राष्ट्रीय महिला आयोग का मानव तस्करी रोधी प्रकोष्ठ

राष्ट्रीय महिला आयोग ने 2 अप्रैल, 2022 को मानव तस्करी रोधी प्रकोष्ठ (Anti-Human Trafficking Cell) का शुभारंभ किया।

उद्देश्य: मानव तस्करी के मामलों से प्रभावी तरीके से निपटने में सुधार करना, महिलाओं और लड़कियों के बीच जागरूकता बढ़ाना, मानव-तस्करी रोधी इकाइयों के क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण में वृद्धि करना और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की जवाबदेही बढ़ाना।

महत्वपूर्ण तथ्य: प्रकोष्ठ कानून प्रवर्तन अधिकारियों के बीच जागरूकता बढ़ायेगा और उनकी क्षमता निर्माण को सुविधाजनक बनाएगा।

  • यह प्रकोष्ठ क्षेत्रीय, राज्य और जिला स्तर पर पुलिस अधिकारियों और अभियोजकों को लैंगिक समानता के प्रति संवेदनशील बनाने और मानव-तस्करी से निपटने में सक्षम करने के लिए प्रशिक्षण एवं कार्यशालाओं का आयोजन करेगा।
  • आयोग को मिलने वाली मानव-तस्करी से संबंधित शिकायतों का समाधान इस प्रकोष्ठ द्वारा किया जाएगा।
  • प्रकोष्ठ तस्करी की रोकथाम और पीड़ितों के पुनर्वास के लिए अपनाए जा रहे उपायों के संबंध में सरकारी एजेंसियों को प्रोत्साहित करेगा।

राष्ट्रीय महिला आयोग: राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत जनवरी 1992 में एक सांविधिक निकाय के रूप में की गई थी।

  • यह महिलाओं के लिए संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने के साथ ही उनकी शिकायतों के निवारण की सुविधा प्रदान करता है।

GK/GS तथ्यावलोकन

  • राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रथम अध्यक्ष जयंती पटनायक थीं। राष्ट्रीय महिला आयोग की वर्तमान अध्यक्ष रेखा शर्मा हैं।

इन्हें भी जानें

विद्या समीक्षा केंद्र

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 अप्रैल, 2022 को गुजरात में शिक्षा विभाग द्वारा स्थापित ‘कमान एवं नियंत्रण केंद्र’ का दौरा किया।
  • जून 2021 में, पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने तकनीकी और ढांचागत उन्नत कमान एवं नियंत्रण केंद्र 2.0 या 'विद्या समीक्षा केंद्र' का उद्घाटन किया था। यह एक निगरानी प्रणाली है, जो नामांकन, उपस्थिति, सीखने के परिणामों, ड्रॉप-आउट, स्कूल प्रत्यायन (school accreditation) को ट्रैक करती है और स्कूलों, शिक्षकों और ब्लॉक और क्लस्टर संसाधन केंद्र समन्वयकों की निगरानी करती है। यह अत्याधुनिक डेटा संचालित केंद्र 'राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा आर्किटेक्चर' (National Digital Education Architecture) फ्रेमवर्क पर आधारित है। केंद्र गांधीनगर के सेक्टर- 19 में स्थित है और इसका उद्देश्य सीखने के परिणामों में सुधार के लिए डेटा और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना है।

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