Question : ‘लॉर्ड लिटन एवं लॉर्ड रिपन का वायसराय बनना भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना हुई।’ कथन की सत्यता की जांच कीजिए।
(1992)
Answer : लॉर्ड लिटन के दमनात्मक कदमों ने ब्रिटिश कानूनों को भारत में अलोकप्रिय कर दिया था। इसी समय लॉर्ड रिपन के उदारवादी कदमों ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरणा प्रदान की। ऐसे समय में जबकि 1876 के अकाल के कारण लाखों लोग भुखमरी के शिकार हो रहे थे। लॉर्ड लिटन ने 1877 में दिल्ली में एक दरबार बुलाया। इस दरबार में यह घोषणा की गई कि रानी विक्टोरिया ने ‘भारत की साम्राज्ञी’ पद को स्वीकार कर ....
Question : स्वदेशी आन्दोलन कहां तक ‘बायकॉट’ (बहिष्कार) से संबंधित था? आंदोलन में जनसहभागिता के स्वरूप का विश्लेषण कीजिए।
(1992)
Answer : राष्ट्रीय आन्दोलन के लक्ष्यों और तरीकों को प्रभावित करने व उन्हें परिवर्तित करने में 1905 के बंग-भंग योजना ने उल्लेखनीय भूमिका निभायी। बंगाल विभाजन के पीछे अंग्रेज सरकार का उद्देश्य राष्ट्रीय आन्दोलन को कमजोर बनाना था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस व बंगाल के राष्ट्रवादियों ने इसका तीव्र विरोध करते हुए स्वदेशी व बहिष्कार आन्दोलन चलाए। स्वदेशी व बहिष्कार आंदोलनों को इससे पूर्व अमेरिका, आयरलैण्ड व चीन के लोग अपने देशों में अपना चुके थे। राष्ट्रवादियों ने ....
Question : स्वाधीनता तथा डोमिनियन स्टेटस पर जवाहरलाल नेहरू के विचारों का विश्लेषण कीजिए। लाहौर कांग्रेस द्वारा प्रतिपादित नीति में यह कहां तक प्रतिबिंबित हुए?
(1992)
Answer : दिसंबर 1928 में मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में सम्पन्न कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में कांग्रेस ने स्वतंत्र उपनिवेश (डोमिनियन स्टेटस) के स्वरूप की सरकार की मांग का प्रस्ताव पारित किया। साथ ही कांग्रेस ने घोषणा की कि यदि एक वर्ष के अंदर स्वतंत्र उपनिवेश का शासन नहीं दिया गया, तो वह पूर्ण स्वराज्य की मांग करेगी और इसे प्राप्त करने के लिए जनआंदोलन शुरू करेगी। जवाहरलाल नेहरू व सुभाष चंद्र बोस ने भारत को एक ....
Question : महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन क्यों चलाया? भारत के विभिन्न भागों में आंदोलन की उग्रता का विश्लेषण कीजिए।
(1992)
Answer : मेरठ षड्यंत्र मामले के सिलसिले में कम्युनिस्ट नेताओं को दण्डस्वरूप जेल भेज दिया गया था। इस घटना से भारतवासियों में काफी आक्रोश पैदा हो गया। गांधीजी को महसूस होने लगा कि देश अब हिंसक क्रांति की ओर शीघ्रता से बढ़ रहा है तथा वे इस बदलती प्रवृत्ति से काफी दुःखी थे। गांधीजी ने अपने राजनीतिक जीवन का लक्ष्य देश को अहिंसा के माध्यम से स्वतंत्र करना बनाया। गांधीजी ने प्रशासनिक सुधारों के उद्देश्य से यंग ....
Question : ‘रेलवे ने भारत में वही किया जो अन्यत्र और कहीं किया, इसने परिवहन स्थिति के स्वरूप को बदल कर हस्तशिल्प को यांत्रिक उद्योग में बदलने की गति में शीघ्रता प्रदान की। विवेचन कीजिए।
(1992)
Answer : यूरोपीय महाद्वीप में औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप यातायात व्यवस्था के क्षेत्र में, विशेषकर रेलवे यातायात में महत्वपूर्ण विकास हुआ। रेलवे के विकास ने आधुनिक उद्योगों की स्थापना को व्यापक प्रोत्साहन प्रदान किया। भारत में 16 अप्रैल, 1853 को डलहौजी के प्रयासों से बम्बई व थाना के बीच 34 कि.मी. लम्बी रेल लाइन के रूप में रेलवे यातायात आरंभ हुआ। रेलवे यातायात ने देश के औद्योगीकरण एवम् विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की, लेकिन यह कार्य ....
Question : 1919 तक हुए सुधारों में स्थानीय स्वायत्त शासन का एक संक्षिप्त इतिहास लिखिए।
(1992)
Answer : 1816-19 में ऐसे अनेक कानून बनाए गए, जिससे स्थानीय शासन को सड़कों, पुलों व सामूहिक विकास संबंधी ग्रामीणोन्मुखी कार्य करने का अधिकार मिल गया। 1865 में मद्रास व बम्बई की सरकारों को भूमि पर कर लगाने के लिए अधिकार दिए गए। मद्रास में नगर निगम की स्थापना की गई। 1870 में लॉर्ड मेयो ने स्थानीय स्वायत्त सरकार की स्थापना पर बल देते हुए उसे शिक्षा, स्वास्थ्य, सफाई परिवहन व अन्य लोक निर्माण संबंधी कार्यों के ....
Question : ब्रिटिश सरकार के श्रम विधान कहां तक श्रमिक वर्ग की स्थिति को सुधारने के लिए बनाए गए थे?
(1992)
Answer : प्रथम फैक्टरी एक्ट में केवल बाल श्रमिकों के संरक्षण संबंधी प्रावधान लागू किए गए थे। द्वितीय फैक्टरी एक्ट में साप्ताहिक छुट्टी तथा केवल महिलाओं व बच्चों के लिए कार्य करने के घण्टे निश्चित करने के प्रावधान किए गए।
1901 में पारित खदान एक्ट से खानों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को लाभ मिला। 1926 में भारतीय श्रमिक संघ एक्ट पारित हुआ। इससे श्रम संगठनों की स्थिति मजबूत हुई। 1926 में श्रमिक क्षतिपूर्ति एक्ट पारित हो जाने ....
Question : भारत के सामाजिक एवं धार्मिक अन्दोलन में आर्य समाज के क्या योगदान थे?
(1992)
Answer : आर्य समाज का योगदान
Question : शिक्षा पर टैगोर के विचार की विवेचना कीजिए। रूढि़गत शिक्षा पद्धति से यह कहां तक भिन्न था?
(1992)
Answer : टैगोर को स्कूल की चारदीवारी में कैद शिक्षा स्वीकार नहीं थी। वे प्रकृति के निकट होकर अनौपचारिक शिक्षा के पक्षधर थे। वे बच्चों को पूर्ण स्वतंत्रता देने व शिक्षा का माध्यम मातृभाषा को ही बनाए जाने के हिमायती थे। टैगोर प्राच्य सभ्यता के आधार पर केंद्रित शिक्षा प्रणाली अंगीकार करने पर बल देते थे। उनके अनुसार, शिक्षा का उद्देश्य मानव के व्यक्तित्व का विकास करना होना चाहिए। गांधीजी के बुनियादी शिक्षा संबंधी विचारों से टैगोर ....
Question : निम्नलिखित आन्दोलनों के बारे में आप क्या जानते हैं?
(i) वहाबी आन्दोलन
(ii)नील विद्रोह
(iii) भारत छोड़ो आन्दोलन
(1992)
Answer : (i) वहाबी आन्दोलनः यह 19वीं शताब्दी के चौथे दशक से सातवें दशक तक के बीच चला था। सर सैयद अहमद इसके प्रवर्तक थे तथा इस्लाम धर्म को पुनः स्थापित करना चाहते थे। उन्होंने स्वयं को इसका नेता इमाम बताकर अपने अधीन चार उपनेता (खलीफा) नियुक्त किए और पटना, हैदराबाद, मद्रास, बंगाल, यू.पी. व बंबई में इसके केंद्र स्थापित किए। इन्होंने देशभर में अंग्रेज विरोधी भावनाओं का प्रसार किया। 1860 के बाद अंग्रेज सरकार ने इसके ....
Question : निम्नलिखित कहां स्थित हैं और वे समाचार-पत्रों में क्यों आते रहे हैं?
(i) कटक
(ii)अयोध्या
(iii) गुआडलजरा
(1992)
Answer : (i) कटकः उड़ीसा में स्थित इस शहर में मिलावटी व विषाक्त शराब पी लेने से 200 लोगों की मृत्यु हो गई थी।
(ii) अयोध्याः उत्तर प्रदेश में स्थित एक धार्मिक नगर, जो कि भगवान राम की जन्मस्थली माना जाता है। यह नगर मंदिर-मस्जिद विवाद के कारण चर्चा में है।
(iii) गुआडलजराः मैक्सिको में स्थित यह नगर लगातार बम विस्फोटों की घटना के लिए चर्चित रहा। बम विस्फोट की घटना अप्रैल 1992 में घटी ....
Question : निम्न क्यों जाने जाते हैं?
(i) एम.ए. अंसारी
(ii) पी.सी. जोशी
(iii)इन्दुलाल यागनिक
(iv)लॉर्ड पेथविक लॉरेंस
(v)श्रीनारायण गुरु
(vi) नन्दलाल बोस(1992)
Answer : (i) एम.ए. अंसारीः दिल्ली के एक सफल चिकित्सक, जिन्होंने 1912 में तुर्की में एक मेडिकल मिशन का संचालन किया। 1920 में मुस्लिम लीग के व 1922 में खिलाफत समिति के अध्यक्ष रहे तथा कांग्रेस संसदीय दल के संस्थापक प्रेसीडेण्ट भी। 1928-36 की अवधि में जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रहे।
(ii) पी.सी. जोशीः भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक सदस्य, जो कि 1929 में मेरठ षड्यंत्र कांड में जेल गए। 1936 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव ....
Question : भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के अंतिम चरण विशेषकर 1947 के प्रारंभ से स्वतंत्रता प्राप्ति तक का विवरण दीजिए।
(1991)
Answer : भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के अंतिम चरण में एक ओर जहां ब्रिटिश सरकार, मुस्लिम लीग व कांग्रेस नेताओं के बीच भारत के भविष्य को लेकर वार्ताओं के दौर जारी थे, वहीं दूसरी ओर विभिन्न जन-कार्रवाइयां भी सामने आ रही थीं। आजाद हिंद फौज के बंदियों की रिहाई के लिए चले आंदोलन ने जनता को व्यापक पैमाने पर प्रभावित किया। भारतीय सेना पर भी इस आंदोलन का प्रभाव पड़ा। 1945-46 में सैनिक सेवाओं में भी विद्रोह ....
Question : बीसवीं शताब्दी के प्रथम दशक तक के क्रांतिकारी आतंकवाद के विकास का उसके महाराष्ट्र, बंगाल तथा पंजाब में हुए प्रशासन के विशेष संदर्भ में विवेचन कीजिए। (लगभग 250 शब्दों में)
(1991)
Answer : अंग्रेजों की नीतियों से असंतुष्ट होकर भारत में एक वर्ग ऐसा भी उत्पन्न हुआ, जिसका विश्वास हिंसा में हो गया। वह भारत में नवयुवकों का क्रांतिकारी वर्ग था, जिसके केंद्र पंजाब, महाराष्ट्र और बंगाल थे। इस आंदोलन को क्रांतिकारी आतंकवाद का नाम उसमें अपनाए गए साधनों के कारण दिया गया है। वे संगठित हिंसात्मक साधनों द्वारा अंग्रेजी शासन को नष्ट करके स्वतंत्रता चाहते थे और इस कार्य के लिए विदेश सहायता तक लेने के लिए ....
Question : हरिजन आंदोलन क्या था? महात्मा गांधी ने क्यों व्यक्तिगत सत्याग्रह आरंभ किया और इसका क्या प्रभाव हुआ?
(1991)
Answer : रैम्से मैक्डोनाल्ड ने 1932 में अंग्रेजों की ‘बांटो और राज्य करो’की नीति का अनुसरण करते हुए सांप्रदायिक पंचाट की घोषणा की तथा सवर्णों व हरिजनों के अंतर्विरोध का लाभ उठाना चाहा। गांधीजी ने अंग्रेजों की इस कुटिल चाल की आलोचना की। उन्होंने अपने पूर्व विचारों व सिद्धांतों को पुर्नजीवित कर के हरिजनों, अनुसूचित जातियों व जनजातियों के उद्धार कार्य को आरंभ किया। उन्होंने पंचाट के उस निर्णय का विरोध किया, जिसमें हिन्दुओं के कुछ निम्न ....
Question : ‘मैं विश्वस्त हूं कि विश्व की समस्याओं के समाधान की एकमात्र कुंजी समाजवाद में है---- गरीबी, अपार बेरोजगारी, अपकर्ष तथा भारत की जनता के दमन को समाप्त करने के लिए समाजवाद के अतिरिक्त मुझे और कोई रास्ता नहीं दिखता’। राष्ट्रीय योजना द्वारा उद्देश्य की प्राप्ति में नेहरूजी किस प्रकार सफल हुए?
(1991)
Answer : पंडित पंडित जवाहरलाल नेहरू समाजवाद से अधिक प्रभावित थे। उनका विचार था कि गरीबी, बढ़ती हुई बेरोजगारी, अवनति तथा भारतीय जनता की अधीनता को समाप्त करने के लिए समाजवाद के अतिरिक्त अन्य कोई मार्ग नहीं है। समाजवाद ही राजनीतिक तथा आर्थिक ढांचे में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगा, भूमि व उद्योगों में निहित हितों को तथा सामंती और निरंकुश भारतीय राज्यों की प्रणाली को समाप्त करेगा। अर्थव्यवस्था में परिवर्तन केवल उसी समय संभव है, जबकि अर्थव्यवस्था एक ....
Question : 1919 तक के विश्वविद्यालय शिक्षा की वृद्धि एवं विकास को लिखिए।
(1991)
Answer : 1854 के पूर्व उच्च शिक्षा की गति धीमी रही, परंतु 1854 में ईस्ट इंडिया कंपनी के संचालकों ने अपनी नयी शिक्षा नीति की घोषणा की, जो ‘वुड घोषणा-पत्र’ के नाम से जानी जाती है। इसकी सबसे प्रमुख बात विश्वविद्यालयों की स्थापना थी। इसी क्रम में सर्वप्रथम कलकत्ता एवं बम्बई (1857 में) विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई। ये विश्वविद्यालय लंदन के नमूने पर स्थापित किए गए थे। इनका मुख्य कार्य परीक्षा लेना व उपाधियां देना था। ....
