अमृत मिशन 2.0


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1 अक्टूबर, 2021 को ‘अमृत मिशन’ (Atal Mission for Rejuvenation and Urban Transformation Mission)के दूसरे चरण की शुरुआत की।

  • अमृत मिशन 2.0, 2015 में प्रारंभ किए गए अमृत मिशन का दूसरा चरण है, जिसका फोकस प्रत्येक आवास तक ‘जल आपूर्ति’ (Water Supply) तथा ‘सीवेज कनेक्शन’ (Sewage Connection) सुनिश्चित करना है।
  • अमृत 2.0 का लक्ष्य लगभग 4,700 शहरी स्थानीय निकायों के सभी घरों को जल आपूर्ति का 100% कवरेज प्रदान करना है।
  • यह मिशन ‘सार्वजनिक-निजी भागीदारी’ (PPP) के माध्यम से स्टार्ट-अप तथा उद्यमों के जरिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ (self-reliant India) के विजन को आगे बढ़ाना का लक्ष्य रखता है।

मिशन के उद्देश्य

  • हर घर में पीने के पानी के साथ ‘सीवर प्रबंधन’ (Sewer Management) की व्यवस्था करना।
  • शहरों में ‘हरियाली’ (Greenery)के साथ अच्छी तरह से खुले पार्कों का विकास करना।
  • सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में गैर-मोटर चालित परिवहन (जैसे- पैदल चलना तथा साइकिल का प्रयोग) के प्रयोग को बढ़ावा देना ताकि ‘शहरी प्रदूषण’ (Urban Pollution) को कम किया जा सके ।
  • योजना के तहत ‘पीने के पानी’ (Drinking Water) तथा सीवर प्रबंधन को मजबूत करने के बाद इसमें अन्य लक्ष्यों को जोड़ा जाएगा।

अमृत मिशन 2.0 के महत्वपूर्ण घटक

  • संपोषणीय स्वच्छ जल आपूर्ति (Sustainable Freshwater Supply): इसके तहत स्वच्छ जल की आपूर्ति बढाने के लिए जल निकायों का कायाकल्प करना शहरी ‘जल संचयन’ (Water Harvesting) को प्रोत्साहित करना सम्मिलित है।
  • अपस्केलिंग (Upscaling) : अमृत मिशन के प्रारंभिक चरण में आने वाले 500 शहरों की संख्या को बढाकर 1 लाख से अधिक जनसंख्या वाले सभी 4,372 शहरों को योजना में कवर करना।
  • पेय जल सर्वेक्षण :पानी के समान वितरण, ‘अपशिष्ट जल के पुनः उपयोग’ (Reutilization of Waste Water) तथा ‘जल निकायों के मानचित्रण’ (Mapping of Water Bodies) के लिए ‘पेय जल सर्वेक्षण’ (Drinking Water Survey) कराया जाएगा।
  • जल के लिए प्रौद्योगिकी उप-मिशन : इसके तहत स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए उपलब्ध तकनीकों का विकास किया जाएगा।

अमृत मिशन

  • मिशन की शुरुआत- 2015
  • मिशन के फोकस क्षेत्र –
    1. जल आपूर्ति (Water Supply)
    2. हरित क्षेत्रों/पार्कों का विकास करना (Development of Green Spaces/Parks) ।
    3. गैर-मोटर चालित शहरी परिवहन (Non-Motorized Urban Transport) का विकास करना।
    4. सीवर प्रबंधन (Sewer Management)
    5. बाढ़ प्रबंधन के लिए जला निकासी की व्यवस्था
  • अमृत मिशन के तहत लगभग 500 शहरों को चुना गया था।
  • पहले पांच वर्षों के लिए (2015-2020) के लिए योजना के तहत 50,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था। हालांकि लक्ष्यों की प्राप्ति न होने पर इसे 31 मार्च,2021 तक विस्तारित कर दिया गया था।
  • इसी क्रम में सरकार ने 3 अक्टूबर,2021 को योजना के दूसरे चरण अमृत 2.0 का शुभारंभ किया है।