मेघालय का 'लिविंग रूट ब्रिज' यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की संभावित सूची में

मेघालय में लोगों और प्रकृति के बीच सामाजिक-सांस्कृतिक, सामाजिक एवं वानस्पतिक संबंधों को उजागर करते 70 से अधिक गांवों में पाए जाने वाले ‘लिविंग रूट ब्रिज’ (Living Root Bridges) को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची (tentative list) में शामिल किया गया है।

महत्वपूर्ण तथ्य: ग्रामीण लगभग 10 से 15 वर्षों की अवधि में जल निकायों के दोनों किनारों पर ‘फिकस इलास्टिका' (ficus elastica) पेड़ की जड़ों से ‘लिविंग रूट ब्रिज’ को तैयार करते हैं।

  • ये मेघालय के दक्षिणी भाग में बहुत आम हैं, जहां खासी और जयंतिया जनजातियों के ग्रामीण इन्हें तैयार करते हैं।
  • वर्तमान में, राज्य के 72 गांवों में फैले लगभग 100 ज्ञात लिविंग रूट ब्रिज हैं।
  • 2021 में रूट-ब्रिज पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें वैज्ञानिकों ने ऑर्किड, उभयचर और स्तनधारियों की अनूठी प्रजातियों के अपने निष्कर्ष प्रस्तुत किए, जो इन रूट-ब्रिज पर पाए जा सकते हैं।

GK/GS तथ्यावलोकन

  • लिविंग रूट ब्रिज को स्थानीय रूप से 'जिंगकिएंग जरी' (jingkieng jri) के रूप में जाना जाता है।

राष्ट्रीय परिदृश्य