Question : ‘डॉ. भीमराव अम्बेडकर का बहुमुखी जीवन अनेक स्थितियों से गुजरा।’ उनके जीवन के अनेक पहलुओं का वर्णन संक्षेप में कीजिए।
(1991)
Answer : डॉ. भीमराव अम्बेडकर का जन्म एक गरीब ‘महार’ परिवार में हुआ था। उन्होंने बड़ी कठिन परिस्थितियों में शिक्षा ग्रहण की थी। उनकी शिक्षा इंग्लैण्ड तथा अमेरिका में हुई थी। 1923 में उन्होंने ‘वकालत’ का पेशा अपनाया। 1924 से 1934 तक वे बम्बई विधानसभा में कार्य करते रहे। उन्होंने तीनों गोलमेज सम्मेलनों में भाग लिया था। वे भारतीय संविधान की प्रारुप समिति के अध्यक्ष भी रहे। डॉ. अम्बेडकर ने प्रथम विधि मंत्री के रूप में भारत ....
Question : रवीन्द्रनाथ टैगोर कहां तक मानव जाति के कवि थे?
(1991)
Answer : कविवर रवीन्द्रनाथ टैगोर की कविताएं विश्वबंधुत्व एवं भाईचारे का संदेश देती हैं। उनके काव्य में मानव की गरिमा तथा ब्रह्म व मानवीय एकता का स्वर प्रस्फुटित होता है। उन्होंने सदैव ही मानवतावाद एवं अंतरराष्ट्रीयता पर बल दिया। उन्होंने नैतिक विकास के लिए साधना, योग इत्यादि तत्व मीमांसा पर अधिक जोर दिया। वे राष्ट्रवाद को मानवतावाद के विकास में अवरोधक मानते थे तथा मानव की स्वतंत्रता के पक्ष में थे। टैगोर की प्रसिद्ध रचना गीतांजलि है, ....
Question : भारत में धार्मिक आंदोलन के इतिहास में थियोसोफिकल सोसाइटी की भूमिका का विवेचन कीजिए।
(1991)
Answer : थियोसोफिकल सोसायटी की स्थापना 1875 में अमेरिका में हुई। इसकी स्थापना एक रूसी महिला मैडम हेलना पेट्रोवना व्लावात्सकी और एक अमेरिकी सैनिक अफसर कर्नल हेनरी स्टील ऑल्काट ने की थी। धर्म को समाज सेवा का मुख्य साधन बनाने और धार्मिक भ्रातृभाव के प्रचार और प्रसार हेतु उन्होंने इस संस्था की स्थापना की थी। उन्होंने हिन्दू धर्म (जो राष्ट्रीय धर्म था) और बौद्ध धर्म जैसे प्राचीन धर्मों को पुनर्जीवित कर उन्हें मजबूत बनाने की वकालत की। ....
Question : प्रेंस की स्वतंत्रता कम करने के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए विभिन्न अधिनियमों का उल्लेख कीजिए।
(1991)
Answer : प्रारंभ में किसी भी प्रेस संबंधी कानून के अभाव में समाचार-पत्र ईस्ट इण्डिया कंपनी के अधिकारियों की दया पर ही निर्भर करते थे। कंपनी के अधिकारी नहीं चाहते थे कि ऐसे समाचार-पत्र, जिनमें उनके उपक्रमों का उल्लेख होता था, किसी प्रकार लंदन पहुंच सकें। जिन संपादकों से उन्हें परेशानी होती थी, उसे लंदन वापस भेज दिया जाता था। लेकिन यह कृत्य भारतीयों के साथ संभव नहीं था। अतः 1799 में वेलेस्ली ने प्रेस नियंत्रण अधिनियम ....
Question : निम्नलिखित आंदोलनों के बारे में आप क्या जानते हैं?
(i)स्वदेशी आंदोलन
(ii) खिलाफत आंदोलन
(iii) नामधारी आंदोलन
(1991)
Answer : (i): स्वदेशी आंदोलनः स्वदेशी आंदोलन का जन्म 1905 के बंगाल विभाजन के समय हुआ। कर्जन द्वारा बंगाल के विभाजन की घोषणा से राष्ट्रवाद की भावना को बल मिला तथा स्वदेशी आंदोलन का उदय हुआ। इसका समर्थन गरम दल के नेताओं ने भी किया था। इस आंदोलन में विद्यार्थियों का प्रमुख योगदान था। अंग्रेजों के आर्थिक हितों पर चोट करने में यह आंदोलन बहुत सफल रहा।
(ii) खिलाफत आंदोलनः खिलाफत आंदोलन का प्रारंभ अली बंधु, मौलाना आजाद, ....
Question : निम्न कहां स्थित हैं और वे समाचार-पत्रों में क्यों आते रहे हैं?
(i) रुद्रपुर
(ii) कच्चात्तिवु
(iii)मोरान (मोरों)
(1991)
Answer : (i) रूद्रपुरः यह नैनीताल जिले (उ.प्र.) में स्थित है। यहां अक्टूबर 91 में रामलीला आयोजन के समय दो स्थानों पर हुए बम विस्फोटों में लगभग 70 लोगों की जानें चली गयीं।
(ii) कच्चातिवुः यह हिंद महासागर में स्थित एक छोटा-सा द्वीप है, जिसे 1974 के समझौते में श्रीलंका को दिया गया था। इसकी वापसी को लेकर तमिलनाडु में काफी आंदोलन हो रहे हैं तथा राज्य के मुख्यमंत्री सुश्री जयललिता ने इस विषय में एक संभाषण भी ....
Question : निम्नलिखित क्यों जाने जाते हैं?
(i) एस.ए. डांगे
(ii) सी.शंकरण नायर
(iii)टीटू मीर
(iv) थियोडोर बेक
(v) इडविन लयुटिएंस
(1991)
Answer : (i) एस.ए. डांगेः ये एक अनुभवी साम्यवादी नेता थे, जिन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना में सहयोग देकर भारतीय राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावशाली बनाया। इन्हें सोवियत संघ का ‘ऑर्डर ऑफ लेनिन’ पुरस्कार (1947 में) मिला था।
(ii) सी. शंकरण नायरः मद्रास प्रांत के प्रमुख राजनीतिक व्यक्तियों में से एक, जो कि अमरावती में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। वे मद्रास लेजिस्लेटिव काउंसिल व बाद में गर्वनर जनरल की कार्यकारिणी परिषद के सदस्य भी रहे।
(iii) टीटू मीरः ....
Question : गांधीजी ने खिलाफत प्रश्न पर अहिंसात्मक असहयोग आंदोलन क्यों चलाया? बाद में उसके साथ दूसरे प्रश्न कैसे जोड़ दिए गए? असहयोग आन्दोलन के रचनात्मक कार्यक्रम का विवेचन कीजिए? (लगभग 250 शब्दों में)
(1989)
Answer : प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति पर युद्ध की शर्तों के मुताबिक खलीफा की प्रभुसत्ता को कम कर दिया गया। इससे भारत की मुस्लिम जनता क्षुब्ध हो गई, क्योंकि तुर्की का खलीफा इस्लामी दुनिया का प्रमुख माना जाता था। गांधीजी ने महसूस किया कि यह समय हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए सहायक सिद्ध हो सकता है। उन्होंने भारत की जनता के रोष का सर्मथन करने का फैसला किया इसलिए गांधीजी ने खिलाफत के प्रश्न पर अहिंसक असहयोग ....
Question : ‘कैबिनेट मिशन योजना’ क्या थी? ‘समूहन खण्ड’ उसके लिए आधारभूत किस प्रकार था? कांग्रेस और लीग की मनोवृत्ति पर उसका क्या प्रभाव पड़ा?
(1989)
Answer : ब्रिटेन में एटली की सरकार ने महसूस किया कि अल्पसंख्यक समस्या का बहाना बनाकर भारत में लम्बे समय तक शासन नहीं किया जा सकता है, क्योंकि अल्पसंख्यक समुदाय बहुसंख्यक समुदाय के हितों पर वीटो नहीं कर सकता। इसके बाद भारतीयों को सत्ता हस्तांतरित करने का उपाय खोजने के लिए 19 फरवरी, 1946 को तीन सदस्यीय कैबिनेट मिशन का गठन करके मार्च, 1946 में भारत भेजा गया, जिसने दोनों समुदायों के लिए समझौते का मार्ग प्रशस्त ....
Question : ‘सिविल सेवाओं में भारतीयों की भर्ती उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम चतुर्थांश का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न था।’ स्पष्ट समझाइए?
(1989)
Answer : लॉर्ड क्लाइव एवं लॉर्ड वारेन हस्टिंग्स के प्रयासों के बावजूद कंपनी के अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त नहीं किया जा सका था। लॉर्ड कार्नवालिस ने महसूस किया कि जब तक भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त नहीं कर दिया जाता, तब तक प्रशासन में सुधार नहीं आ सकता और न ही इसमें कुशलता आएगी। इसी कारण उसने सिविल परीक्षा की व्यवस्था लागू की और सुधारों द्वारा प्रशासन को स्वच्छ बनाना चाहा। लॉर्ड वेलेस्ली ने फोर्ट ....
Question : जवाहरलाल नेहरू समाजवादी विचारों से कैसे प्रभावित हुए? नेहरू तथा अन्य नेताओं के समाजवादी चिन्तन ने 1942 से पहले कांग्रेस को कैसे प्रभावित किया?
(1989)
Answer : 1929 में विश्व में बड़े पैमाने पर आर्थिक मंदी और बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हुई, जो कि अमेरिका में हुए आर्थिक मंदी के दौर का परिणाम थी। इससे पूंजीवादी देशों में उत्पादन कम होने लगा और विदेशी व्यापार में भी कमी आई। लेकिन रूस में ठीक इसके विपरीत हुआ। वहां मार्क्सवाद, समाजवाद और आर्थिक नियोजन की नीतियों के फलस्वरूप प्रगति हुई, जिससे पूंजीवादी देश इस तरह की नई अर्थव्यवस्था के प्रति सजग हो गए। इसी ....
Question : परमोच्च शक्तिमत्ता की राज्य- अपहरण नीति के दुष्परिणामों को अपवारित कर भारत की रियासतों को समेकित करने में पटेल किस प्रकार सफल हुए?
(1989)
Answer : ब्रिटिश प्रधानमंत्री एटली ने 20 फरवरी, 1947 को घोषणा की कि जून 1948 तक भारत को स्वतंत्र कर दिया जाएगा और ब्रिटिश सरकार किसी भी आने वाली सरकार को अपने अधिकार और कर्त्तव्य सौंप देगी। उससे यह डर बना रहा कि अगर छोटे-छोटे राज्य अपनी संप्रभुता बनाए रहे, तो गृहयुद्ध की स्थिति बन सकती है। साथ ही, ब्रिटेन के हटने के बाद अस्थिरता और अराजकता भी फैल सकती है। भारतीय स्वाधीनता अधिनियम, 1947 के मुताबिक ....
Question : उग्रपंथी राष्ट्रवादी आन्दोलन के विकास में धार्मिक सुधार आन्दोलनों के योगदान का संक्षिप्त विश्लेषण कीजिए?
(1989)
Answer : धार्मिक सुधार आंदोलन ने भारतीयों को आत्मसम्मान, आत्मबल एवं अपने देश के गौरव के प्रति जागरूकता प्रदान किया। इससे अनेक भारतीय आधुनिक दुनिया की वास्तविकता को भी समझने लगे। इस आन्दोलन ने पुरातन धर्म को नए रूप में ढाल कर आधुनिक समाज के लिए उपयोगी बनाया। सुधारक आधुनिक मूल्यों एवं विज्ञान में हो रही प्रगति का समर्थन कर रहे थे एवं इसे भारतीय जीवन में अपनाने पर बल देते थे। इससे धर्मनिरपेक्ष एवं राष्ट्रवादी ताकतों ....
Question : ‘रवीन्द्रनाथ ठाकुर का मानवतावाद ईश्वर तथा मानव में उनके विश्वास का सम्मिश्रण है।’ व्याख्या कीजिए।
(1989)
Answer : अैगोर का मानवतावाद आध्यात्मिक नीवों पर आधारित है। वे मनुष्य को भगवान का प्रतीक मानते हैं। यद्यपि टैगोर आधत्मिक शक्ति में विश्वास रखते थे, फिर भी उन्हें मानव धर्म में विश्वास था। मानवतावादी होने के नाते टैगोर मनुष्य में ईश्वर का अंश देखते थे। वे मानव व्यक्तित्व में विश्व को अन्तर्निहित मान कर मानवता की सीमा रेखा में ईश्वर का दर्शन करते थे। उनका आध्यात्मिक मानवतावाद ईश्वर साधना का एकाकी पथ नहीं है, बल्कि उनका ....
Question : निम्नांकित आन्दोलनों के संबंध में आप क्या जानते हैं?
(v)रहनुमाई माज्दायसनाम
(vi) भगत आन्दोलन
(vii) वहाबी आन्दोलन
(1989)
Answer : (i) रहनुमाई माज्दायसनामः रहनुमाई माज्दायसनाम सभा की स्थापना 1850 में बम्बई में नौरोजी फरदोनजी, दादाभाई नौरोजी एवं एस.एस. बंगाली ने की थी। इसका मुख्य उद्देश्य पारसी धर्म में सुधार करना, पारसी समाज को आधुनिक बनाना और पारसी महिलाओं को ऊपर उठाना था। इस सभा को धार्मिक सुधार संगठन भी कहते हैं।
(ii) भगत आन्दोलनः भगत आन्दोलन का नेतृत्व नाना भगत ने किया था। छोटानागपुर के आदिवासियों का ये आंदोलन, चौकीदारीकर और किराए के खिलाफ था। आदिवासी ....
Question : निम्नांकित स्थान कहां हैं और समाचारों में उनके नाम क्यों आए?
