संसद में समुद्री डकैती रोधी विधेयक 2022 पारित

राज्यसभा द्वारा 21 दिसम्बर, 2022 को शीतकालीन सत्र के दौरान मंजूरी मिलने के बाद संसद ने समुद्री डकैती रोधी विधेयक 2022 पारित कर दिया है।

महत्वपूर्ण तथ्य-

  • विधेयक भारतीय अधिकारियों को गहरे समुद्र में समुद्री डकैती के खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम बनाता है।
  • यह विशेष आर्थिक क्षेत्र से परे समुद्र पर लागू होता है, जो भारत के समुद्र तट से 200 समुद्री मील से परे है।
  • मैरीटाइम पायरेसी को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 1982 की संधि के जरिए ठोस पहल की- भारत ने इसे 1995 में मंजूरी दी। यह विधेयक संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून अभिसमय (United Nations Convention on the Law of the Sea-UNCLOS) को कानून बनाता है।
  • एंटी मैरीटाइम पायरेसी बिल 2019 को सबसे पहले 9 दिसंबर, 2019 को लोकसभा में पेश किया गया था। इसमें मैरीटाइम पायरेसी को रोकने और ऐसे अपराधों में शामिल समुद्री डाकुओं पर मुकदमा चलाने का प्रावधान किया गया है।

GK फ़ैक्ट

  • समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (UNCLOS): यह 1982 का एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है, जो समुद्री गतिविधियों के संबंध में कानूनी रूपरेखा स्थापित करता है। इसे लॉ ऑफ द सी के नाम से भी जाना जाता है। यह समुद्री क्षेत्रों को पांच मुख्य क्षेत्रों में विभाजित करता है- आंतरिक जल, प्रादेशिक समुद्र, सन्निहित क्षेत्र, विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ)और उच्च समुद्र। वर्ष 1995 में भारत ने UNCLOS की पुष्टि की।

राष्ट्रीय परिदृश्य