वाग्शीर

प्रोजेक्ट-75 की भारतीय नौसेना की कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों की छठी और आखिरी पनडुब्बी 'वाग्शीर' (Vagsheer) को मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) के कान्होजी आंग्रे वेट बेसिन में 20 अप्रैल, 2022 को लॉन्च किया गया।

महत्वपूर्ण तथ्य: इसे केंद्रीय रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार की पत्नी वीणा अजय कुमार ने लॉन्च किया।

  • यह प्रोजेक्ट-75 (P-75) के तहत निर्मित स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों में से अंतिम है और समुद्री परीक्षण के बाद 12-18 महीनों के भीतर नौसेना के बेड़े में शामिल हो सकती है।

परियोजना: प्रोजेक्ट-75 पनडुब्बियों की दो पंक्तियों में से एक है, दूसरा प्रोजेक्ट 'पी-75आई' है, जो विदेशी फर्मों से ली गई तकनीक के साथ स्वदेशी पनडुब्बी निर्माण के लिए 1999 में अनुमोदित योजना का हिस्सा है।

  • प्रोजेक्ट-75 के तहत छ: पनडुब्बियों का अनुबंध मझगांव डॉक को 6 अक्टूबर, 2005 को दिया गया था।
  • प्रोजेक्ट-75 के तहत, आईएनएस कलवरी,आईएनएस खंडेरी, आईएनएस करंज और आईएनएस वेला को कमीशन किया गया है। पांचवीं पनडुब्बी 'वागीर' का समुद्री परीक्षण चल रहा है।

क्यों 'वाग्शीर'? वाग्शीर का नामकरण 'सैंड फिश' (sand fish) के नाम पर किया गया है, जो हिंद महासागर की एक गहरे समुद्र में रहने वाली शिकारी प्रजाति है।

  • रूस से प्राप्त वाग्शीर श्रेणी की पहली पनडुब्बी को दिसंबर 1974 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था और अप्रैल 1997 में इसे सेवामुक्त कर दिया गया था।

GK/GS तथ्यावलोकन

  • कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों का डिजाइन स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों पर आधारित है, जो डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बियों का एक वर्ग है, जिसमें डीजल प्रणोदन और वायु-निर्भर प्रणोदन शामिल हैं।

राष्ट्रीय परिदृश्य