(viii)मोगा
(ix) चांदीपुर
(x)दमनस्की द्वीप (शेन पाव)
(1989)
Answer : (i) मोगाः पंजाब के फरीदकोट जिले में मोगा नामक स्थान पर उग्रवादियों ने नेहरू पार्क में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक शाखा पर हमलाकर एवं बम फेंक कर अनेक व्यक्तियों को मार डाला।
(ii) चांदीपुरः चांदीपुर, उड़ीसा के तटीय क्षेत्र में स्थित है। यहां से भारत के मध्यम दूरी के प्रक्षेपास्त्र ‘‘अग्नि’ का प्रक्षेपण किया गया।
(iii) दमनस्की द्वीपः यह द्वीप सोवियत संघ एवं चीन की सीमा के बीच पढ़ता है। इसके अधिपत्य को लेकर दोनों देशों ....
Question : निम्नांकित की प्रशस्ति का कारण क्या है?
(xi) सुब्रह्मण्यम भारती
(xii) एम.ए. अंसारी
(xiii)चापेकर बन्धु
(xiv)पन्नालाल पटेल
(xv) खुदीराम बोस (प्रत्येक पर दो वाक्य)
(1989)
Answer : (i) सुब्रह्मण्यम भारतीः तमिलनाडु के प्रसिद्ध कवि, पत्रकार, लेखक व सामाजिक कार्यकर्त्ता, जिन्होंने एक तमिल दैनिक का प्रकाशन भी शुरू किया, स्वतंत्रता के प्रबल समर्थक एवं राष्ट्रीय अभिलाषाओं के पक्ष में मुखर स्वर। सिस्टर निवेदिता के आचार-विचारों से प्रभावित।
(ii) एम.ए. अंसारीः दिल्ली के प्रमुख डॉक्टर, जिन्होंने 1912 में तुर्की में मेडिकल मिशन का आयोजन किया, 1920 में मुस्लिम लीग तथा 1922 में खिलाफत कमेटी के प्रमुख कांग्रेस पार्लियामेंटरी पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष व 1928-36 तक ....
Question : बंगाल के विभाजन को घटित करने में प्रेरक तत्व क्या थे? उसके परिणाम क्या थे? उसको निराकृत क्यों किया गया? (लगभग) 250 शब्दों में)
(1988)
Answer : राष्ट्र चेतना के अभ्युदय तथा प्रसार के कारण अंग्रेज सरकार अत्यधिक चिन्तित थी। इस सैलाब को रोकने के लिए राष्ट्रीय गतिविधियों के केंद्र बंगाल को लॉर्ड कर्जन ने 7 जुलाई, 1905 को दो प्रान्तों पश्चिम बंगाल और पूर्वी बंगाल में विभाजित करने की घोषणा की। पश्चिम बंगाल में बिहार तथा उड़ीसा और पूर्वी बंगाल में असम को शामिल किया गया। बंगाल विभाजन के पीछे अंग्रेजी सरकार का कुटिल उद्देश्य निहित था। वह ‘बांटो और राज्य ....
Question : महात्मा गांधी ने इर्विन के सामने जो मांगें पेश कीं, उनका विश्लेषण कीजिए। सत्याग्रह के संचालन में केन्द्रस्थ विषय के रूप में नमक कैसे उभर कर आया?
(1988)
Answer : गांधीजी द्वारा लॉर्ड इर्विन को प्रस्तुत की गई प्रमुख मांगें निम्नवत थीं:
ब्रिटिश सरकार ने इनमें से किसी भी मांग को नहीं ....
Question : गांधी-इर्विन समझौता क्या था? इस पर हस्ताक्षर क्यों किए गए? उसके क्या परिणाम थे?
(1988)
Answer : साइमन आयोग की रिपोर्टानुसार, शासन संबंधी सुधारों पर विचार के उद्देश्य से 1930 में लंदन में बुलाया गया प्रथम गोलमेज सम्मेलन कांगेस के भाग न लेने के कारण असफल रहा। इस घटना से ब्रिटिश सरकार ने कांग्रेस के महत्व को समझते हुए कांग्रेस के साथ किसी समझौते पर पहुंचने को प्राथमिकता दी। अतः 5 मार्च, 1931 को गांधीजी व लॉर्ड इर्विन के बीच एक समझौता संपन्न हुआ, जिसकी मुख्य बातें निम्नवत थीं:
Question : बुनियादी शिक्षा के संबंध में महात्मा गांधी की अवधारणा क्या थी? रवीन्द्रनाथ टैगोर उनसे किन बातों में सहमत नहीं थे?
(1988)
Answer : बुनियादी शिक्षा के बारे में गांधी जी ने प्रथम बार 1937 में अपने विचार प्रकट किए। इसे ‘नयी तालीम’ नाम से भी संबोधित किया गया। गांधी ने बुनियादी शिक्षा में शारीरिक प्रशिक्षण, स्वच्छता व स्वावलम्बन पर जोर दिया है। उनके अनुसार, किसी प्रकार के हस्तकौशल या कारीगरी के माध्यम से दी जाने वाली शिक्षा शीघ्र ग्राह्यव लाभकारी होती है। इस पद्धति से व्यक्ति का सर्वाधिक मानसिक व आध्यात्मिक विकास होता है। गांधी के अनुसार, बालकों ....
Question : ‘डिस्कवरी ऑफ इण्डिया’में नेहरू के प्रभाव प्रतिपाद्य विषय को स्पष्ट कीजिए।
(1988)
Answer : जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखित ‘भारत एक खोज’ का मुख्य सार भारत व भारतीयों की गरिमामयी विरासत को उजागर करना है। वह भारत के इतिहास की सार्थकता और वर्तमान में उसके महत्व पर प्रकाश डालना चाहते थे। इस पुस्तक से भारत की गरिमामयी बौद्धिक एवं सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डाला गया है। उक्त पुस्तक में ब्रिटिश शासकों द्वारा किए गए अमानवीय कृत्यों तथा आर्थिक संरचना को नष्ट करने के प्रयासों को भी प्रमुखता दी गई है। ....
Question : सन् 1947 से पूर्व की अवधि में रूस के प्रति नेहरू के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।
(1988)
Answer : 1929 में अमेरिका जबर्दस्त मंदी के दौर से गुजर रहा था, जिसने पूंजीवादी देशों पर आर्थिक रूप से प्रत्यक्ष और अन्य क्षेत्रें में अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव डाला। इस मंदी के दौर में रूस ही एक ऐसा देश था, जो न केवल अप्रभावित रहा, बल्कि उसने महत्वपूर्ण प्रगति भी की। रूस की इसी आर्थिक योजना से नेहरू अत्यन्त प्रभावित हुए और इसे अपनी आर्थिक योजनाओं का एक हिस्सा ....
Question : नारी उत्थान के लिए 1856-1956 की अवधि में जो विधायी अध्युपाय पारित किए गए, उनका परिचय दीजिए। हाल ही में सती का प्रतिरोध करते हुए नया अधिनियम क्यों पारित किया गया?
(1988)
Answer : महिलाओं के उत्थान के लिए सरकार एक निश्चित एवं सोची-समझी नीति पर चल रही है। समाज में महिलाओं की दशा सुधारने के लिए समय-समय पर वैधानिक कारवाइयां भी की गई हैं, जो निम्नवत हैं-
Question : भारत के सामाजिक जनजीवन में निम्नलिखित का योगदान समझाइए। (प्रत्येक के लिए एक वाक्य)
(1988)
Answer : (i) इला भट्टः इन्होंने सेल्फ एजुकेशन वुमेन एसोसिएशन (सेवा) के बैनर तले महिलाओं के उद्धार के लिए कार्य किया और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने तथा समाज में उचित स्थान दिलाने का प्रयास किया।
(ii) एम.जी. रानाडेः सुप्रसिद्ध समाज सुधारक व 1867 में केशव चन्द्र सेन की प्रेरणा से बम्बई में प्रार्थना समाज के संस्थापकों में एक, जिन्होंने विधवाओं के पुनर्विवाह तथा उनके कल्याण पर जोर दिया और 1887 में ज्वलंत सामाजिक प्रश्नों हेतु मद्रास में नेशनल सोशल ....
Question : सामाजिक-धार्मिक सन्दर्भ में निम्नलिखित का महत्व समझाइएः (प्रत्येक लगभग 50 शब्दों में)
(i)आलवार संत
(ii)फरायजियों का आन्दोलन
(iii) कूका आंदोलन
(1988)
Answer : (i) आलवार संतः ये तमिल राज्य में 7वीं से 9वीं शताब्दी की अवधि में वैष्णव धर्म के मतावलम्बी व प्रचारक थे। इनमें कुल 12 संतों को मान्यता मिली है, जिसमें रामानुजाचार्य, माधवाचार्य आदि प्रमुख हैं। इनमें विभिन्न व्यवसायों से जुड़े स्त्री व पुरुष थे, जो कि विभिन्न स्थानों पर भ्रमण करते हुए अपनी भक्तिपूर्ण रचनाएं गाते थे। इन्होंने आराध्य और भक्तों के बीच वैयक्तिक संबंधों पर जोर देकर हिन्दू मत को एक नया मोड़ दिया ....
Question : स्वराज पार्टी के प्रादुर्भाव का परिचय दीजिए। स्वराज पार्टी का घोषणापत्र क्या था? स्वराजवादियों की मांगें क्या थीं? उन पर ब्रिटिश शासन की प्रतिक्रिया क्या थी? (लगभग 250 शब्दों में)
(1990)
Answer : 1922 में चौरी-चौरा कांड के परिणामस्वरूप गांधीजी ने असहयोग आन्दोलन को दुखी मन से स्थगित कर दिया। गांधीजी के इस कार्य का जनता के साथ-साथ राष्ट्रवादी नेताओं की भावनाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ा। आन्दोलन के नेताओं के बीच बढ़ते मतभेद के चलते दो प्रकार की विचारधाराओं का जन्म हुआ। एक विचारधारा परिवर्तनवादियों की थी, जो कि नेतृत्व में परिवर्तन की मांग करने लगे थे। इनमें देशबंधु चितरंजन दास, हकीम अजमल खां, विट्ठल भाई पटेल तथा ....
Question : द्वितीय विश्व युद्ध के प्रति इण्डियन नेशनल कांग्रेस का दृष्टिकोण क्या था? अगस्त प्रस्ताव क्या था? वे कौन से कारक थे, जिनके कारण ब्रिटिश शासन को अपनी निषेधात्मक नीति को बदल कर क्रिप्स को भारत भेजना पड़ा?
(1990)
Answer : द्वितीय महायुद्ध की घोषणा ने इंडियन नेशनल कांग्रेस को दुविधा में डाल दिया, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय नीति के क्षेत्र कांग्रेस की सहानुभूति ब्रिटेन और उसके सहयोगियों के साथ थी और कांग्रेसी युद्ध में ब्रिटेन की हार नहीं चाहते थे। ब्रिटिश लोकतंत्र, स्वतंत्रता व संसदीय संस्थाओं के प्रति कांग्रेस में आदर का भाव था, जबकि नाजियों को वे स्वतंत्रता तथा लोकतंत्र का दुश्मन समझते थे। इंग्लैण्ड द्वारा 3 सितंबर, 1939 को युद्ध की घोषणा के उपरान्त वायसराय ....
Question : महात्मा गांधी की समाजवाद विचारधारा क्या थी? मार्क्सवादी समाजवाद से वह किस प्रकार भिन्न थी?
(1990)
Answer : गांधी का समाजवाद उनकी विचार पद्धति का ही एक व्यापक नाम है। गांधीजी को समाजवाद की प्रेरणा ‘ईशोपनिषद’ के प्रथम श्लोक से मिली थी। वे इस मूल समाजवादी विचार में विश्वास रखते थे कि मनुष्य को अपना पेट भर लेने से अधिक की इच्छा नहीं करनी चाहिए। गांधी ने अन्याय के अहिंसात्मक विरोध का पाठ पढ़ाया है। हालांकि गांधीजी ने कार्ल मार्क्स के समान कोई व्यवस्थित जीवन-दर्शन प्रस्तुत नहीं किया, फिर भी गांधीवादी तथा मार्क्सवादी ....
Question : ‘1935 के अधिनियम’ की प्रमुख विशेषताएं क्या थीं? इस अधिनियम के प्रति जवाहरलाल नेहरू की प्रतिक्रिया क्या थी? उन्होंने 1937 के चुनावों में क्यों भाग लिया और उसका परिणाम क्या हुआ?
(1990)
Answer : 1935 का गवर्नमेण्ट ऑफ इंडिया एक्ट काफी लम्बा एवं जटिल था। इसमें 451 धाराएं थीं। इस अधिनियम में भारत में एक संघ की स्थापना का प्रावधान किया गया, जिसमें ब्रिटिश भारत के गवर्नर व चीफ कमिश्नर शासित प्रान्त व देशी राज्य शामिल किए जाने थे। अधिनियम के दो मुख्य भाग थे- संघीय व्यवस्था तथा प्रांतीय स्वायत्तता के प्रावधान। संघीय कार्यपालिका का प्रधान गवर्नर जनरल था, जो अपने कार्यों में सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद नियुक्त ....
Question : ब्रिटिश शासन के प्रारंभिक दिनों से लेकर वर्ष 1947 तक नारी शिक्षा की प्रगति का क्रमिक विकास बताइए। (प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में)
(1990)
Answer : ब्रिटिश शासनावधि के प्रारंभ के समय में गिनी-चुनी महिलाएं ही शिक्षित थीं तथा अधिकांश महिलाओं में शिक्षा का अभाव था। ईस्ट इंडिया कंपनी ने महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया था तथा केवल पुरुष वर्ग ही शिक्षा प्राप्त कर सकता था। धीरे-धीरे पाश्चात्य सभ्यता व संस्कृति के संपर्क में आकर भारतीयों ने स्त्री शिक्षा के प्रति उदार दृष्टिकोण अपनाया, लेकिन यह मात्र उच्च वर्ग तक ही सीमित रहा। 1930 के आसपास क्रिश्चियन मिशनरियों व ....
Question : लाला लाजपतराय और बाल गंगाधर तिलक ने भारत में सामरिक राष्ट्रवाद की धारणा का समर्थन कैसे किया?
