भारत में भू-जल संदूषण : समस्या, कारण एवं प्रभाव
हाल ही में केंद्रीय भू-जल बोर्ड (Central Ground Water Board - CGWB) द्वारा भू-जल वार्षिकी 2021-2022 (Groundwater Yearbook 2021-2022) रिपोर्ट प्रकाशित की गई। इस रिपोर्ट में भारत में भू-जल संदूषण (Ground Water Contamination in India) की स्थिति पर प्रकाश डाला गया है।
- रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित 12 भारतीय राज्यों के भू-जल में यूरेनियम का स्तर स्वीकार्य सीमा से अधिक है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा यूरेनियम का सुरक्षित स्तर 30 पीपीबी (PPB- Parts Per Billion) निर्धारित किया गया है।
- पंजाब में यूरेनियम सांद्रता की मात्रा देश में सर्वाधिक पाई गई है तथा यह ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 जलीय कृषि में प्रौद्योगिकी और नवाचार का उपयोग: सतत भविष्य का आधार
- 2 भारत का समुद्री भू-आधिकार: अरब सागर के विस्तारित महाद्वीपीय शेल्फ पर विधिक दावा
- 3 भारत में ई-कॉमर्स का तेजी से बढ़ता विस्तार: उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा
- 4 भारतीय कानूनों में लैंगिक तटस्थता: एक अधूरा एजेंडा
- 5 मानव विकास रिपोर्ट में भारत: प्रगति की झलक एवं एआई युग में समावेशी विकास की चुनौतियां
- 6 समावेशी डिजिटल पहुंच: जीवन एवं स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का अभिन्न अंग
- 7 वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ भारत की बहु-आयामी रणनीति: विश्लेषण
- 8 भारत में जाति जनगणना: नीतिगत सुधार एवं सामाजिक समावेशन की दिशा में कदम
- 9 भारत में नागरिक सुरक्षा: चुनौतियां, तैयारी और सुधार की दिशा
- 10 डि-एक्सटिंक्शन: एक नीतिशास्त्रीय दृष्टिकोण