राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण

हाल ही में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (National Green Tribunal) ने ठोस एवं तरल अपशिष्ट उत्पादन और उपचार अर्थात प्रबंधन में विफल रहने के कारण पश्चिम बंगाल सरकार पर 3,500 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के बारे में

स्थापनाः स्थापना 18 अक्टूबर, 2010 को राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम (National Green Tribunal Act), 2010 के तहत की गई थी। यह छः महीने के अंदर आवेदनों का निपटान करने का प्रयास करता है।

मुख्यालयः दिल्ली में है तथा चार क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल, पुणे, कोलकाता एवं चेन्नई में स्थित हैं।

उद्देश्यः पर्यावरण संबंधी मुद्दों का तेजी से निपटारा करना है तथा अदालतों में लगे मुकदमों के बोझ को कम करना।

संरचनाः अध्यक्ष, न्यायिक सदस्य और विशेषज्ञ सदस्य शामिल होते है। वे तीन वर्ष की अवधि अथवा 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो) तक पद पर रहेंगे और पुनर्नियुक्ति के पात्र नहीं होंगे। अध्यक्ष की नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।

  • वर्तमान में इसके अध्यक्ष जस्टिस आदर्श गोयल हैं।
  • एनजीटी की स्थापना के बाद भारत ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बाद एक विशेष पर्यावरण न्यायाधिकरण स्थापित करने वाला भारत दुनिया का तीसरा देश बन गया था।

राष्ट्रीय परिदृश्य