(1990)
Answer : गरमपंथियों को अंग्रेजों की न्यायप्रियता में विश्वास नहीं था तथा वह संघर्ष द्वारा भारत को आजाद करना चाहते थे। गरमपंथियों का नेतृत्व लाला लाजपत राय, लोकमान्य तिलक व विपिन चंद्र पाल ने किया। लाला लाजपत राय जिन्हें ‘शेरे पंजाब’ के नाम से भी जाना जाता है, ने अपने समाचार पत्रों ‘पंजाब’ (अंग्रेजी) व ‘वंदे मातरम्’ (उर्दू) द्वारा राष्ट्रवादी भावनाओं को उद्वेलित कर अंग्रेजी शासन के प्रति उत्पन्न घृणा को तीव्र बनाया। उन्होंने 1907 में किसानों ....
Question : ‘यदि अरविन्द स्वदेशी आन्दोलन के ग्रथित पुरोघा थे, तो रवीन्द्रनाथ इस आन्दोलन के कवि मनीषी थे।’ पल्लवित कीजिए।
(1990)
Answer : अरविन्द घोष ने अपने सत्याग्रह के सिद्धान्त व स्वदेशी आंदोलन के जरिए अंग्रेज सरकार की नीतियों एवं उनकी सत्ता का बहिष्कार किया। वे भारतीय सिविल सेवा में चयनित हो गए थे, लेकिन अनिवार्य घुड़सवारी परीक्षा में उन्होंने भाग नहीं लिया और इसी कारणवश उन्हें इस सेवा को त्यागना पड़ा। 1906 में प्रोफेसर पद से त्यागपत्र देकर वे स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय हो गए और बंग-भंग आंदोलन में सक्रिय भाग लिया। उन्होंने प्रशासन, पुलिस, ब्रिटिश वस्तुओं ....
Question : रामकृष्ण मिशन में स्वामी विवेकानन्द की भूमिका को विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए इस संस्था का समीक्षात्मक परिचय दीजिए।
(1990)
Answer : रामकृष्ण मिशन की स्थापना मई 1897 में स्वामी विवेकानन्द ने अपने गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस की स्मृति में की थी। स्वामी विवेकानन्द ने अपने गुरु के सिद्धान्त ‘मानवता की सेवा’ का अपने व्यावहारिक जीवन में अक्षरशः पालन किया। रामकृष्ण मिशन द्वारा विवेकान्द वेदान्त दर्शन के ‘तत् त्वमसि’ सिद्धान्त को व्यवहार रूप में प्रस्तुत करना चाहते थे। यह संस्था वैज्ञानिक प्रगति व चिन्तन के साथ-साथ प्राचीन भारतीय अध्यात्मवाद को जनकल्याणकारी बनाने हेतु आज भी प्रयत्नशील है। ....
Question : रॉयल इंडियन नेवी का विद्रोह कब और क्यों हुआ? उन्होंने इस आन्दोलन को स्थगित क्यों कर दिया? इस आंदोलन के प्रति गांधी और पटेल के दृष्टिकोण क्या थे? (प्रत्येक पर लगभग 50 शब्दों में)
(1990)
Answer : 1945-46 की शीत ऋतु में सैनिक सेवाओं में भी विद्रोह फैल गया, जिसने ब्रिटिश सम्मान को ठेस पहुंचायी। कलकत्ता से प्रारंभ होकर यह तीनों सेनाओं में फैल गया। 18 फरवरी, 1946 को बम्बई में रॉयल इंडियन नेवी के प्रशिक्षण पोत ‘तलवार’ के 1,100 नाविकों के बीच स्वतः स्फूर्ति विद्रोह भड़क उठा तथा उन्होंने खुला विद्रोह कर दिया। विद्रोह के पीछे प्रमुख कारण नाविकों द्वारा कमान अफसरों की कोई बात न मानना व प्रत्युत्तर में कमान ....
Question : निम्नांकित आन्दोलनों के बारे में आप क्या जानते हैं?
(i)फरायजी आन्दोलन
(ii)शुद्धि आन्दोलन
(iii) तरुण बंगाल आन्दोलन
(1990)
Answer : (i) फरायजी आन्दोलनः मुसलमानों का धर्म सुधार व ब्रिटिश सरकार विरोधी आन्दोलन जिसे दौलतपुर (फरीदपुर) निवासी हाजी शरीअतुल्ला ने चलाया। ये कुरान शरीफ के टीकाकार अमूहनीफ के मत का अनुसरण करके जगत क्रिया और ईश्वर तत्व के संबंध में विशेष भक्ति भाव प्रदर्शित करते थे। ये कुरान को ही मोक्ष का साधन मानते थे। इस आंदोलन के प्रमुख नियम हैं- जिहाद की कर्त्तव्यता, ईश्वर पूजा में विश्वास, पाखण्ड व नास्तिकों पर रोक तथा सभी को ....
Question : निम्नांकित कहां स्थित हैं और समाचार-पत्रों में उनकी चर्चा किस प्रसंग में हुई?
(i)गजरौला
(ii)तीन बीघा
(iii) जाम्बिया
(1990)
Answer : (i) गजरौलाः मुरादाबाद (उ. प्र.) का एक कस्बा, जहां एक मिशनरी विद्यालय की अध्यापिकाओं के साथ असामाजिक तत्वों द्वारा अशोभनीय हरकतें करने की घटना प्रकाश में आयी। उक्त घटना के विरोध में स्कूल कर्मचारियों व स्थानीय लोगों ने आंदोलन चलाया। प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की जांच तथा विद्यालय को पूर्ण सुरक्षा दिए जाने के आदेश जारी किए।
(ii) तीन बीघाः भारत-बांग्लादेश सीमा पर कूच बिहार जिले में स्थित 187 मीटर लम्बा व 85 ....
Question : निम्नलिखित किस लिए प्रसिद्ध हुए?
(i) कुंवर सिंह
(ii) एस.एच. स्लोकम
(iii) पी.आनंद चारु
(iv) के.एम. मुंशी
(v) मुजफ्रफर अहमद
(1990)
Answer : (i) कुंवर सिंहः बिहार में जगदीशपुर के एक राजपूत सरदार व 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन के सैनानी, जिनके नेतृत्व में अंग्रेजों के विरूद्ध बिहार में आन्दोलन शुरू हुआ। बिहार को छोड़ कर वे अन्य दूसरे स्थानों से अपना संघर्ष जारी रखे हुए थे। 23 अप्रैल, 1858 को इनकी मृत्यु हो गई।
(ii) एस.एच. स्लोकमः भाखड़ा बांध का डिजायन तैयार करने वाले एक ब्रिटिश। यह बांध पंजाब के अम्बाला जिले में सतलज नदी पर स्थित है। इसमें ....
Question : द्वितीय विश्व महायुद्ध के आरंभ का भारत के राजनीतिक परिदृश्य पर क्या प्रभाव पड़ा? क्या क्रिप्स मिशन भारत में राजनीतिक संकट को सुलझा पाया?
(1994)
Answer : सितंबर 1939 में द्वितीय महायुद्ध प्रारंभ होने के समय भारत राजनीतिक रूप से अस्थिर था। सभी राजनीतिक दल अंग्रेज सरकार पर भारत की स्वतंत्रता के लिए दबाव बनाए हुए थे। 1935 का अधिनियम संघीय मामलों में लागू नहीं था, परंतु इसमें दी गई प्रांतीय स्वायत्तता की वजह से राज्यों में लोकतांत्रिक विधायिकाएं एवं सरकारें मौजूदा थीं। इन परिस्थितियों में भारत के वायसराय ने 3 सितंबर, 1939 को बिना भारतीय नेताओं से विचार-विमर्श किए, भारत को ....
Question : 1917 के चम्पारण सत्याग्रह तक भारतीय राजनीति में हुए गांधीजी के उद्भव को रेखांकित कीजिए। उनके द्वारा प्रतिपादित सत्याग्रह का अधारभूत दर्शन क्या था?
(1994)
Answer : भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रणेता राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 1894 से 1914 तक दक्षिण अफ्रीका में अपने ‘सत्य के प्रयोग व दर्शन’ को व्यथित वर्ग हेतु प्रयोग करते रहे, जिसमें उन्हें सफलता भी मिली। अपनी इन्हीं सफलताओं की आजमाइश का ख्वाब पिरोये गांधीजी भारतीय जनता को अंग्रेजी दुःशासन से छुटकारा दिलाने जनवरी 1915 में भारत की धरती पर पधारे। गांधीजी के भारत आगमन पर भारतीय राष्ट्रवाद का तीसरा युग प्रारंभ हुआ। भारत आते ही गांधीजी अपने ....
Question : उन्नीसवीं शताब्दी में ब्रिटिश शासन के विरूद्ध हुए अद्वितीय जनजातीय विप्लव का विवेचन कीजिए।
(1994)
Answer : कोई भी आदिवासी तभी विद्रोह करता है, जब बाहरी लोग उसके सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक संसाधनों पर अतिक्रमण करते हैं। उन्नीसवीं सदी में ब्रिटिश शासन के विरूद्ध जनजातीय विप्लव भी इन्हीं भावनाओं से ग्रस्त था। जब ब्रिटिश सरकार ने इन्हीं जनजातियों पर अत्याचार करना प्रारंभ किया, तो ये आदिवासी इसे अपनी आजादी और संस्कृति पर अतिक्रमण समझने लगे। अतः वे ब्रिटिश सरकार की जड़ें खोदने लगे। यद्यपि उन्हें इसमें सफलता प्राप्त नहीं हुई तथापि इनके ....
Question : भारत में ‘गैर-ब्रिटिश’ शासन का क्या अर्थ है? भारत के राष्ट्रवादियों की इसके प्रति क्या प्रतिक्रिया हुई थी? भारत में ब्रिटिश शासन की बुराइयों का उद्घाटन करने में दादाभाई नौरोजी की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
(1994)
Answer : ‘पॉवर्टी एंड अनब्रिटिश रूल इन इंडिया के लेखक तथा ‘ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से प्रसिद्ध भारतीय अर्थशास्त्री दादाभाई नौरोजी ने भारत में गोरी सरकार के उद्देश्यों व कार्य करने के तरीकों का विश्लेषण करते हुए इसे ‘गैर-ब्रिटिश शासन’ की संज्ञा दी। नौरोजी के अनुसार, भारत में ब्रिटिश शासन ब्रिटेन के शासकों द्वारा प्रतिपादित नियमों व क्रियाविधियों के अनुरूप नहीं था। यह एक चिरस्थायी और दिनोंदिन बढ़ने वाला विदेशी आक्रमण था। राजद्रोह के ....
Question : उन्न्नीसवीं शताब्दी के अंत से लेकर लॉर्ड कर्जन के वायसराय पद पर बने रहने तक तिब्बत के प्रति रही ब्रिटिश नीति का विवेचन कीजि
(1994)
Answer : हिमालय के उत्तर में तिब्बत का क्षेत्र ऊंची-नीची घाटियों, विशाल पर्वतश्रृंखलाओं व पर्वत चोटियों से निर्मित है। यह सामरिक दृष्टिकोण से रूस, चीन व ब्रिटिश सरकार के बीच उपभोग का केंद्र बनता रहा। आठारहवीं सदी के प्रारंभिक वर्षों में तिब्बत ने चीन का प्रभुत्व स्पीकार कर लिया था। तिब्बत सरकार के नियंत्रण के लिए दो चीनी राजदूत नियुक्त किए गए। तिब्बत से अंग्रेजों का संपर्क 1773-75 में वॉरेन हस्टिंग्स के शासनकाल में हुआ। तिब्बत का ....
Question : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के आरंभिक दिनों में नरम दल वालों के क्या योगदान रहे?
(1994)
Answer : 1885 ई. में स्थापित भारीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1905 तक नरमदलीय लोगों द्वारा संचालित की जाती रही। इस समय कांग्रेस की मुख्य भूमिका भारतीय राजनीतिज्ञों को एकता व प्रशिक्षण के लिए एक मंच प्रदान करना था। प्रारंभ में इसने भारतीय उच्च वर्ग की आकांक्षाओं व हितों को ही मुखरित किया। इस युग में कांग्रेस पर दादाभाई नौरोजी, फिरोजशाह मेहता, वोमेश चन्द्र बनर्जी आदि लोगों का वर्चस्व था। इनका विश्वास था कि अंग्रेज न्यायप्रिय लोग हैं और ....
Question : होम रूल आंदोलन में एनी बेसेंट की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
(1994)
Answer : भारतीय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में फूट (1907 ई.) से कांग्रेसजनों में उपजे मतभेद तथा 1909 ई. के मार्ले-मिन्टो सुधारों के सरकारी प्रयासों ने स्वतंत्रता संग्राम की गति को धीमा कर दिया। चारो ओर निराशा और असंतोष का वातावरण छा गया। ऐसे में, आयरलैंड निवासी एनी बेसेन्ट ने राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्यों में जोश का माहौल पैदा किया और आयरलैंड में प्रचलित ‘होम रूल लीग’ की स्थापना मद्रास में 1916 ई. में की। एनी बेसेन्ट के ....
Question : इस शताब्दी के तीसरे दशक के अंतिम दिनों में अंतरराष्ट्रीय घटनाओं ने जवाहरलाल नेहरू के आमूल परिवर्तन कारक विचार को किस प्रकार प्रभावित किया?
(1994)
Answer : जवाहरलाल नेहरू मूलतः एक राजनीतिज्ञ थे, हॉब्स या रूसो की भांति राजनीतिक दार्शनिक नहीं। इसलिए विश्व की कोई भी छोटी-बड़ी घटना उनके विचारों पर अपना प्रभाव अवश्य डालती थी। परंतु, बीसवीं सदी के दूसरे दशक में प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के पश्चात सोवियत गणराज्य में जो क्रांति हुई, जिसे ‘वोल्शेविक क्रांति’ के नाम से जाना जाता है, उसने विश्व के सभी राजनीतिक विचारकों को प्रभावित किया। इस अभूतपूर्व क्रांति से भारतीय राजनीतिक विचारक जवाहरलाल ....
Question : टैगोर ने राजनीतिक व्यवस्था की तुलना में सामाजिक व्यवस्था को प्राथमिकता देने पर क्यों बल दिया था?
(1994)
Answer : नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रथम भारतीय रवीन्द्रनाथ टैगोर न सिर्फ कवि थे, अपितु वे एक उच्च कोटि के संगीतकार, नाट्यकार, चित्रकार व साहित्यकार भी थे। वे एक राजनीतिक विचारक न होकर सामाजिक विचारक थे, क्योंकि वे भारत के पिछड़ेपन का कारण सामाजिक पिछड़ेपन को ही मानते थे। उन्होंने राज्य का लोप नहीं चाहा, पर इसका आधार व्यक्ति और समाज को ही माना और सामाजिक कल्याण का दायित्व राज्य पर माना। ‘हीगल’ और ‘मार्क्स’ जहां राज्य ....
