यावलोकन

  • अगस्त 2020 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा शुरू किया गया 'नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन' (NIIO) भारतीय नौसेना क्षमता विकास तंत्र के साथ शिक्षा और उद्योग के लिए एक सुलभ इंटरफेस प्रदान करता है।

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