भारत में ई-कॉमर्स का तेजी से बढ़ता विस्तार: उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा

भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र ने पिछले एक दशक में अभूतपूर्व गति से विकास किया है। ऑनलाइन शॉपिंग, क्विक कॉमर्स और डिजिटल भुगतान की सहजता ने उपभोक्ताओं को नए अनुभव प्रदान किए हैं। किंतु इस तीव्र वृद्धि के साथ कुछ गंभीर चुनौतियाँ भी सामने आई हैं, जैसे— शोषणकारी मूल्य निर्धारण (Predatory Pricing), अनुचित छूट, और प्रतिस्पर्धा विरोधी प्रथाएं, जिनका सीधा प्रभाव उपभोक्ताओं और छोटे व्यापारियों पर पड़ता है।

  • इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने मई 2025 में उत्पादन लागत निर्धारित करने के लिए नए विनियम लागू किए हैं।
  • 'भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (उत्पादन लागत का अवधारण) विनियम, 2025 ....
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