Question : निम्नलिखित के विषय में आप क्या जानते हैं?
(i) ताना भगत आंदोलन
(ii)सत्यशोधक आंदोलन
(iii) खिलाफत आंदोलन
(1994)
Answer : (i) ताना भगत आंदोलनः यह सामाजिक एवं धार्मिक तथा उरांव जनजाति के उत्थान के लिए 1914-15 में रांची, पलामू एवं हजारीबाग क्षेत्र में जात्र भगत द्वारा चलाया गया आन्दोलन था। भगत सदस्यों ने गांधी के असहयोग आंदोलन और बाद के राष्ट्रीय आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभायी।
(ii) सत्यशोधक आंदोलनः 1873 में ज्योतिबा फूले ने समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को सामाजिक न्याय दिलाने के उद्देश्य से इस आंदोलन का सूत्रपात किया। इसी क्रम में सभी ....
Question : निम्नलिखित किसके लिए प्रसिद्ध हुए?
(i) एन.जी.रंगा
(ii) सी.वाई. चिंतामणि
(iii) सर विलियम वेडरबर्न
(iv) नरेन्द्र देव
(v) एम.आर. जयकर
(vi) मदनलाल धींगड़ा
(1994)
Answer : (i) एन.जी. रंगाः 60 वर्षों तक संसद सदस्य रहने के कारण इस स्वतंत्रता सेनानी तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जोड़ा गया।
(ii) सी.वाई. चिन्तामणिः स्वतंत्रता स्वतंत्रता सेनानी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नरमपंथी विचारधारा से संबंधित नेता, मांटेग्यू-चेम्सफोर्ड अधिनियम 1919 के अंतर्गत संयुक्त मंत्रिमण्डल में मंत्री रहे।
(iii) सर विलियम वेडरबर्नः 1889 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापक ए.ओ. ह्यूम की जीवनी का संकलन किया।
(iv) नरेन्द्र देवः ये प्रसिद्ध ....
Question : ‘‘अहिंसात्मक सत्याग्रह की तकनीक को अंग्रेजों के विरूद्ध शस्त्र के रूप में राष्ट्र द्वारा 1916-20 ई. के मध्य स्वीकार करवा लेने में महात्मा गांधी की सफलता अद्भुत थी’’ स्पष्ट कीजिए।
(1993)
Answer : महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में 1894-1914 तक लोगों के शोषण के खिलाफ ब्रिटिश सरकार के विरोध में अहिंसक आंदोलन छेड़ा और अपने उद्देश्य में पूर्णतः सफल हुए। महात्मा गांधी 1915 में भारत वापस लौट आए। भारत में भी उन्हें उन्हीं परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, जो उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में देशी थी और जिसके विरोध में वहां अहिंसक आन्दोलन का सूत्रपात किया था। महात्मा गांधी ने भारत में ब्रिटिश हुकूमत, उनकी दमनकारी नीति, उनके ....
Question : 1905 में बंगाल विभाजन क्यों किया गया? इसने राष्ट्रीय आन्दोलन में गरम और आतंकवादी विचारधाराओं को किस प्रकार प्रोत्साहित किया? इसको क्यों रद्द किया गया और इसके क्या परिणाम हुए?
(1993)
Answer : राष्ट्र चेतना का सबसे तीव्र प्रसार बंगाल में हुआ था। तत्कालीन बंगाल में बिहार, असम, उड़ीसा और बांग्लादेश सम्मिलित थे। तत्कालीन गृह सचिव राइसले के अनुसार, उपविभाजित बंगाल एक बड़ी शक्ति थी, जो अंग्रेजी शासन की नींव हिला सकती थी। इसलिए तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन ने देशभक्ति के इस उफनते सैलाब को रोकने के लिए राष्ट्रीय गतिविधियों के इस केंद्र को जुलाई 1905 में दो प्रांतों पश्चिम बंगाल (बिहार, उड़ीसा सहित) और पूर्वी बंगाल (असम ....
Question : ‘‘अगस्त प्रस्ताव से माउण्टबेटन योजना तक तर्कसंगत क्रम विकास था’’ विवेचना कीजिए।
(1993)
Answer : अंग्रेजों ने भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन को सदैव कुचलने का ही प्रयास किया। अपने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होंने दमन तथा ‘फूट डालो और शासन करो’ की नीति का सहारा लिया। पृथक सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व तथा मैकडोनाल्ड एवॉर्ड का यही उद्देश्य था। 1939 के द्वितीय विश्व युद्ध में कांग्रेस की सहमति के बगैर ब्रिटिश सरकार ने भारत को युद्ध में शामिल कर लिया, जिसका कांग्रेस कार्यसमिति ने विरोध किया और घोषणा की कि साम्राज्यवादी ढंग ....
Question : मैकडोनाल्ड निर्णय क्या था? यह किस प्रकार संशोधित किया गया और इसके क्या परिणाम हुए?
(1993)
Answer : दूसरे गोलमेज सम्मेलन के अंत में रैम्से मैकडोनाल्ड ने कहा था कि यदि भारत में विभिन्न जातियों की सांप्रदायिक समस्या हल नहीं हुई, तो ब्रिटिश सरकार इस विषय पर अवश्य ही कोई कदम उठाएगी। लंदन में आयोजित सम्मेलन में विभिन्न जातियों के प्रतिनिधियों के बीच कोई समझौता नहीं हो सका। इसलिए 16 अगस्त, 1932 को रैम्से मैकडोनाल्ड ने एक घोषणा की, जिसको सांप्रदायिक पंचाट (Communal Award) नाम दिया गया। रैम्से मैकडोनाल्ड की यह घोषणा पूर्णतः ....
Question : सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर तिलक और गोखले के दृष्टिकोण में मुख्य मतभेदों का विश्लेषण कीजिए।
(1993)
Answer : भारत भारत को स्वतंत्र कराने तथा आर्थिक एवं सामाजिक रूप से उसका उत्थान करने में जिन सपूतों ने अपना योगदान दिया, उनमें बाल गंगाधर तिलक एवं गोपाल कृष्ण गोखले का नाम महत्वपूर्ण है। ‘लोकमान्य’ तिलक गरम दल के नेता थे। उनका यह दृढ़विश्वास था कि विदेशी शासन चाहे जितना भी अच्छा क्यों न हो, परन्तु वह स्वशासन का स्थान कभी नहीं ले सकता। वे उदारवादियों के इस दृष्टिकोण से बिल्कुल सहमत नहीं थे कि अंगेजों ....
Question : 19वीं सदी के उत्तरार्द्ध में रूढि़वादी और उदारवादी विचारधारा के प्रशासकों में मौलिक मतभेद क्या थे?
(1993)
Answer : 19वीं शताब्दी के रूढि़वादी और उदारवादी ब्रिटिश प्रशासकों में मौलिक अंतर यह था कि जहां उदारवादी शासक भारतीयों की दशा में सुधार करके उनके मुखर विरोध को कम करना चाहते थे, वहीं रूढि़वादी शासक दमन का सहारा लेकर भारत में ब्रिटिश सत्ताको बनाए रखना चाहते थे। एक ओर जहां 19वीं शताब्दी में लॉर्ड वेलेजली, लॉर्ड हेस्टिंग्स, लॉर्ड एलेनबरो, लॉर्ड डलहौजी, लॉर्ड लिटन, लॉर्ड कर्जन जैसे रूढि़वादी शासकों ने दमन और उत्पीड़न के सहारे भारत में ....
Question : ‘‘मॉर्ले-मिंटो सुधारों ने भारतीय समस्याओं को न हल किया और न कर सकते थे।’’ व्याख्या कीजिए।
(1993)
Answer : 1909 के मॉर्ले-मिन्टो सुधार अधिनियम पूर्णतः भारतीय जनता के आशानुरूप नहीं थे, हालांकि इस सुधार अधिनियम से लेजिस्लेटिव काउंसिलों के निर्माण और कृत्यों में महत्वपूर्ण परिवर्तन आए। प्रान्तीय कार्यकारिणी में अतिरिक्त सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 50 कर दी गई और विधानमंडलों को बजट पर बहस करने और प्रस्ताव लाने का अधिकार दिया गया। परंतु इसमें स्वशासन की मांग को नकार दिया गया तथा प्रान्तीय सरकारों पर केंद्रीय सरकार के नियंत्रण पहले जैसे ही रहे। साथ ....
Question : ‘1916 के लखनऊ समझौते पर बिना उसके परिणामों पर विचार किए हस्ताक्षर कर दिए गए।’ व्याख्या कीजिए।
(1993)
Answer : तुर्की और ब्रिटेन के बीच युद्ध ने मुसलमानों के सशक्त वर्गों में ब्रिटेन विरोधी प्रबल भावनाएं जगायीं। परिणामस्वरूप 1916 में कांग्रेस और लीग के बीच लखनऊ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यद्यपि इस समझौते को हिन्दू और मुसलमानों के बीच ऐतिहासिक समझौते का दर्जा दिया गया, परन्तु मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचन को स्वीकार करके अन्ततः यह स्वीकार कर लिया कि एक ही देश में रह रहे हिन्दुओं और मुसलमानों के हित अलग-अलग हैं। सांप्रदायिकता ....
Question : रवीन्द्रनाथ टैगोर के ग्रामीण पुनर्निर्माण की योजना की व्याख्या कीजिए।
(1993)
Answer : रवीन्द्रनाथ टैगोर भारत की विकास एवं समृद्धि के लिए ग्रामीण पुनर्निर्माण को आवश्यक मानते थे। उनका कहना था कि जब तक शिक्षित बेरोजगार रोजगार पाने के लिए शहरों की ओर पलायन करते रहेंगे तब तक गांवों का विकास असंभव है। इसलिए टैगोर ने ग्रामीण पुनर्निर्माण की एक विस्तृत योजना प्रस्तुत की। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण उद्योगों को प्रारंभ करने तथा ग्रामीणों की समस्याओं को हल करने पर विशेष जोर दिया गया। टैगोर का यह ....
Question : निम्नलिखित के विषय में आप क्या जानते हैं?
(i)होम रूल आंदोलन
(ii)मंदिर प्रवेश योजना
(iii) नेहरू का जनसंपर्क कार्यक्रम
(iv) सिकन्दर-जिन्ना समझौता
(1993)
Answer : (i) होम रूल आंदोलनः सर्वप्रथम आयरलैंड में आयरिश नेता रेडमाण्ड के नेतृत्व में होम रूल लीग की स्थापना हुई। भारत में श्रीमती एनी बेसेंट के प्रयासों से इसी नमूने पर वैधानिक उपायों द्वारा स्वशासन प्राप्त करने के लिए होम रूल लीग की स्थापना की गई। भारत में इसका नेतृत्व लोकमान्य तिलक और एनी बेसेंट ने किया और क्रमशः मार्च 1916 और दिसंबर 1916 में महाराष्ट्र तथा मद्रास में इस संस्था की स्थापना की। तिलक ने ....
Question : स्वतंत्रता संघर्ष में निम्नलिखित स्थान किस प्रसंग में विख्यात हुए?
(i)दांडी
(ii)हरिपुरा
(iii) सूरत
(iv) बारदोली
(1993)
Answer : (i) डांडीः नमक कानून के विरोध में महात्मा गांधी ने मार्च 1930 में साबरमती आश्रम से दांडी तक की यात्रा शुरू की। उन्होंने 240 मील की पैदल यात्रा कर समुद्र तट के पास स्थित दांडी नामक स्थान पर नमक कानून को भंग कर नमक बनाया। इसके बाद लोगों ने जगह-जगह नमक कानून को तोड़ा।
(ii) हरिपुराः 1938 में यहां पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन का आयोजन किया गया था। इस अधिवेशन में सुभाष चन्द्र बोस ....
Question : निम्नलिखित किस लिए प्रसिद्ध हुए?
(i) सी. इल्बर्ट
(ii) जॉन साइमन
(iii) रैम्से मैकडोनाल्ड
(iv) वेवेल
(1993)
Answer : (i) सी. इल्बर्टः सी. इल्बर्ट, इल्बर्ट बिल की घोषणा के साथ चर्चित हुए। 1883 ई. में उन्होंने एक अध्यादेश जारी किया, जिसमें यह उपबंध था कि ब्रिटिश नागरिकों के मामलों की सुनवाई भारतीय न्यायाधीश कर सकते हैं। परन्तु, अंग्रेजों ने इसका प्रबल विरोध किया।
(ii) जॉन साइमनः भारत में प्रशासनिक सुधार की जांच के लिए और उस पर रिपोर्ट देने के लिए जॉन साइमन की अध्यक्षता में 1928 ई. में साइमन कमीशन की नियुक्ति की गई ....
Question : भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में सांप्रदायिकता किस प्रकार प्रकट हुई? महत्वपूर्ण पाकिस्तान प्रस्ताव के पारित होने की पृष्ठभूमि को स्पष्ट कीजिए।
(1999)
Answer : भारत में सांप्रदायिकता का उद्भव एवं विकास वस्तुतः ब्रिटिश शासन की नीतियों एवं कार्यक्रमों का ही परिणाम था। सांप्रदायिकता का उदय आधुनिक राजनीति के उदय से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीयतावाद तथा समाजवाद जैसी विचारधारा की तरह ही राजनीतिक विचारधारा के रूप में सांप्रदायिकता का विकास उस समय हुआ, जब जनता की भागीदारी, जनजागरण तथा जनमत के आधार पर चलने वाली राजनीति अपने पांव जमा चुकी थी। निश्चय ही भारत में सांप्रदायिकता का उदय उपनिवेशवाद के ....
Question : स्वराज पार्टी के निर्माण की रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए। उसकी मांगें क्या थीं?
(1999)
Answer : गांधी द्वारा अचानक असहयोग आंदोलन स्थगित किए जाने के बाद कांग्रेस के एक वर्ग में घोर निराशा एवं असंतोष फैल गया। इसने कांग्रेस के भावी कार्यक्रमों को गंभीर रूप से प्रभावित कर दिया। देशबंधु चितरंजन दास तथा मोतीलाल नेहरू कांग्रेस द्वारा सशक्त नीति के अपनाए जाने पर बल देने लगे। दोनों वर्गों का विरोध स्पष्ट रूप से उभर कर गया अधिवेशन (1922), में प्रकट हुआ। इस अधिवेशन में काउंसिल में प्रवेश के मुद्दे पर मतदान ....
Question : ‘‘जिसकी शुरूआत धर्म के लिए लड़ाई के रूप में हुई, उसका अंत स्वतंत्रता संग्राम के रूप में हुआ, क्योंकि इस बात में तनिक भी संदेह नहीं है कि विद्रोही, विदेशी सरकार से छुटकारा पाने तथा पूर्व व्यवस्था को पुनःस्थापित करने के इच्छुक थे, जिसका सही प्रतिनिधि दिल्ली नरेश था।’’ क्या आप इस दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं?
(1999)
Answer : इस बात में कोई संदेह नहीं है कि 1857 की क्रांति की शुरूआत में धार्मिक भावनाओं ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। एक बार जब यह आंदोलन अपना रुख अख्तियार करने लगा, तो इसने स्वतंत्रता संग्राम के रूप में अपने को प्रतिष्ठित करा लिया। लेकिन यहां हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इस स्वतंत्रता संग्राम की भी अपनी सीमाएं थीं। निश्चित रूप से विद्रोही अंग्रेजी सरकार से तंग आ चुके थे और वे किसी भी ....
Question : तिब्बत के प्रति कर्जन की नीति किस सीमा तक रणनीतिक विचार से प्रभावित थी?
(1999)
Answer : जिस समय लॉर्ड कर्जन भारत आया (1899), उस समय तिब्बत में रूसी प्रभाव बढ़ रहा था। ऐसी स्थिति में अंग्रेजों का आशंकित होना स्वाभाविक ही था। इसी बीच 1902 में कर्जन को चीन तथा रूस के बीच एक गुप्त समझौते की जानकारी मिली, जिसके अनुसार चीन की सरकार ने तिब्बत पर रूस का नियंत्रण स्वीकार कर लिया था। इस बात की जानकारी मिलने पर कर्जन ने एक शिष्टमंडल तिब्बत भेजने का निर्णय लिया। मार्च 1904 ....
Question : आधुनिक भारत के निर्माण में ईश्वरचंद्र विद्यासागर के अंशदान का आकलन कीजिए।
(1999)
Answer : 19वीं शताब्दी में बंगालियों की सामाजिक दशा सुधारने तथा उन्हें शिक्षित करने के लिए ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने अथक प्रयास किए। संस्कृत भाषा तथा बंगला साहित्य के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। शिक्षा के प्रसार के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण कदम उठाए। इस उद्देश्य के लिए उन्होंने एक कॉलेज की भी स्थापना की। उनका सबसे महत्वपूर्ण कार्य स्त्रियों की दशा में सुधार लाना था। उन्होंने विधवा पुनर्विवाह के समर्थन में जोरदार आंदोलन चलाया। उनके प्रयासों ....
Question : रामकृष्ण ने हिंदुत्व में किस प्रकार नयी ओजस्विता और गत्यात्मकता का संचार किया?
(1999)
Answer : बंगाल में नजागरण लाने में रामकृष्ण के विचारों ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। रामकृष्ण परमहंस, जो कलकत्ता के दक्षिणेश्वर मंदिर के पुजारी थे, का बंगाल के प्रबुद्ध समाज पर गहरा प्रभाव था। वे सादा जीवन व्यतीत करने तथा भारतीय धर्म एवं संस्कृति में पूर्ण आस्था रखने पर जोर देते थे। मूर्ति पूजा तथा हिंदू धर्म में गहरा अनुराग रखते हुए भी वे सभी धर्मों को एक समान मानते थे। ईश्वर को प्राप्त करने का ....
Question : ‘टैगोर की कविता उनके धार्मिक अनुभव का लिखित रिकॉर्ड है।’ प्रकाश डालिए।
(1999)
Answer : टैगोर में कला संबंधी नैसर्गिक गुण थे। उनकी कविताओं तथा चित्रें में हमें इसी नैसर्गिकता का पुट देखने को मिलता है। साथ ही उनमें उनकी धार्मिक मनोभावनाओं के दर्शन भी होते हैं। एक धर्मनिष्ठ व्यक्ति होने के कारण टैगोर का ईश्वर की सत्ता में अगाध विश्वास था। लेकिन वे आडंबरयुक्त धर्म के सख्त विरोधी थे। वे नैतिकता पर आधारित उचित मार्ग को ही धर्म की कोटि में रखते थे। गीता के उपदेशों के अनुरूप वे ....
Question : नेहरू की आधुनिकीकरण की योजना 1951-61 के दशक के दौरान किस प्रकार तेजी से आगे बढ़ी?
(1999)
Answer : स्वतंत्रता के पश्चात नवजात भारत को आधुनिक स्वरूप प्रदान करने का वास्तविक श्रेय पंडित नेहरू को ही जाता है। उन्होंने भारत की बागडोर संभालने के साथ ही इस दिशा में त्वरित प्रयास आरंभ कर दिए। इसके लिए उन्होंने सर्वप्रथम, भारतीय अर्थव्यवस्था तथा आर्थिक नियोजन पर ध्यान दिया। वे एक समाजवादी समाज की स्थापना करना चाहते थे, जिसके लिए यह जरूरी था कि समाजवाद के आर्थिक पहलुओं की ओर ध्यान दिया जाए। उन्होंने अपने लोकतंत्रत्मक समाजवाद ....
Question : निम्नलिखित के बारे में आप क्या जानते हैं?
(i) मुंडा आंदोलन
(ii)विज्ञान संवर्द्धन की भारतीय संस्था
(iii) इल्बर्ट बिल
(iv) शारदा अधिनियम
(v)1854 का शिक्षा प्रेषण
(1999)
Answer : (i) अंग्रेजी शासन के विरूद्ध उनकी शोषणपरक नीतियों से तंग आकर बिरसा मुंडा के नेतृत्व में दक्षिण बिहार में 1895-1900 तक चलाया जाने वाला जनजातीय आंदोलन।
(ii) 20वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में वैज्ञानिक प्रविधियों के संवर्द्धन हेतु अखिल भारतीय संस्थान के रूप में स्थापित संस्था, जिसने वैज्ञानिक पृष्ठभूमि को आधार प्रदान किया।
(iii) विधि सदस्य सी.पी. इल्बर्ट द्वारा 2 फरवरी, 1883 को विधान परिषद में प्रस्तुत विधेयक (इल्बर्ट बिल), जिसका उद्देश्य जाति-भेद पर आधारित सभी न्यायिक अयोग्यताओं ....
Question : क्या जवाहरलाल नेहरू वास्तव में गांधी की ‘भाषा बोलते’ थे? उनके मध्य सहमति एवं असहमति के बिन्दुओं को स्पष्ट कीजिए।
(1998)
Answer : जवाहरलाल नेहरू को गांधी के प्रति काफी श्रद्धा थी। वे गांधीजी को भारतीय प्रणाली पर आधारित भारतीय नेतृत्व देने वाला व्यक्ति मानते थे। गांधी का स्वराज्य का वादा, जिसे नेहरू ने सुनहरी कल्पना बताया था, अविश्वसनीय था। गांधीजी इसे नेहरू के पूर्ण स्वतंत्रता के लक्ष्य के मार्ग में नहीं आने देना चाहते थे। परंतु, दोनों में लक्ष्य तथा कार्य के प्रति निष्ठा की भावना के आधार पर पर्याप्त समानता थी। उन्होंने निःस्वार्थ रूप से कार्य ....
Question : प्रारंभिक भारतीय राष्ट्रीय नेतृत्व के कार्य आर्थिक राष्ट्रीयता में किस प्रकार प्रदर्शित करते हैं?
(1998)
Answer : प्रारंभिक भारतीय राष्ट्रीय नेतृत्व में अंग्रेजी शासन द्वारा किए जा रहे भारत के आर्थिक शोषण से जनता को अवगत करा कर आर्थिक राष्ट्रीयता की भावना जगाने का प्रयत्न किया था। उन्होंने अपने कार्यों से, जब संपूर्ण भारत के लोग आपस में राष्ट्रीयता के सूत्र में नहीं बंध पाए थे, तब यह बात बता कर कि अंग्रेजी शासन के आर्थिक शोषण से न सिर्फ एक या कोई विशेष प्रदेश ही प्रभावित हो रहा है, बल्कि संपूर्ण ....
Question : भारतीयों पर नरम दल वालों का प्रभाव क्यों समाप्त हो गया और वे अंग्रेजों से इच्छित प्रत्युत्तर प्राप्त करने में क्यों असफल रहे?
(1998)
Answer : नरम दल वालों द्वारा भारतीयों को अधिक राजनीतिक अधिकार दिए जाने, प्रशासन को और अधिक उत्तरदायी बनाने, भारत का आर्थिक शोषण कम किए जाने आदि से संबंधित मांगों को अंग्रेजी शासन द्वारा नहीं माने जाने के कारण इनका प्रभाव भारतीयों पर से समाप्त होता गया, क्योंकि जनता यह समझ चुकी थी कि ये लोग जनता के लिए भी कुछ कर सकने में असमर्थ हैं। साथ ही, जनता नरम दल की कार्यपद्धति ‘क्रमिक विकास तथा संविधानवाद’ ....
Question : 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में मुक्त व्यापार की नीति ने किस प्रकार भारतीय कपड़ा और कुटीर उद्योगों को हानि पहुंचायी?
(1998)
Answer : भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना के 50 वर्षों के भीतर ही ब्रिटिश सरकार द्वारा अपने उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुकूल अनेक उपाय किए जाने के कारण भारतीय कपड़ा और कुटीर उद्योगों का पतन होने लगा। 19वीं शताब्दी औद्योगिक पूंजी का काल था अर्थात इस युग में उभरते हुए अंग्रेज उद्योगपतियों तथा व्यापारियों ने आक्रामक रुख अपनाया, जिसका आधार था- मुक्त व्यापार। उनके लगातार प्रचार तथा संसद सदस्यों के प्रभाव के कारण 1813 के चार्टर ....
Question : नाविक विद्रोह (RIN) की उत्पत्ति का वर्णन कीजिए। स्पष्ट कीजिए कि इसने भारतीय राजनीति को किस प्रकार प्रभावित किया?
(1998)
Answer : 18 फरवरी, 1946 को रॉयल इण्डियन नेवी (भारतीय शाही नौसेना) के गैर-कमीशंड अधिकारियों एवं नौ-सैनिकों, जिन्हें रेटिंग्ज कहा जाता था, ने बंबई में सैनिक विद्रोह कर दिया। इस नौ-सैनिक विद्रोह के मुख्य कारण भोजन एवं वेतन के संबंध में प्रचलित विषमता और रंगभेद के आधार पर अत्यधिक अपमानजनक व्यवहार ही थे। इसमें भारतीय लोगों के राष्ट्रीय चरित्र पर छींटाकशी करना भी शामिल था। इस नौ-सैनिक विद्रोह का प्रारंभ नौ-सैनिक प्रशिक्षण पोत ‘तलवार’ के नौ-सैनिकों द्वारा ....
Question : प्रजातंत्र पर रवीन्द्रनाथ टैगोर के विचारों का परीक्षण कीजिए।
(1998)
Answer : रवीन्द्रनाथ टैगोर के अनुसार, ऐसे समाज में जहां लोलुपता विकसित, अनियंत्रित एवं प्रोत्साहित हो तथा उसकी जनसामान्य द्वारा प्रशंसा की जाती हो, वहां प्रजातांत्रिक शासन प्रणाली कभी भी सफल नहीं हो सकती है। उनकी यह आकांक्षा थी कि जनसामान्य आत्मज्ञानी तथा क्षमतावान बनने के लिए धर्म का पालन करे एवं शिक्षा ग्रहण करे तथा पारस्परिक संबंधों में पूर्ण मधुरता लाए। उनके अनुसार, सच्चा प्रजातंत्र केवल उसी स्थिति में हो सकता है, जबकि राजनीति नैतिकता पर ....
Question : बंगाल में स्वदेशी आन्दोलन ने किस प्रकार राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित किया।
(1998)
Answer : बंगाल में 1905 में चला स्वदेशी आंदोलन केवल आंदोलन था, जो इस दृष्टि से अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल रहा कि 1911 में बंगाल के विभाजन को रद्द कर दिया गया। इस आंदोलन की सफलता ने जहां भारतीय जनमानस में आंदोलन के महत्व को फैलाया, वहीं इस आंदोलन ने संपूर्ण भारत को राष्ट्रीयता के एक सूत्र में बांधने में, जनआंदोलन के महत्व को समझाने में और उद्योग, शिक्षा, संस्कृति, साहित्य तथा फैशन के ....
Question : भारत की स्वतंत्रता पूर्व के दशक में देशी रियासतों के प्रजामंडल आन्दोलनों का क्या महत्व था?
(1998)
Answer : 1930 के दशक में सविनय अवज्ञा आन्दोलन से उत्साहित होकर कई देशी रियासतों की जनता ने निर्वाचन द्वारा जनप्रतिनिधित्व और स्वशासन के सिद्धान्तों की स्वीकृति के लिए प्रजामंडल के झण्डे तले आन्दोलन चलाए। विभिन्न रजवाड़ों के इन आन्दोलनों में बहुत से कांग्रेसियों ने भी व्यक्तिगत रूप से भाग लिया। स्वयं गांधीजी ने भी राजकोट राज्य के इस आन्दोलन के समर्थन में अनशन किया। शीघ्र ही प्रजामण्डल आंदोलन शेष भारत के आन्दोलनों का अभिनन अंग बन ....
Question : विभाजन पूर्व के वर्षों में भारत के सार्वजनिक जीवन में सी. राजगोपालाचारी की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
(1998)
Answer : विभाजन पूर्व के वर्षों में भारत के सार्वजनिक जीवन में सी- राजगोपालाचारी की भूमिका मद्रास के मुख्यमंत्री (1937-39) और 1947 में केंद्र सरकार के मंत्री के रूप में काफी महत्वपूर्ण थी। इन्होंने 1945 में दिए गए एक फार्मूले द्वारा हिन्दू-मुस्लिम विवाद एवं भारत के विभाजन की समस्या को हल करने का प्रयास किया था। इनका सुझाव था कि भारत के भारत एवं पाकिस्तान के रूप में विभाजन के बाद भी दोनों की प्रतिरक्षा और जनसंचार ....
Question : निम्नलिखित के विषय में आप क्या जानते हैं?
(1998)
Question : निम्नलिखित किसलिए प्रसिद्ध हुए?
(1998)
Question : निम्नलिखित की प्रमुख विशेषताएं बताइएः
(1998)
Question : परमोच्च शक्तिमत्ता की राज्य-अपहरण नीति के दुष्परिणाम को अपवारित कर भारत की रियासतों का समाकलन करने में सरदार वल्लभभाई पटेल किस प्रकार सफल हुए?
(1997)
Answer : 2 फरवरी, 1947 की एटली की घोषणा और 3 जून, 1947 की माउन्टबेटन योजना ने यह स्पष्ट कर दिया कि अंग्रेजों की सर्वश्रेष्ठता समाप्त हो जाएगी और रियासतों को अधिकार होगा कि वे पाकिस्तान अथवा भारत में सम्मिलित हो सकती हैं। लॉर्ड माउंटबेटन ने किसी एक रियासत अथवा अनेक रियासतों के संघ को एक तीसरी इकाई के रूप में मान्यता देने से इनकार कर दिया। 27 जून, 1947 को देशी राज्यों की समस्या को सुझलाने ....
Question : वर्तमान शताब्दी के प्रारंभिक चरण में भारतीय राजनीति में उग्रवाद के कारण और उसके स्वरूप का परीक्षण कीजिए।
(1997)
Answer : बीसवीं शताब्दी के प्रारंभिक चरण में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में एक नए और तरुण दल का प्रादुर्भाव हुआ, जो पुराने नेताओं के आदर्श तथा ढंगों का कड़ा आलोचक था। वे चाहते थे कि कांग्रेस का लक्ष्य स्वराज्य होना चाहिए, जिसे वे आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता से प्राप्त करें। यही दल उग्रवादी दल कहलाया। भारतीय राजनीति में उग्रवाद के कारणों में सरकार द्वारा कांग्रेस की मांगों की उपेक्षा एक प्रमुख कारण रही है। 1892 ई. के भारतीय ....
Question : गांधी-इरविन समझौते की प्रमुख विशेषताएं क्या थीं?
(1997)
Answer : सर तेज बहादुर सप्रू. श्री जयकर एवं बी.एस. शास्त्री के प्रयत्नों के फलस्वरूप गांधीजी एवं वायसराय इरविन के बीच 5 मार्च, 1931 को एक समझौता हुआ, जिसे गांधी-इरविन समझौता या ‘दिल्ली पैक्ट’ कहते हैं। समझौते की प्रमुख विशेषताएं निम्न हैं-
Question : महात्मा गांधी की ‘बेसिक शिक्षा’ की अवधारणा की विवेचना कीजिए। रूढि़गत शिक्षा पद्धति से यह कहां तक भिन्न थी?
(1997)
Answer : गांधीजी ने बेसिक (बुनियादी) शिक्षा की विचारधारा को विकसित किया था, जिससे सामाजिक और व्यक्तिगत रचनात्मक गुणों को विकसित करने का अवसर मिलता है। उनके अनुसार, शिक्षा को आत्मनिर्भर होना चाहिए तथा शिक्षा राष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुसार होनी चाहिए। इसके तहत शारीरिक प्रशिक्षण, स्वच्छता तथा स्वावलम्बन पर जोर दिया जाना चाहिए। शिक्षा किसी न किसी हस्तकला से अवश्य संबंधित होनी चाहिए। शिक्षा की यह प्रणाली मैट्रिकुलेशन स्तर तक अंग्रेजी के बिना अपनायी जानी चाहिए। शिक्षा ....
Question : 1947 में भारत का विभाजन किन परिस्थितियों में हुआ?
(1997)
Answer : ब्रिटिश ब्रिटिश शासन द्वारा भारत में अपने साम्राज्य को बनाए रखने के लिए ‘फूट डालो और राज्य करो’ की नीति का पालन किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप सदियों से एक-दूसरे के साथ रहने वाली हिन्दू और मुसलमान जातियों के पारस्परिक संबंध बिगड़ने लगे। इसी नीति के तहत ब्रिटिश सरकार ने 1909 के एक्ट द्वारा मुसलमानों को ‘सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व’ प्रदान किया। इस पद्धति ने भारत के राष्ट्रीय जीवन में जिस विष का संचार किया, उसकी चरम ....
Question : ब्रिटिश शासन काल में धन निर्गम से आप क्या समझते हैं? भारत की अर्थव्यवस्था पर इसके क्या प्रभाव पड़े?
(1997)
Answer : भारत की संपत्ति और संसाधनों का एक हिस्सा अंग्रेजों द्वारा ब्रिटेन को भेज दिया जाता था और इसके बदले भारत को पर्याप्त आर्थिक, व्यापारिक अथवा भौतिक लाभ नहीं मिल रहा था। ऐसे धन को भारतीय राष्ट्रीय नेताओं तथा अर्थशास्त्रियों ने ‘धन निर्गम’ की संज्ञा दी है। इस धन के निकास के कारण देश में पूंजी एकत्रित नहीं हो सकी, जिससे देश के औद्योगिक विकास की गति बहुत धीमी हो गई। इससे भारत के रोजगार तथा ....
Question : ‘धार्मिक एवं सामाजिक सुधारों के क्षेत्र में राजा राममोहन राय का नाम सर्वोपरि है।’ स्पष्ट कीजिए।
(1997)
Answer : राजा राममोहन राय एक महान धर्मसुधारक थे। बहुभाषाविद होने के कारण उन्होंने अनेक धर्मों का अध्ययन किया और बताया कि सभी धर्मों में एकेश्वरवादी सिद्धान्त का प्रचलन है। उनका कहना था कि हमें सभी धर्मों के सार को ग्रहण करना चाहिए एवं जो कृत्रिम तथा ढोंग है, उसे त्याग देना चाहिए। इसी विचार के तहत उन्होंने 1828 में ब्रह्म समाज नामक संस्था की स्थापना की। वे धार्मिक स्वतंत्रता और सहिष्णुता के पुजारी थे। उन्होंने अंधविश्वास, ....
Question : निम्नलिखित के विषय में आप क्या जानते हैं।
(i)ललित कला अकादमी
(ii) पूना सार्वजनिक सभा
(iii) रॉलेट एक्ट
(iv) अगस्त 1917 की घोषणा
(1997)
Answer : (i) ललित कला अकादमीः 1954 ई. में भारत और विदेशों में भारतीय कला की उन्नति के लिए इसकी स्थापना की गई। अकादमी शोध प्रबंध, प्रदर्शनियां, पत्रिकाएं एवं जनरल का प्रकाशन करती है।
(ii) पूना सार्वजनिक सभाः इसकी स्थापना 1867 ई. में पूना में हुई थी। इसका उद्देश्य जनसाधारण और सरकार के बीच मध्यस्थता करना था। महादेव गोविन्द रानाडे, आत्माराम पांडुरंग आदि इसके प्रमुख नेतागण थे।
(iii) रॉलेट एक्टः इस एक्ट में सरकार को यह अधिकार प्राप्त था ....
Question : निम्नलिखित कहां स्थित हैं और किन घटनाओं से संबंधित हैं?
(i) सूरत
(ii)वैकोम
(iii) मिदनापुर
(1997)
Answer : (i) सूरतः यह गुजरात में स्थित है। 1907 के सूरत अधिवेशन में उग्रवादी कांग्रेस से अलग हो गए।
(ii) वैकोमः यह केरल राज्य में स्थित है। यहीं के.पी. केशवमेनन के नेतृत्व में मंदिर प्रवेश हेतु आन्दोलन चलाए गए।
(iii) मिदनापुरः यह पश्चिम बंगाल में स्थित है। 1760 में मीर कासिम ने ईस्ट इण्डिया कंपनी को मिदनापुर जिले की जमींदारी सौंपी थी। 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन के समय यहां जातीय सरकार की स्थापना हुई ....
Question : निम्नलिखित किसलिए प्रसिद्ध हुए?
(i) श्यामजी कृष्ण वर्मा
(ii)रानी गैंडिनल्यू
(iii)सैफुद्दीन किचलू
(iv) डॉ. निवेदिता भसीन
(1997)
Answer : (i) श्यामजी कृष्ण वर्माः ये पश्चिम भारत के काठियावाड़ प्रदेश के निवासी थे। इन्होंने लंदन में 1905 ई. में भारत स्वशासन समिति (India Home Rule Society) का गठन किया था, जिसे ‘इण्डिया हाउस’ कहा जाता था। इन्होंने एक मासिक पत्रिका ‘इण्डियन सोशियोलॉजिस्ट’ (Indian Sociologist) भी आरंभ की थी।
(ii) रानी गैंडिनल्यूः नागालैण्ड में जन्मी और 13 वर्ष की आयु में ही गांधीजी के आह्नान पर राष्ट्रीय आन्दोलन में सम्मिलित हुई। 1932 में ब्रिटिश सरकार द्वारा आजीवन ....
Question : किन कारणों से 1920 में गांधीजी का संवेदनापूर्ण सहयोग का दृष्टिकोण असहयोग में बदल गया? इसके क्या परिणाम हुए?
(1996)
Answer : महात्मा गांधी, जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका में जातीय भेदभाव तथा नागरिक अधिकारों के समर्थन में सफल सत्याग्रह किया था, जनवरी, 1915 में भारत पहुंचे। गांधीजी ने जिस समय भारतीय राजनीति में प्रवेश किया, उस समय ब्रिटिश सरकार प्रथम विश्व युद्ध में संलग्न थी। गांधीजी ने युद्ध प्रयासों का इस आशा से समर्थन किया कि युद्ध समाप्ति के बाद सरकार भारतीयों को स्वराज सौंप देगी। युद्ध के दिनों में गांधीजी ने युवाओं को सेना में भर्ती होने ....
Question : अंग्रेजी भारतीय सरकार की 1858-1905 के मध्य की नीतियों का उद्देश्य जनता के अन्य विद्रोहों को रोकना था। व्याख्या कीजिए।
(1996)
Answer : साम्राज्य के बनाए रखने के प्रयत्नों में अंग्रेजी सरकार ने जो आर्थिक एवं प्रशासनिक नीतियां अपनायीं, उसके परिणामस्वरूप भारत का पारंपरिक सामाजिक व आर्थिक ढांचा अस्त-व्यस्त हो गया और जनता ने असंतुष्ट होकर 1857 की महान क्रांति का मार्ग अपनाया। यद्यपि इस विद्रोह को कुचल दिया गया, परंतु ब्रिटिश सरकार को महसूस हो गया कि यदि भविष्य में उन्हें भारत पर शासन करना है, तो उन्हें ऐसी नीतियां अपनानी होंगी, जो इस प्रकार के विद्रोह ....
Question : 1905 में बंगाल को प्रशासकीय कारणों की अपेक्षा राजनीतिक उद्देश्यों से विभाजित किया गया। व्याख्या करें।
(1996)
Answer : राष्ट्रीय आंदोलन में उग्र धारा उस समय और जोर पकड़ गई, जब 1905 में लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया। तथाकथित प्रशासनिक सुविधा के विचार से किया गया यह विभाजन राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित था, क्योंकि बंगालियों में एकता बढ़ती जा रही थी और अंग्रेज इसे खत्म करना चाहते थे। स्वयं एक अंग्रेज अधिकारी गिसले ने कहा कि ‘‘संयुक्त बंगाल एक शक्ति है और हमारा उद्देश्य इसे अलग करना है, ताकि हमारे शासन के ....
Question : दक्ष निष्क्रिय नीति क्या थी? इसका त्याग क्यों कर दिया गया?
(1996)
Answer : प्रथम अफगान युद्ध का अनुभव अंग्रेजों के लिए बड़ा कटु रहा था। 1863 में अफगानिस्तान का अमीर दोस्त मुहम्मद मर गया। मरने से पहले उसने अपने एक पुत्र शेर अली को उत्तराधिकारी नियुक्त किया। परंतु, उसकी मृत्यु के तुरंत बाद उसके 16 पुत्रों में गृह युद्ध आरंभ हो गया। सभी प्रतिद्वंदी अंग्रेजों की सहायता के इच्छुक थे, किन्तु लॉर्ड लॉरेंस ने कुशल अकर्मण्यता का अनुसरण करते हुए संघर्षशील भाइयों को सहायता देने से इंकार कर ....
Question : मैकडोनाल्ड निर्णय क्या था? इसे किस प्रकार संशोधित किया गया?
(1996)
Answer : द्वितीय गोलमेज सम्मेलन की समाप्ति पर रैम्से मैकडोनाल्ड ने अगस्त 1932 में ‘सांप्रदायिक निर्णय’ की घोषणा की। इस नवीनतम घोषणा में दलित वर्ग को भी मुसलमान, सिख, ईसाई के साथ अल्पसंख्यक वर्ग में रख दिया गया, जिसके सदस्यों का चुनाव ‘पृथक निर्वाचक मंडल’ द्वारा होना था।
गांधीजी ने दलितों को अल्पसंख्यक वर्ग में शामिल करने तथा उन्हें पृथक निर्वाचन का अधिकार देने की सरकार के निर्णय की आलोचना की। उन्होंने दलित वर्ग के प्रतिनिधियों का चुनाव ....
Question : भारत में राष्ट्रीय आंदोलन के प्रवाह को प्रभावित करने में तिलक का क्या योगदान रहा?
(1996)
Answer : एक राजनीतिक नेता के रूप में तिलक ने ‘केसरी’ तथा ‘मराठा’ नामक समाचार-पत्रों द्वारा अपने विचार एवं संदेशों का प्रचार किया। 1896 के दुर्भिक्ष के समय से ही उन्होंने जनता को राजनीति का रहस्य समझाया और भारतीय राजनीति में एक प्रचंड तत्व को सक्रिय कर दिया। तिलक प्रथम कांग्रेसी नेता थे, जो देश के लिए अनेक बार जेल गए। वही पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने स्वराज्य की मांग स्पष्ट रूप से की और नारा दिया कि, ....
Question : अपनी आत्मकथा में नेहरू ने ‘लिबरल वर्ग’ की इतनी अधिक आलोचना क्यों की थी।
(1996)
Answer : असहयोग आंदोलन (1920) के आरंभ होने से पूर्व कांग्रेस के कुछ नेताओं ने उदारवादी राजनीति अपनाने की वकालत की और वैसा संभव न होने पर उन लोगों ने एक लिबरल फेडरेशन बना ली, जिसके नेता, एस.एन. बनर्जी एवं श्रीनिवास शस्त्री जैसे लोग थे। उनकी नीतियों की पंडित नेहरू ने जमकर आलोचना की। नेहरू के अनुसार लिबरल नेताओं ने ब्रिटिश शासन को एक वरदान के रूप में माना और इसी कारण उन लोगों ने अपने को ....
Question : अंतरराष्ट्रीयवाद और मानवतावाद पर बल देने में टैगोर अपने समय से बहुत आगे थे? व्याख्या कीजिए।
(1996)
Answer : टैगोर के अंतरराष्ट्रयतावाद को आध्यात्मिक मानवतावाद कहा जाता है। वे प्रत्येक मनुष्य को विश्व नागरिक मानते थे। उनके विशाल एवं कवि हृदय ने देश-काल की संकीर्णता को स्वीकार नहीं किया। उनके अनुसार समस्त मानवों की सहज मनोवैज्ञानिक भावनाएं एवं संवेदनाएं देश-काल की परिधि से मुक्त हैं और संवेदनाओं तथा अनुभूतियों के धरातल पर समस्त मानव समुदाय एक ही है। भारत अथवा भारतीयों की चर्चा करते समय उनके समक्ष समस्त मानवता का विशाल संदर्भ होता था। ....
Question : आप निम्नलिखित के विषय में क्या जानते हैं?
(i)बटलर कमिटी रिपोर्ट
(ii) अगस्त प्रस्ताव, 1940
(iii) भारत की थियोसोफिकल सोसाइटी
(1996)
Answer : (i) बटलर कमिटी रिपोर्ट देशी रियासतों से संबद्ध है। यह कमिटी ‘सर्वोच्चता’ को परिभाषित करने के लिए बनायी गई थी, परंतु इस रिपोर्ट ने सर्वोच्चता को अपरिभाषित ही रखा और अत्यधिक आलोचनाओं का शिकार हुआ।
(ii) वायसराय लॉर्ड लिनलिथगो ने 8 अगस्त, 1940 को एक घोषणा की, जिसके अंतर्गत डोमिनियन स्टेटस, युद्ध पश्चात संविधान बनाने के लिए एक निकाय के गठन, वायसराय की कार्यकारिणी का विस्तार तथा एक युद्ध समिति के गठन का प्रस्ताव था।
(iii) 1882 ....
Question : निम्नलिखित स्थान किन घटनाओं से संबंधित हैं?
(i)हरिपुरा
(ii) चौरी-चौरा
(iii)बारदोली
(iv) दांडी
(1996)
Answer : (i) हरिपुरा में 1938 में कांग्रेस अधिवेशन हुआ था, जिसमें सुभाष चन्द्र बोस को अध्यक्ष बनाया गया था। यह पहला अवसर था, जब किसी गांव में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था।
(ii) चौरी-चौरा उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के निकट स्थित है। यहां 5 फरवरी, 1922 को ग्रामीणों द्वारा कुछ पुलिसकर्मियों को जिन्दा जला दिया गया। इसे चौरी-चौरा हत्याकांड कहा जाता है। इसी कारण गांधीजी ने असहयोग आन्दोलन को वापस ले लिया।
(iii) बारदोली नामक स्थान गुजरात में ....
Question : निम्नलिखित क्यों प्रसिद्ध हुए?
(i) भारतेन्दु हरिशचन्द्र
(ii)सी. राजगोपालाचारी
(iii) ए.ओ. ह्यूम
(iv) बिरसा मुंडा
(1996)
Answer : (i) भारतेन्दु हरिशचन्द्र हिन्दी के राष्ट्रवादी कवि थे, जिन्होंने अपनी रचनाओं से राष्ट्रवाद को आगे बढ़ाया। इनकी रचनाओं में ‘भारत दुर्दशा’ सर्वाधिक चर्चित पुस्तक है।
(ii) सी. राजगोपालाचारी भारत के अंतिम गवर्नर जनरल थे। भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में इन्होंने महत्वपूर्ण कार्य किए। 1944 में इनके द्वारा प्रस्तावित ‘सी.आर. फार्मूले’ से इन्हें काफी प्रसिद्धि मिली।
(iii) ए.ओ. ह्यूम इंडियन सिविल सेवा के अधिकारी थे, जिन्होंने अवकाश ग्रहण करने के बाद कांग्रेस का गठन किया। कुछ वर्षों तक वे ....
Question : क्या आपके विचार से भारत का विभाजन अपरिहार्य था? विभाजन के नाजुक प्रश्न पर महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और मौलाना आजाद के दृष्टिकोण का विवेचन कीजिए।
(1995)
Answer : वर्ष 1935 के उपरांत अंग्रेजों की भारतीय सत्ता पर पकड़ धीरे-धीरे कमजोर होती जा रही थी। प्रान्तीय स्वशासन के दौरान कांग्रेस मंत्रियों की आज्ञा का पालन करने के कारण अंग्रेज आई.सी.एस. अधिकारियों का मनोबल गिरने से, द्वितीय महायुद्ध में विजय प्राप्त करने के बावजूद ब्रिटिश आर्थिक परिस्थितियों में बढ़ती विषमता, 1946 में भारतीय नौ सेना के संगठित विद्रोह तथा शक्ति व शोषण द्वारा भारत पर शासन करने से विश्व जनमानस, विशेषकर अमेरिकी जनमानस पर विपरीत ....
Question : सविनय अवज्ञा आन्दोलन का भारत के विविध प्रान्तों पर क्या प्रभाव पड़ा? उसने भारत में कृषक आन्दोलन का किस प्रकार पोषण किया?
(1995)
Answer : महात्मा गांधी के नेतृत्व में वर्ष 1930 में सविनय अवज्ञा आनदोलन प्रारंभ हुआ था। 6 अप्रैल, 1930 को गुजरात के दांडी नामक जगह पर समुद्र तट पर पड़े नमक को उठा कर तथा नमक कानून को तोड़ कर गांधीजी ने इस आन्दोलन की शुरूआत की थी। गंधीजी ने 6 अप्रैल से 13 अप्रैल तक राष्ट्रीय स्प्ताह मनाने की अपील की। इसके साथ ही सारे देश में सरकार के प्रबल विरोध व दमन के बावजूद नमक ....
Question : भारतीय सिविल सेवा (इंडियन सिविल सर्विस) में मुक्त प्रतियोगिता परीक्षाओं की पद्धति कब आरंभ की गई? भारतीय शासन अधिनियम, 1919 के पारित होने तक के भारतीय सिविल सेवा के विकास का विश्लेषण कीजिए।
(1995)
Answer : चार्टर अधिनियम 1853 द्वारा सिविल सेवाओं में नियुक्ति हेतु प्रतियोगिता परीक्षा प्रणाली लागू की गई थी। अधिनियम द्वारा यह व्यवस्था की गई थी कि इस परीक्षा में भारतीय भी भाग ले सकते थे। लेकिन यह परीक्षा इंग्लैण्ड में आयोजित की जाती थी, इसलिए उस समय की परिस्थिति के अनुसार काफी कम भारतीय इसमें भाग ले पाते थे। भारतीय सिविल सेवा अधिनियम, 1861 में कुछ पदों को प्रसंविदा सिविल सर्वेन्ट्स के लिए आरक्षित कर दिया गया ....
Question : उन्नीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध में ईस्ट इण्डिया कंपनी द्वारा लागू किए गए सामाजिक विधानों के विविध पक्षों का विवेचन कीजिए।
(1995)
Answer : ईस्ट इंडिया कंपनी की सरकार ने सन् 1813 तक भारत के धार्मिक, समाजिक तथा सांस्कृतिक जीवन में अहस्तक्षेप की नीति अपनायी, लेकिन 1813 के उपरान्त उन्होंने भारतीय समाज और संस्कृति को परिवर्तित करने के लिए सक्रिय कदम उठाए। जेम्स मिन तथा विलियम बेंटिक जैसे उग्र-सुधारवादी अंग्रेजों ने भारतीय समाज की बुराइयों को दूर करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य किया। भारतीय समाज को पुरातनपंथी जकड़न से मुक्त करने और समाज के आधुनिकीकरण में ईसाई ....
Question : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना तक हुए भारतीय राष्ट्रीयता के उद्भव की रूपरेखा दीजिए।
(1995)
Answer : भारतीय राष्ट्रीयता की भावना की शुरूआत राजा राममोहन राय और उनके जागरूक भारतीय सहयोगियों के प्रयास से ही हुई थी। इसलिए राजा राममोहन राय को ‘भारतीय राष्ट्रीयता का जनक’ भी कहा जाता है। भारतीय राष्ट्रीयता के जनक और उनके अन्य सहयोगियों ने लोकतांत्रिक अधिकारों जैसे प्रेस की आजादी तथा देश के प्रशासन में राष्ट्रीय आवाज होने के अधिकार को प्राप्त करने के लिए सतत संघर्ष करते रहे। वैसे यह भी सत्य है कि भारतीय राष्ट्रीयता ....
Question : भारतीय रजवाड़ों को ‘तूफान में तरंग रोध’ मानने की लॉर्ड केनिंग की नीति को अंग्रेजों ने किस प्रकार चित्रित किया?
(1995)
Answer : सन् 1857 के स्वतंत्रता आन्दोलन के उपरान्त अंग्रेजों ने भारतीय राजवाड़ों के प्रति अपनी नीति में बदलाव लाते हुए इन्हें हथियाने की नीति का परित्याग कर दिया। 1857 के उपरांत अंग्रेजों ने राजवाड़ों को उनके राज्य क्षेत्र में राजनीतिक और आर्थिक स्वायत्तता प्रदान करने की नीति अपनायी, क्योंकि 1857 के विद्रोह के समय भारत के अधिकांश रजवाड़ों ने ब्रिटिश सरकार तथा कंपनी के प्रति निष्ठा रखते हुए विद्रोह के विरूद्ध उनका साथ दिया था। लॉर्ड ....
Question : अंग्रेजों के शासनकाल में तकनीकी शिक्षा के वर्द्धन और विकास का मूल्यांकन कीजिए।
(1995)
Answer : अपने शासनकाल में अंग्रेजों ने भारत में तकनीकी शिक्षा के वर्द्धन तथा विकास हेतु मात्र उतना ही ध्यान दिया या प्रयास किया, जितना कि उन्हें अपनी सेनाओं तथा उनके अपने हित के लिए आवश्यक लगा। इसी क्रम में उत्तर-पश्चिमी प्रान्त में सन् 1847 में रुड़की में तथा सन् 1856 में कलकत्ता में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की गई और पूना के ओवरसियर कॉलेज का दर्जा बढ़ा कर पूना कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग कर दिया गया। लेकिन ....
Question : ‘‘स्वामी विवेकानन्द को सहज ही भारतीय राष्ट्रीयता का जनक कहा जा सकता है।’’ स्पष्ट कीजिए?
(1995)
Answer : स्वामी रामकृष्ण परमहंस के शिष्य स्वामी विवेकानंद ने धर्म द्वारा भारत और भारतीयों में नयी स्फूर्ति फूंकने के अपने प्रयास के तहत सन् 1883 में सारे भारत का भ्रमण किया था। सन् 1893 में शिकागो धर्म संसद में भाग लेकर उन्होंने हिन्दुत्व का सही अर्थ बताते हुए यह स्पष्ट किया कि वेदान्त विश्व का सबसे महान एवं सार्वभौमिक धर्म है। विश्व के समक्ष हिन्दुत्व की व्याख्या करते हुए स्वामी विवेकानंद ने पूर्व और पश्चिम तात्त्विक ....
Question : गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर का धर्म का स्वरूप कहां तक उनके प्रकृति प्रेम से प्रतिबद्ध था?
(1995)
Answer : गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर प्रकृति के बहुत बड़े प्रेमी थे और हमेशा प्रकृति के समीप रहने की कोशिश करते थे। उन्होंने हमेशा प्रकृति से कुछ सीखने की वकालत की। बचपन से ही उन्हें प्रकृति से प्रेम हो गया था और वे प्रकृति में ही ईश्वर के दर्शन करते थे। वे रोज प्रातःकाल उठकर अपने घर के बगीचे में बैठकर उगते हुए सूर्य की अनुपम छटा को देख कर आनंदित और प्रफुल्लित हो उठते थे। गुरुदेव प्रकृति ....
Question : निम्नलिखित के विषय में आप क्या जानते हैं?
(i) अलीगढ़ आन्दोलन
(ii)शुद्धि आन्दोलन
(iii) ब्रह्म आन्दोलन
(1995)
Answer : (i) अलीगढ़ आन्दोलनः इस आन्दोलन के प्रणेता अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खां थे। इस आन्दोलन के अन्य प्रमुख नेता चिराग अली, अलताफ हुसैन अली, नजीर मुहम्मद, मौलाना शिवली नुमानी आदि थे। इस आन्दोलन का मुख्य ध्येय भारत के मुसलमानों को आधुनिक वैज्ञानिक शिक्षा की सुविधाएं उपलब्ध कराना था।
(ii) शुद्धि आन्दोलनः यह आन्दोलन आर्य समाज के प्रणेता स्वामी दयानन्द सरस्वती ने परिवर्तित मुसलमानों को पुनः हिन्दू धर्म में लाने के लिए चलाया ....
Question : निम्नलिखित की प्रसिद्धि का क्या कारण है?
(i) भाई परमानन्द
(ii) डॉ. सत्यपाल
(iii) वासुदेव बलवंत फड़के
(iv) जॉर्ज यूल
(v)एन.सी. केलकर
(vi) सी.एफ. एंड्रूज
(1995)
Answer : (i) भाई परमानन्दः 1874 ई. में पंजाब में जालंधर में जन्मे भाई परमानन्द एक समाज सुधारक थे। इन्हें त्यागमूर्ति के नाम से जाना जाता था। हिन्दू राष्ट्रवाद के समर्थक तथा गदर पार्टी के सदस्य भाई परमानन्द ने नेहरू रिपोर्ट (1928) का विरोध किया था। वे 1933 में हिन्दू महासभा के अध्यक्ष तथा 1931 व 1934 में केंद्रीय लेजिस्लेटिव एसेम्बली के सदस्य चुने गए। भाई परमानन्द ने ‘हिन्द आउटलुक’ नामक पत्र भी निकाला था।
(ii) डॉ. सत्यपालः ....